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  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

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प्रकाशितवाक्य 12:1

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  • खोजबीन गाइड

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 117

प्रकाशितवाक्य 12:3

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2001, पेज 6

    4/1/1989, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 23

प्रकाशितवाक्य 12:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 117

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:6

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 32

प्रकाशितवाक्य 12:7

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  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 121

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 10

प्रकाशितवाक्य 12:8

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

प्रकाशितवाक्य 12:9

फुटनोट

  • *

    प्रका 12:9 या, “पूरी धरती पर जहाँ-जहाँ लोग बसे हुए हैं।”

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 10

    5/15/2009, पेज 18

    2/15/2004, पेज 16

प्रकाशितवाक्य 12:10

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  • खोजबीन गाइड

    सिखाती है, पेज 86

    बाइबल सिखाती है, पेज 79-80

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2006, पेज 22

    4/15/1999, पेज 17

    3/1/1991, पेज 19-20

प्रकाशितवाक्य 12:11

फुटनोट

  • *

    प्रका 12:11 शाब्दिक, “उनकी गवाही के वचन।”

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2007, पेज 31

    3/1/1991, पेज 19-20

प्रकाशितवाक्य 12:12

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    सिखाती है, पेज 86-87

    बाइबल सिखाती है, पेज 80

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2001, पेज 6

    10/1/1999, पेज 4

    4/1/1996, पेज 17-18

    11/1/1995, पेज 19

    12/1/1988, पेज 20

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 137

प्रकाशितवाक्य 12:14

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 32

प्रकाशितवाक्य 12:15

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2020, पेज 6

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 150-151

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:16

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2022, पेज 6

    गवाही दो, पेज 164

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    12/2019, पेज 8

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 151

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2009, पेज 32

    6/1/1991, पेज 15

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:17

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2022, पेज 5-6, 16

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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
प्रकाशितवाक्य 12:1-17

प्रकाशितवाक्य

12 और स्वर्ग में एक बड़ी निशानी दिखायी दी। एक स्त्री सूरज ओढ़े हुए थी और चाँद उसके पैरों तले था और उसके सिर पर बारह तारों का ताज था, 2 और वह गर्भवती थी। वह दर्द से चिल्ला रही थी और बच्चा जनने की पीड़ा से तड़प रही थी।

3 फिर स्वर्ग में एक और निशानी दिखायी दी, और देखो! आग जैसे लाल रंग का एक बड़ा भयानक अजगर, जिसके सात सिर और दस सींग थे और जिसके सिरों पर सात मुकुट थे। 4 उसने अपनी पूंछ से आकाश के एक-तिहाई तारों को घसीटकर उन्हें धरती पर फेंक दिया। और यह अजगर उस स्त्री के सामने खड़ा रहा जो बच्चा जनने ही वाली थी, ताकि जब वह बच्चा जने तो वह उसके बच्चे को निगल जाए।

5 उस स्त्री ने एक बेटे, यानी एक लड़के को जन्म दिया, जो सब राष्ट्रों को चरवाहे की तरह लोहे की छड़ से हाँकेगा। और उस स्त्री के बच्चे को फौरन परमेश्‍वर और उसकी राजगद्दी के पास ले जाया गया। 6 वह स्त्री वीराने में भाग गयी, जहाँ परमेश्‍वर ने उसके लिए एक जगह तैयार की थी, ताकि वहाँ एक हज़ार दो सौ साठ दिन तक उसका पालन-पोषण किया जाए।

7 और स्वर्ग में युद्ध छिड़ गया: मीकाएल और उसके स्वर्गदूतों ने अजगर से लड़ाई की, और अजगर और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों ने उनके साथ लड़ाई की। 8 मगर अजगर सामना न कर सका, और स्वर्ग में फिर उनके लिए जगह न रही। 9 इसलिए वह बड़ा भयानक अजगर, वही पुराना साँप, जो इब्‌लीस और शैतान कहलाता है, और जो सारे जगत* को गुमराह करता है, वह नीचे धरती पर फेंक दिया गया और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए।

 10 और मैंने स्वर्ग से एक ज़ोरदार आवाज़ को यह कहते सुना:

“हमारे परमेश्‍वर की तरफ से उद्धार और उसकी शक्‍ति और उसका राज और उसके मसीह का अधिकार अब ज़ाहिर हुआ है क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाला नीचे फेंक दिया गया है, जो दिन-रात हमारे परमेश्‍वर के सामने उन पर दोष लगाया करता था! 11 और उन्होंने मेम्ने के लहू की वजह से और उस संदेश* की वजह से जिसकी उन्होंने गवाही दी, शैतान पर जीत हासिल की और मौत का सामना करते वक्‍त भी अपनी जान की परवाह न की। 12 इस वजह से हे स्वर्गो और उनमें रहनेवालो, खुशियाँ मनाओ! धरती और समुद्र, तुम पर हाय क्योंकि शैतान तुम्हारे पास नीचे आ गया है और बड़े क्रोध में है, क्योंकि वह जानता है कि उसका बहुत कम वक्‍त बाकी रह गया है।”

13 जब अजगर ने देखा कि उसे धरती पर फेंक दिया गया है तो उसने उस स्त्री पर ज़ुल्म ढाए जिसने लड़के को जन्म दिया था। 14 मगर स्त्री को बड़े उकाब के दो पंख दिए गए ताकि वह उड़कर वीराने में उस जगह चली जाए जो उसके लिए तैयार की गयी थी और वहाँ साँप से दूर एक समय, दो समयों और आधे समय के लिए उसका पालन-पोषण किया जाए।

15 और साँप ने उस स्त्री के पीछे अपने मुँह से नदी के जैसी पानी की धारा छोड़ी ताकि वह स्त्री नदी में डूब जाए। 16 मगर पृथ्वी ने स्त्री की मदद की और पृथ्वी ने अपना मुँह खोला और अजगर के मुँह से निकली नदी को निगल लिया। 17 और अजगर स्त्री पर बहुत क्रोधित हुआ और उस स्त्री के वंश के बाकी बचे हुओं से युद्ध करने निकल पड़ा, जो परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं और जिनके पास यीशु की गवाही देने का काम है।

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