2 थिस्सलुनीकियों
2 मगर भाइयो, जहाँ तक हमारे प्रभु यीशु मसीह की मौजूदगी* और उसके साथ हमारे इकट्ठा होने के वक्त की बात है, हम तुमसे यह गुज़ारिश करते हैं: 2 किसी प्रेरित वचन* या ज़बानी संदेश या चिट्ठी से, जिसके बारे में कहा जाए कि यह हमारी तरफ से है, तुम यह न मान लेना कि यहोवा* का दिन आ पहुँचा है और उतावली में आकर अपनी समझ-बूझ न खो बैठना, न ही घबरा जाना।
3 इस मामले में कोई भी तुम्हें बहका न पाए, क्योंकि वह दिन तब तक नहीं आएगा, जब तक कि पहले परमेश्वर के खिलाफ बगावत* न हो और दुराचारी पुरुष यानी विनाश का बेटा प्रकट न किया जाए। 4 वह विरोध करने पर तुला हुआ है और ऐसा हर कोई जिसे “ईश्वर” कहा जाता है और ऐसी हर चीज़ जिसे श्रद्धा दी जाती है, उन सबसे खुद को बड़ा ठहराता है। यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मंदिर में बैठ जाता है और इस तरह सब लोगों के सामने यह दिखाता है कि वह एक ईश्वर जैसा है। 5 क्या तुम्हें याद नहीं कि जब मैं तुम्हारे साथ था, तब मैं तुम्हें बताया करता था कि ये बातें होंगी?
6 और तुम अब उस चीज़ को जानते हो जो दुराचारी पुरुष को रोकने का काम कर रही है जिससे कि वह अपने वक्त पर ज़ाहिर किया जाए। 7 सच है कि यह दुराचार, जो एक रहस्य है, अभी से अपना काम शुरू कर चुका है। मगर यह सिर्फ तब तक रहस्य है जब तक कि वह हट नहीं जाता जो अभी इसे रोकने का काम कर रहा है। 8 इसके बाद, वह दुराचारी वाकई सामने आ जाएगा, और प्रभु यीशु जिस दौरान अपनी मौजूदगी ज़ाहिर करेगा वह उस दुराचारी को अपने मुँह की फूँक से मिटा देगा और उसे भस्म कर देगा। 9 मगर उस दुराचारी का मौजूद होना शैतान का काम है। वह दुराचारी हर तरह के शक्तिशाली काम और झूठे चमत्कारों, आश्चर्य के कामों और 10 हर तरह की बुराई और छल के साथ मौजूद होगा। उसके इन सब कामों का निशाना वे लोग होंगे जो विनाश की तरफ बढ़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सच्चाई से प्यार नहीं किया जिससे कि वे उद्धार पा सकें। 11 इसी वजह से परमेश्वर उनके बीच छल को काम करने देता है कि वे झूठ पर यकीन करें, 12 जिससे कि उन सबको न्यायदंड दिया जा सके क्योंकि उन्होंने सच्चाई पर यकीन नहीं किया बल्कि बुराई से खुशी पायी।
13 लेकिन भाइयो, तुम जो यहोवा के प्यारे हो, तुम्हारे लिए हमेशा परमेश्वर का धन्यवाद करना हमारा फर्ज़ बनता है, क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें शुरू से चुन लिया है। उसने अपनी पवित्र शक्ति से तुम्हें शुद्ध करने के ज़रिए और सच्चाई पर तुम्हारे विश्वास की वजह से तुम्हें उद्धार के लिए चुना है। 14 इसी उद्धार को पाने के लिए उसने तुम्हें उस खुशखबरी के ज़रिए बुलाया जो हम सुनाते हैं। इसका मकसद यह है कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा हासिल करो। 15 इसलिए भाइयो, मज़बूत खड़े रहो और जो बातें* तुम्हें सिखायी गयी थीं उन्हें थामे रहो, चाहे वे तुम्हें ज़बानी सिखायी गयी थीं या हमारी चिट्ठी के ज़रिए। 16 ऐसा हो कि खुद हमारा प्रभु यीशु मसीह और परमेश्वर हमारा पिता, जिन्होंने हमसे प्यार किया और अपनी महा-कृपा के ज़रिए हमें हमेशा कायम रहनेवाला दिलासा दिया और एक शानदार आशा दी, 17 तुम्हारे दिलों को दिलासा दें और तुम्हें हर अच्छे काम और वचन के लिए मज़बूत करें।