28 मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि हर वह आदमी जो किसी औरत को ऐसी नज़र से देखता रहता है+ जिससे उसके मन में उसके लिए वासना पैदा हो, वह अपने दिल में उस औरत के साथ व्यभिचार कर चुका है।+
7 तो फिर हम क्या कहें? क्या कानून में खोट है?* हरगिज़ नहीं! दरअसल अगर कानून न होता, तो मैं पाप के बारे में कभी नहीं जान पाता।+ मिसाल के लिए, अगर कानून यह न कहता, “तू लालच न करना,” तो लालच क्या है यह मैं नहीं जान पाता।+