32 प्रायश्चित करने का काम वही याजक करेगा जिसका अभिषेक किया जाता है+ और जिसे अपने पिता की जगह+ याजकपद सौंपा जाता है।*+ वह पवित्र पोशाक+ यानी मलमल की पोशाक पहनेगा।+
17 जब वे भीतरी आँगन के दरवाज़ों के अंदर जाएँगे तो उन्हें मलमल के कपड़े पहनने चाहिए।+ जब वे भीतरी आँगन के दरवाज़ों में या अंदर सेवा करते हैं तो उनके शरीर पर कोई भी ऊनी कपड़ा नहीं होना चाहिए।