16 मैं तेरे वंश को इतना बढ़ाऊँगा कि उनकी गिनती धूल के कणों की तरह अनगिनत हो जाएगी। जैसे कोई धूल के कणों को नहीं गिन सकता, वैसे ही तेरे वंश को भी कोई नहीं गिन पाएगा।+
17 कि मैं तुझे ज़रूर आशीष दूँगा और तेरे वंश* को इतना बढ़ाऊँगा कि वह आसमान के तारों और समुंदर किनारे की बालू के किनकों जैसा अनगिनत हो जाएगा।+ और तेरा वंश* अपने दुश्मनों के शहरों* को अपने अधिकार में कर लेगा।+
26 हर आदमी ने पवित्र-स्थान के शेकेल* के मुताबिक आधा शेकेल चाँदी लाकर दी थी। कुल मिलाकर 6,03,550 आदमियों के नाम लिखे गए थे जिनकी उम्र 20 या उससे ज़्यादा थी।+
32 इन सभी इसराएलियों के नाम अपने-अपने पिता के कुल के मुताबिक लिखे गए। सभी छावनियों में से जितने आदमियों के नाम सेना में लिखे गए उनकी कुल गिनती 6,03,550 थी।+