11 तब मूसा ने अपने परमेश्वर यहोवा से फरियाद की,+ “हे यहोवा, तू क्यों अपने लोगों पर इतना भड़क रहा है? तू कितने बड़े-बड़े अजूबे करके अपने शक्तिशाली हाथ से उन्हें मिस्र से निकालकर लाया है। अब तू क्यों उन्हें मिटा देना चाहता है?+
16 इसलिए तुम एक-दूसरे के सामने खुलकर अपने पाप मान लो+ और एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करो ताकि तुम अच्छे हो जाओ। एक नेक इंसान की मिन्नतों का ज़बरदस्त असर होता है।+