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  • गिनती 30:2
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 2 अगर कोई आदमी यहोवा के लिए एक मन्‍नत मानता है+ या शपथ खाकर+ किसी चीज़ का त्याग करने की मन्‍नत मानता है और इस तरह खुद पर बंदिश लगाता है, तो उसे अपने वचन से नहीं मुकरना चाहिए।+ उसने जो भी मन्‍नत मानी है उसे पूरा करना होगा।+

  • भजन 15:4
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    •  4 वह किसी तुच्छ इंसान से नाता नहीं रखता,+

      मगर यहोवा का डर माननेवालों का सम्मान करता है।

      वह अपना वादा निभाता है,* फिर चाहे उसे नुकसान सहना पड़े।+

  • नीतिवचन 20:25
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 25 उतावली में आकर मन्‍नत मानना और किसी चीज़ को अर्पित करना,+

      फिर बाद में उस पर सोच-विचार करना एक फंदा है।+

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