4 या अगर कोई जल्दबाज़ी में और बिना सोचे-समझे कसम खाता है, फिर चाहे कुछ अच्छा करने की शपथ हो या बुरा करने की, और बाद में जब उसे अपनी गलती का एहसास होता है कि उसने जल्दबाज़ी में कसम खायी थी तो वह दोषी होगा।*+
2 अगर कोई आदमी यहोवा के लिए एक मन्नत मानता है+ या शपथ खाकर+ किसी चीज़ का त्याग करने की मन्नत मानता है और इस तरह खुद पर बंदिश लगाता है, तो उसे अपने वचन से नहीं मुकरना चाहिए।+ उसने जो भी मन्नत मानी है उसे पूरा करना होगा।+
21 अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा के लिए कोई मन्नत मानते हो+ तो उसे पूरा करने में देर मत करना।+ तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुमसे ज़रूर इसकी माँग करेगा। अगर तुम उसे पूरा नहीं करते तो तुम पापी ठहरोगे।+