23 यहोवा ने उससे कहा, “तेरी कोख में दो लड़के* पल रहे हैं,+ उनसे दो राष्ट्र निकलेंगे और उन दोनों के रास्ते अलग-अलग होंगे।+ एक राष्ट्र दूसरे से ज़्यादा ताकतवर होगा+ और बड़ा छोटे की सेवा करेगा।”+
26 फिर उसका भाई पैदा हुआ जो उसकी एड़ी पकड़े हुए बाहर निकला।+ इसलिए उसका नाम याकूब* रखा गया।+ जब रिबका ने इन लड़कों को जन्म दिया, तब इसहाक 60 साल का था।
29 देश-देश के लोग तेरी सेवा करें और सभी राष्ट्र तेरे सामने अपना सिर झुकाएँ। तू अपने भाइयों का मालिक हो और तेरे भाई तेरे सामने सिर झुकाएँ।+ जो कोई तुझे शाप दे वह शापित ठहरे और जो कोई तुझे आशीर्वाद दे उसे आशीर्वाद मिले।”+
37 इसहाक ने जवाब दिया, “देख, मैंने उसे तेरा मालिक ठहराया है+ और उसके सभी भाइयों को उसका सेवक। मैंने उसे आशीर्वाद दिया है कि उसके पास खाने-पीने के लिए हमेशा अनाज और नयी दाख-मदिरा हो।+ अब तुझे देने के लिए मेरे पास बचा ही क्या मेरे बेटे?”