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  • 1 राजा 8:27-30
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 27 लेकिन क्या परमेश्‍वर वाकई धरती पर निवास करेगा?+ देख, तू तो आकाश में, हाँ, विशाल आकाश में भी नहीं समा सकता।+ फिर यह भवन क्या है जो मैंने बनाया है, कुछ भी नहीं!+ 28 हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा, आज तेरा यह सेवक तेरे सामने जो प्रार्थना कर रहा है उस पर ध्यान दे, उसकी कृपा की बिनती सुन। तू उसकी मदद की पुकार सुन और उसकी प्रार्थना स्वीकार कर। 29 तूने इस भवन के बारे में कहा था कि इससे तेरा नाम जुड़ा रहेगा,+ इसलिए तेरी आँखें दिन-रात इस भवन पर लगी रहें और जब तेरा सेवक इस भवन की तरफ मुँह करके प्रार्थना करे तो तू उस पर ध्यान देना।+ 30 जब तेरा यह सेवक और तेरी प्रजा इसराएल के लोग इस जगह की तरफ मुँह करके तुझसे कृपा की बिनती करें तो तू उनकी सुनना, अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी सुनना।+ तू उनकी फरियाद सुनना और उनके पाप माफ करना।+

  • यशायाह 66:1
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 66 यहोवा कहता है,

      “स्वर्ग मेरी राजगद्दी है और पृथ्वी मेरे पाँवों की चौकी।+

      तो फिर तुम मेरे लिए कैसा भवन बनाओगे?+

      मेरे रहने के लिए कहाँ जगह बनाओगे?”+

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