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1 राजा 6:23-28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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23 उसने भीतरी कमरे में चीड़ की लकड़ी* से दो करूब+ बनाए। हर करूब दस हाथ लंबा था।+ 24 एक करूब के दोनों पंख पाँच-पाँच हाथ लंबे थे। इसलिए उसके एक पंख के छोर से लेकर दूसरे पंख के छोर तक की लंबाई दस हाथ थी। 25 दूसरे करूब के दोनों पंखों की कुल लंबाई भी दस हाथ थी। दोनों करूब एक ही माप और एक ही आकार के थे। 26 दोनों करूबों की लंबाई दस-दस हाथ थी। 27 उसने इन दोनों करूबों+ को भीतरी कमरे* में खड़ा किया। करूबों के पंख इस तरह फैले हुए थे कि एक करूब का एक पंख एक तरफ की दीवार को छूता था और दूसरे करूब का एक पंख दूसरी तरफ की दीवार को छूता था। उनके बाकी दोनों पंख कमरे के बीचों-बीच एक-दूसरे को छूते थे। 28 उसने इन करूबों पर सोना मढ़ा।
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