12 इसलिए तूने जो माँगा है वह मैं तुझे दूँगा।+ मैं तुझे बुद्धि और समझ से भरा ऐसा दिल दूँगा+ कि जैसे तेरे समान पहले कोई नहीं था, वैसे ही तेरे बाद भी कोई नहीं होगा।+
26 जो इंसान परमेश्वर को खुश करता है उसे वह बुद्धि, ज्ञान और खुशी देता है।+ लेकिन पापी को वह बटोरने का काम देता है ताकि उसकी बटोरी हुई चीज़ें उस इंसान को मिलें, जो सच्चे परमेश्वर को खुश करता है।+ यह भी व्यर्थ है और हवा को पकड़ने जैसा है।
17 और सच्चे परमेश्वर ने इन चारों नौजवानों* को ज्ञान, बुद्धि और हर तरह के साहित्य के बारे में अंदरूनी समझ दी। उसने दानियेल को हर तरह के दर्शन और सपनों के बारे में समझ दी।+
25 उस वक्त यीशु ने कहा, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के मालिक, मैं सबके सामने तेरी बड़ाई करता हूँ कि तूने ये बातें बुद्धिमानों और ज्ञानियों से तो छिपाए रखीं, मगर नन्हे-मुन्नों पर प्रकट की हैं।+
5 इसलिए अगर तुममें से किसी को बुद्धि की कमी हो तो वह परमेश्वर से माँगता रहे+ और वह उसे दी जाएगी,+ क्योंकि परमेश्वर सबको उदारता से और बिना डाँटे-फटकारे* देता है।+