27 इसलिए तूने उन्हें दुश्मनों के हवाले कर दिया,+ जो उन्हें सताते रहे।+ मुसीबत की घड़ी में जब वे तुझसे फरियाद करने लगे, तब तूने स्वर्ग से उन पर ध्यान दिया। तुझे उन पर बड़ी दया आयी और तूने उनके पास कुछ आदमी भेजे कि वे उन्हें दुश्मनों से छुड़ाएँ।+
9 मगर फिर मैंने अपने नाम की खातिर ऐसा किया कि वे जिन जातियों के बीच रहते थे, उनके सामने मेरे नाम का अपमान न हो+ क्योंकि जब मैं उन्हें* मिस्र से बाहर ले आया तो मैंने दूसरी जातियों के देखते उन* पर खुद को प्रकट किया था।+