19 सारी ज़िंदगी तुझे रोटी* के लिए पसीना बहाना होगा और आखिर में तू मिट्टी में मिल जाएगा क्योंकि तू उसी से बनाया गया है।+ तू मिट्टी ही है और वापस मिट्टी में मिल जाएगा।”+
19 क्योंकि इंसानों और जानवरों का एक ही अंजाम होता है।+ जैसे जानवर मरता है वैसे ही इंसान भी मर जाता है। दोनों में जीवन की साँसें हैं।+ इंसान, जानवर से बढ़कर नहीं। इसलिए सबकुछ व्यर्थ है। 20 सब एक ही जगह जाते हैं।+ उन्हें मिट्टी से बनाया गया है+ और वे मिट्टी में मिल जाते हैं।+