4 वाकई, परमेश्वर उन स्वर्गदूतों को भी सज़ा देने से पीछे नहीं हटा जिन्होंने पाप किया था।+ मगर उन्हें तारतरस* में फेंक दिया+ और ज़ंजीरों से बाँधकर वहाँ घोर अंधकार* में डाल दिया ताकि सज़ा पाने के समय तक वे वहीं रहें।+
5 वे जानबूझकर इस हकीकत पर ध्यान नहीं देते कि परमेश्वर के कहने पर ही उस वक्त का आकाश कायम हुआ और ज़मीन पानी से ऊपर उठी और पृथ्वी पानी के बीच मज़बूती से कायम हुई।+6 इन्हीं के ज़रिए उस वक्त की दुनिया पर पानी का प्रलय आया और वह नाश हो गयी।+