12 मैं इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि इंसान के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं कि वह ज़िंदगी में खुश रहे और अच्छे काम करे।+13 साथ ही, वह खाए-पीए और अपनी मेहनत के सब कामों से खुशी पाए। यह परमेश्वर की देन है।+
17 जो इस ज़माने* में दौलतमंद हैं उन्हें हिदायत* दे कि वे घमंडी न बनें और अपनी आशा दौलत पर न रखें जो आज है तो कल नहीं रहेगी,+ बल्कि परमेश्वर पर रखें जो हमें बहुतायत में वह सारी चीज़ें देता है जिनका हम आनंद उठाते हैं।+