11इसराएलियों के हाकिम तो यरूशलेम में रहते थे,+ मगर बाकी लोग दूसरे शहरों में बसे हुए थे। इसलिए यह तय हुआ कि चिट्ठियाँ डाली जाएँगी+ और हर दस घराने में से जिस एक घराने के नाम चिट्ठी निकलेगी, वह पवित्र शहर यरूशलेम आकर रहेगा और बचे हुए नौ घराने अपने ही शहरों में रहेंगे।
17 एक बार फिर ऐलान कर, ‘सेनाओं का परमेश्वर यहोवा कहता है, “मेरे शहर एक बार फिर खुशहाली* से भर जाएँगे। यहोवा फिर से सिय्योन को दिलासा देगा+ और यरूशलेम को चुन लेगा।”’”+