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2 इतिहास 36:15, 16पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 उनके पुरखों का परमेश्वर यहोवा अपने दूत भेजकर उन्हें खबरदार करता रहा, बार-बार आगाह करता रहा क्योंकि उसके दिल में अपने लोगों और निवास के लिए करुणा थी। 16 मगर वे सच्चे परमेश्वर के दूतों का मज़ाक उड़ाते रहे,+ उसकी बातों को तुच्छ समझा+ और उसके भविष्यवक्ताओं की खिल्ली उड़ाते रहे।+ ऐसा वे तब तक करते रहे जब तक कि यहोवा का क्रोध अपने लोगों पर भड़क न उठा+ और उनके चंगे होने की कोई गुंजाइश नहीं बची।
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यिर्मयाह 7:24-26पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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24 मगर उन्होंने मेरी नहीं सुनी, मेरी तरफ कान नहीं लगाया।+ इसके बजाय, वे अपनी ही योजनाओं* के मुताबिक चले, ढीठ होकर अपने दुष्ट मन की सुनते रहे+ और आगे बढ़ने के बजाय पीछे जाते रहे। 25 जिस दिन तुम्हारे पुरखे मिस्र से निकले थे, तब से लेकर आज तक तुम ऐसा ही करते आए हो।+ इसलिए मैं अपने सभी सेवकों को, अपने भविष्यवक्ताओं को तुम्हारे पास भेजता रहा। मैंने उन्हें हर दिन भेजा, बार-बार भेजा।*+ 26 मगर इन लोगों ने मेरी सुनने से इनकार कर दिया और मेरी तरफ कान नहीं लगाया।+ ये ढीठ-के-ढीठ बने रहे और अपने पुरखों से भी बदतर निकले!
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यिर्मयाह 35:15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 मैंने अपने सब सेवकों को, भविष्यवक्ताओं को तुम्हारे पास भेजा था, बार-बार भेजा था*+ और तुमसे गुज़ारिश करता रहा, ‘तुम सब अपने बुरे रास्तों से पलटकर लौट आओ+ और सही काम करो! दूसरे देवताओं के पीछे मत जाओ, उनकी सेवा मत करो। तब तुम इस देश में बसे रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे पुरखों को दिया था।’+ मगर तुमने मेरी बातों पर कान नहीं लगाया और मेरा कहा नहीं माना।
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