7 तो मैं इसराएल को इस देश में से मिटा दूँगा जो मैंने उसे दिया है+ और इस भवन को, जिसे मैंने अपने नाम की महिमा के लिए पवित्र ठहराया है, अपनी नज़रों से दूर कर दूँगा।+ तब इसराएल सब देशों में मज़ाक* बनकर रह जाएगा, उसकी बरबादी देखकर सब हँसेंगे।+
12 “‘अब तुम शीलो में मेरे पवित्र-स्थान जाओ,+ जिसे मैंने अपने नाम की महिमा के लिए पहले चुना था।+ वहाँ जाकर देखो कि मैंने अपनी प्रजा इसराएल की बुराई की वजह से उस जगह का क्या हाल किया।’+
14 इसलिए मैंने शीलो का जो हश्र किया था, वही इस भवन का भी करूँगा जिससे मेरा नाम जुड़ा है+ और जिस पर तुम भरोसा करते हो।+ मैं इस जगह का, जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे पुरखों को दी थी, वही हाल करूँगा।+
18 हे मेरे परमेश्वर, मेरी प्रार्थना पर कान लगा और सुन! अपनी आँखें खोलकर हमारी बदहाली देख और वह शहर जो तेरे नाम से जाना जाता है, उसकी हालत पर गौर कर। हम इसलिए मिन्नतें नहीं कर रहे हैं कि हमने नेक काम किए हैं बल्कि इसलिए कि तू बड़ा दयालु है।+