4 मुझ यहेजकेल को दर्शन में उत्तर से एक भयानक आँधी आती हुई दिखायी दी।+ उसके साथ एक बहुत बड़ा बादल था जिसमें से आग की लपटें* निकल रही थीं।+ बादल के चारों तरफ तेज़ रौशनी चमक रही थी। आग के बीच में से सोने-चाँदी जैसा चमचमाता हुआ कुछ नज़र आया।+
27 जो उसकी कमर और ऊपर का हिस्सा लग रहा था वह सोने-चाँदी जैसा चमचमा रहा था।+ उसमें से आग जैसा कुछ निकल रहा था। कमर के नीचे का हिस्सा आग जैसा लग रहा था।+ उसके चारों तरफ ऐसी रौनक फैली हुई थी