32इस बीच जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से नीचे आने में देर लगा रहा है,+ तो वे सब हारून के पास जमा हो गए और उससे कहने लगे, “पता नहीं उस मूसा का क्या हुआ, जो हमें मिस्र से निकालकर यहाँ ले आया था। इसलिए अब हमारी अगुवाई के लिए तू एक देवता बना दे।”+
4 हारून ने वह सोना लिया और नक्काशी करनेवाले औज़ार से एक बछड़े की मूरत* तैयार की।+ फिर लोग कहने लगे, “हे इसराएल, यही तेरा परमेश्वर है जो तुझे मिस्र देश से बाहर ले आया है।”+
28 इसलिए राजा ने सलाह-मशविरा करने के बाद दो सोने के बछड़े बनवाए+ और लोगों से कहा, “तुम यरूशलेम जाने की तकलीफ क्यों उठाते हो। हे इसराएलियो देखो, तुम्हारा परमेश्वर यही है। यही तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया था।”+29 फिर यारोबाम ने एक बछड़ा बेतेल+ में खड़ा करवाया और दूसरा दान+ में।