17गिलाद+ के तिशबे के रहनेवाले एलियाह*+ ने अहाब से कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ, जिसकी मैं सेवा करता हूँ,* अब से आनेवाले सालों में देश में न ओस की बूँदें गिरेंगी, न बारिश होगी! जब तक मैं न कहूँ, तब तक ऐसा ही रहेगा।”+
14 उसने एलियाह की पोशाक ली और उसे पानी पर मारा और कहा, “एलियाह का परमेश्वर यहोवा कहाँ है?” जब उसने पोशाक पानी पर मारी, तो नदी का पानी दायीं और बायीं तरफ हटकर दो हिस्सों में बँट गया और एलीशा बीच से चलता हुआ उस पार गया।+