17गिलाद+ के तिशबे के रहनेवाले एलियाह*+ ने अहाब से कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ, जिसकी मैं सेवा करता हूँ,* अब से आनेवाले सालों में देश में न ओस की बूँदें गिरेंगी, न बारिश होगी! जब तक मैं न कहूँ, तब तक ऐसा ही रहेगा।”+
13 यहोवा अपने सब भविष्यवक्ताओं और दर्शियों को भेजकर इसराएल और यहूदा को चेतावनी देता और समझाता रहा,+ “तुम लोग ये दुष्ट काम करना छोड़ दो और पलटकर मेरे पास लौट आओ!+ और उस कानून में लिखी आज्ञाएँ और विधियाँ मानो जो मैंने तुम्हारे पुरखों को दिया था और अपने सेवक भविष्यवक्ताओं के ज़रिए तुम्हें दिया था।”
14 तब आमोस ने अमज्याह से कहा, “मैं न भविष्यवक्ता था, न भविष्यवक्ता का बेटा। मैं तो एक चरवाहा था+ और गूलर के पेड़ों की देखभाल करता था।*15 मगर यहोवा ने मुझे झुंड चराने का काम छोड़कर आने के लिए कहा। यहोवा ने मुझसे कहा, ‘जाकर मेरी प्रजा इसराएल को भविष्यवाणी सुना।’+