26 इसलिए कि जो कोई मेरा चेला होने और मेरे वचनों पर विश्वास करने में शर्मिंदा महसूस करता है, उसे इंसान का बेटा भी उस वक्त स्वीकार करने में शर्मिंदा महसूस करेगा जब वह अपनी, अपने पिता की और पवित्र स्वर्गदूतों की महिमा के साथ आएगा।+
17 और अगर तुम उस पिता को पुकारते हो जो बिना पक्षपात किए हरेक के कामों के मुताबिक न्याय करता है,+ तो आज जब तुम कुछ वक्त के लिए परदेसियों की तरह जी रहे हो, तो परमेश्वर का डर मानते हुए जीवन बिताओ।+