15सुबह होते ही मुखियाओं और शास्त्रियों ने प्रधान याजकों के साथ मिलकर यानी पूरी महासभा ने आपस में सलाह-मशविरा किया। उन्होंने यीशु को बाँधा और पीलातुस के पास ले गए और उसके हवाले कर दिया।+
66 जब दिन निकल आया तो लोगों के मुखियाओं की सभा इकट्ठा हुई, जिसमें प्रधान याजक और शास्त्री भी थे।+ वे उसे अपनी महासभा के भवन में ले गए और उससे पूछने लगे,