-
मत्ती 4:1-10पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
-
-
4 तब परमेश्वर की पवित्र शक्ति यीशु को वीराने में ले गयी। वहाँ शैतान* ने उसे फुसलाने की कोशिश की।+ 2 यीशु ने 40 दिन और 40 रात उपवास किया था, फिर उसे भूख लगी। 3 तब फुसलानेवाला+ आया और उसने कहा, “अगर तू परमेश्वर का एक बेटा है, तो इन पत्थरों से बोल कि ये रोटियाँ बन जाएँ।” 4 मगर जवाब में यीशु ने कहा, “यह लिखा है, ‘इंसान को सिर्फ रोटी से नहीं बल्कि यहोवा* के मुँह से निकलनेवाले हर वचन से ज़िंदा रहना है।’”+
5 इसके बाद, शैतान उसे पवित्र शहर यरूशलेम+ ले गया और उसे मंदिर की छत की मुँडेर* पर लाकर खड़ा किया।+ 6 उसने यीशु से कहा, “अगर तू परमेश्वर का एक बेटा है, तो यहाँ से नीचे छलाँग लगा दे क्योंकि लिखा है, ‘वह तेरे बारे में अपने स्वर्गदूतों को हुक्म देगा।’ और ‘वे तुझे हाथों-हाथ उठा लेंगे ताकि तेरा पैर किसी पत्थर से चोट न खाए।’”+ 7 यीशु ने शैतान से कहा, “यह भी लिखा है, ‘तू अपने परमेश्वर यहोवा* की परीक्षा न लेना।’”+
8 फिर शैतान उसे अपने साथ बहुत ही ऊँचे पहाड़ पर ले गया और उसे दुनिया के सारे राज्य और उनकी शानो-शौकत दिखायी।+ 9 फिर उसने यीशु से कहा, “अगर तू बस एक बार मेरे सामने गिरकर मेरी उपासना करे, तो मैं यह सबकुछ तुझे दे दूँगा।” 10 यीशु ने उससे कहा, “दूर हो जा शैतान! क्योंकि लिखा है, ‘तू सिर्फ अपने परमेश्वर यहोवा* की उपासना कर+ और उसी की पवित्र सेवा कर।’”+
-
-
लूका 4:1-13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
-
-
4 यीशु पवित्र शक्ति से भरा हुआ यरदन से चला गया। पवित्र शक्ति उसे वीराने में ले गयी+ 2 और वह 40 दिन तक वहाँ रहा। इस दौरान यीशु ने कुछ नहीं खाया और जब वे दिन खत्म हुए, तो उसे भूख लगी। तब शैतान* ने उसे फुसलाने की कोशिश की।+ 3 उसने यीशु से कहा, “अगर तू परमेश्वर का एक बेटा है, तो इस पत्थर से बोल कि यह रोटी बन जाए।” 4 मगर यीशु ने उसे जवाब दिया, “लिखा है, ‘इंसान को सिर्फ रोटी से ज़िंदा नहीं रहना है।’”+
5 फिर शैतान उसे एक ऊँची जगह ले आया और पल-भर में उसे दुनिया के सारे राज्य दिखाए।+ 6 शैतान ने उससे कहा, “मैं इन सबका अधिकार और इनकी शानो-शौकत तुझे दे दूँगा क्योंकि यह सब मेरे हवाले किया गया है+ और मैं जिसे चाहूँ उसे देता हूँ। 7 इसलिए अगर तू बस एक बार मेरे सामने मेरी उपासना करे, तो यह सबकुछ तेरा हो जाएगा।” 8 यीशु ने उसे जवाब दिया, “लिखा है, ‘तू सिर्फ अपने परमेश्वर यहोवा* की उपासना कर और उसी की पवित्र सेवा कर।’”+
9 फिर शैतान, यीशु को यरूशलेम ले गया और मंदिर की छत की मुँडेर* पर लाकर खड़ा किया और उससे कहा, “अगर तू परमेश्वर का एक बेटा है, तो यहाँ से नीचे छलाँग लगा दे+ 10 क्योंकि लिखा है, ‘परमेश्वर अपने स्वर्गदूतों को हुक्म देगा कि वे तुझे बचाएँ,’ 11 और ‘वे तुझे हाथों-हाथ उठा लेंगे ताकि तेरा पैर किसी पत्थर से चोट न खाए।’”+ 12 तब यीशु ने उससे कहा, “यह कहा गया है, ‘तू अपने परमेश्वर यहोवा* की परीक्षा न लेना।’”+ 13 जब शैतान ये सारी परीक्षाएँ ले चुका, तब कोई और सही मौका मिलने तक वह उसके पास से चला गया।+
-