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मत्ती 21:23-27पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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23 जब वह मंदिर में जाकर सिखा रहा था, तब प्रधान याजक और लोगों के मुखिया उसके पास आए और उन्होंने कहा, “तू ये सब किस अधिकार से करता है? और किसने तुझे यह अधिकार दिया है?”+ 24 यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुमसे एक बात पूछता हूँ। अगर तुम उसका जवाब दोगे, तो मैं भी तुम्हें बताऊँगा कि मैं ये सब किस अधिकार से करता हूँ: 25 जो बपतिस्मा यूहन्ना ने दिया, वह किसकी तरफ से था? स्वर्ग की तरफ से या इंसानों की तरफ से?” वे एक-दूसरे से कहने लगे, “अगर हम कहें, ‘स्वर्ग की तरफ से,’ तो वह हमसे कहेगा, ‘फिर क्यों तुमने उसका यकीन नहीं किया?’+ 26 लेकिन अगर हम कहें, ‘इंसानों की तरफ से,’ तो पता नहीं यह भीड़ हमारे साथ क्या करेगी, क्योंकि ये सब यूहन्ना को एक भविष्यवक्ता मानते हैं।” 27 इसलिए उन्होंने यीशु को जवाब दिया, “हम नहीं जानते।” तब उसने कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से यह सब करता हूँ।
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मरकुस 11:27-33पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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27 वे एक बार फिर यरूशलेम आए। जब वह मंदिर में टहल रहा था तो प्रधान याजक, शास्त्री और मुखिया उसके पास आए 28 और उससे कहने लगे, “तू ये सब किस अधिकार से करता है? किसने तुझे यह अधिकार दिया है?”+ 29 यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुमसे एक सवाल पूछता हूँ। तुम उसका जवाब दो, तब मैं तुम्हें बताऊँगा कि मैं ये सब किस अधिकार से करता हूँ। 30 जो बपतिस्मा यूहन्ना ने दिया,+ वह स्वर्ग की तरफ से था या इंसानों की तरफ से? जवाब दो।”+ 31 वे एक-दूसरे से कहने लगे, “अगर हम कहें, ‘स्वर्ग की तरफ से,’ तो वह कहेगा, ‘फिर क्यों तुमने उसका यकीन नहीं किया?’ 32 पर हम यह कहने की भी जुर्रत कैसे करें कि इंसानों की तरफ से था?” उन्हें भीड़ का डर था क्योंकि सब लोग मानते थे कि यूहन्ना वाकई एक भविष्यवक्ता था।+ 33 इसलिए उन्होंने यीशु को जवाब दिया, “हम नहीं जानते।” तब यीशु ने उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से यह सब करता हूँ।”
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