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  • प्रेषितों 22:6-11
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 6 मगर जब मैं सफर करते-करते दमिश्‍क के पास आ पहुँचा, तो दोपहर के वक्‍त अचानक आकाश से तेज़ रौशनी मेरे चारों तरफ चमक उठी।+ 7 तब मैं ज़मीन पर गिर पड़ा और मैंने एक आवाज़ सुनी जो मुझसे कह रही थी, ‘शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है?’ 8 मैंने पूछा, ‘हे प्रभु, तू कौन है?’ उसने कहा, ‘मैं यीशु नासरी हूँ, जिस पर तू ज़ुल्म कर रहा है।’ 9 जो आदमी मेरे साथ थे, उन्हें रौशनी तो दिखायी दे रही थी मगर वे उसके शब्द नहीं समझ रहे थे जो मुझसे बात कर रहा था। 10 तब मैंने कहा, ‘प्रभु, मैं क्या करूँ?’ प्रभु ने मुझसे कहा, ‘उठ और दमिश्‍क जा और वहाँ तुझे वे सारे काम बताए जाएँगे जो तेरे लिए ठहराए गए हैं।’+ 11 मगर मैं उस रौशनी की चमक की वजह से कुछ नहीं देख पा रहा था, इसलिए जो मेरे साथ थे उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे दमिश्‍क पहुँचाया।

  • प्रेषितों 26:13-18
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 13 तो हे राजा, भरी दोपहरी में आकाश से एक रौशनी चमकी जो सूरज से भी तेज़ थी। वह रौशनी मेरे और मेरे साथ चलनेवालों के चारों तरफ चमक उठी।+ 14 तब हम सब ज़मीन पर गिर पड़े और मैंने एक आवाज़ सुनी जो मुझसे इब्रानी भाषा में कह रही थी, ‘शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है? इस तरह विरोध करके* तू अपने लिए मुश्‍किल पैदा कर रहा है।’ 15 मगर मैंने कहा, ‘हे प्रभु, तू कौन है?’ और प्रभु ने कहा, ‘मैं यीशु हूँ, जिस पर तू ज़ुल्म कर रहा है। 16 मगर अब उठ, अपने पाँवों के बल खड़ा हो। मैंने तुझे इसलिए दर्शन दिया है कि तुझे एक सेवक और गवाह ठहराऊँ ताकि तूने मेरे बारे में जो बातें देखी हैं और जो मैं तुझे आगे दिखाऊँगा, उनकी तू गवाही दे।+ 17 और मैं इस राष्ट्र से और दूसरे राष्ट्रों से तेरी हिफाज़त करूँगा जिनके पास मैं तुझे भेज रहा हूँ।+ 18 मैं तुझे इसलिए भेज रहा हूँ ताकि तू उनकी आँखें खोले+ और उन्हें अंधकार से निकालकर+ उजाले में ले आए+ और शैतान के अधिकार से छुड़ाकर+ परमेश्‍वर के अधिकार में ले आए और वे मुझ पर विश्‍वास करके पापों की माफी पाएँ+ और उन लोगों के साथ विरासत पाएँ जो पवित्र ठहराए गए हैं।’

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