18 इसलिए जैसे एक गुनाह का अंजाम यह हुआ कि सब किस्म के लोग सज़ा के लायक ठहरे,+ वैसे ही एक नेक काम का नतीजा यह हुआ कि सब किस्म के लोग+ नेक ठहराए जाते हैं ताकि जीवन पाएँ।+
3 पापी इंसानों की वजह से कानून कमज़ोर पड़ गया,+ इसलिए कानून जो काम नहीं कर पाया+ वह परमेश्वर ने किया। परमेश्वर ने अपने बेटे को इंसान के रूप+ में* भेजा+ ताकि वह पाप को मिटाए और इस तरह उसने शरीर में पाप को दोषी ठहराया
19 उस कानून ने कुछ भी परिपूर्ण नहीं किया+ मगर जब उससे भी बेहतर आशा+ दी गयी तो उससे परिपूर्ण होना मुमकिन हुआ और उसके ज़रिए हम परमेश्वर के करीब आ रहे हैं।+