7 फिर यहोवा ने उससे कहा, “मैंने बेशक देखा है कि मिस्र में मेरे लोग कितनी दुख-तकलीफें झेल रहे हैं। मैंने उनका रोना-बिलखना सुना है क्योंकि मिस्र में उनसे जबरन मज़दूरी करवायी जा रही है। मैं अपने लोगों का दुख अच्छी तरह समझ सकता हूँ।+
26 यहोवा ने देखा था कि इसराएल पर कैसा घोर अत्याचार हो रहा है।+ इसराएल की मदद करनेवाला कोई नहीं था। यहाँ तक कि लाचार या गरीब लोग भी नहीं रह गए थे। 27 मगर यहोवा ने वादा किया था कि वह धरती से इसराएल का नाम नहीं मिटने देगा।+ इसलिए उसने यहोआश के बेटे यारोबाम के ज़रिए इसराएल को बचाया।+