पहली सदी का घर
पहली सदी में इसराएल में अलग-अलग तरीकों से मकान बनाए जाते थे। यह इस बात पर निर्भर होता था कि मकान बनानेवाले की आर्थिक हालत कैसी है और उस इलाके में निर्माण का कैसा सामान मिलता है। बहुत-से छोटे-छोटे घर धूप में सुखायी गयी ईंटों या गढ़े हुए पत्थरों से बनाए जाते थे। अकसर भीतरी दीवारों पर पलस्तर लगाया जाता था। आम तौर पर फर्श ज़मीन कूटकर बनाया जाता था, मगर कुछ घरों के फर्श पक्के होते थे। छतें कुछ इस तरह बनायी जाती थीं: खंभों के सहारे धरनी रखी जाती थीं और उन पर शहतीरें, नरकट और लकड़ियाँ रखी जाती थीं। उनके ऊपर गीली मिट्टी की परत बिछाकर पलस्तर कर दिया जाता था ताकि छत से पानी न टपके। छत पर जाने के लिए जीना बनाया जाता था या गरीब लोगों के घरों में बाहर सीढ़ी लगायी जाती थी। गरीबों के घरों में लकड़ी का बहुत कम सामान होता था।
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