नियालालैन्ड—मानव द्वारा अविकृत परादीस
हम आठ शहरवासियों के लिए क्या ही ताज़गी प्रदान करनेवाला परिवर्तन!
हम नियालालैन्ड—दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नैशनल पार्क के उत्तर में एक बड़े पैदल सैर क्षेत्र में हैं। यह नाम इस सुंदर बारहसिंगे से आता है जिसका चित्र आप इस पृष्ठ पर देखते हैं। यह नर नियाला है।
रात हो चुकी है, और हम लकड़ी जलाकर आग की चारों ओर बैठे भैंसे का स्टू खा रहे हैं। चारों ओर घास के खुले मैदानों में हाथी, सिंह, चीते, भैंसे और अन्य शानदार पशु हैं। लेकिन हम दो वनपालों के निरीक्षण में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वास्तव में, हम अपने आप को याद दिलाते हैं कि यह जगह अपराध से भरे शहर में रहने या एक व्यस्त महामार्ग पर सफ़र करने से कहीं ज़्यादा सुरक्षित है।
कार्यभारी वनपाल क्विबस वेन्टसल पूछता है, “क्या आपने स्कॉप्स् उल्लू की आवाज़ सुनी?” वह आवाज़ को कुशलतापूर्वक दोहराता है, प्ररररर। वह आगे कहता है, “इस क्षेत्र में सुनाई देनेवाली यह एक विशिष्ट आवाज़ है। कल हमारी सैर में, मैं कुछ पक्षी दिखाऊँगा, इसलिए पक्षियों की एक पुस्तक अपने साथ लीजिए।”
नियालालैन्ड एक वनस्पतिज्ञ के लिए भी स्वर्ग है। पौधों की इसकी विविधता में पृथ्वी पर बहुत कम स्थान इसकी बराबरी कर सकते हैं। रीडर्स् डाइजेस्ट इलस्ट्रेटिड गाइड टू द गेम पार्कस् ऐण्ड नेचर रिज़र्वस् ऑफ सदर्न अफ्रीका (Illustrated Guide to the Game Parks and Nature Reserves of Southern Africa) के अनुसार, इसका कारण है कि “अफ्रीका के नौ मुख्य पारिस्थितिक तंत्र” क्रूगर पार्क के उत्तर में मिलते हैं। पुस्तक आगे कहती है, “यहाँ गीली ज़मीन बंजर भूमि से, जंगल खुले मैदान से, और चट्टान दूर तक फैले रेगिस्तान से मिलते हैं।” इस अद्वितीय क्षेत्र के लगभग ४०० वर्ग किलोमीटर को नियालालैन्ड पैदल सैर क्षेत्र के तौर पर अलग रखा गया है। कैम्प के छोटे से कर्मचारी वर्ग के सिवाय, यहाँ और कोई मानव नहीं रहते, और न ही कोई पर्यटक रास्ते हैं।
क्विबस हमारे कई सवालों का जवाब देते हुए अपना भोजन खाने का प्रयास कर रहा है। उसके पास प्रिटोरिया विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ साइन्स की डिग्री है, जहाँ उसने वनजीवन प्रबन्ध, प्राणविज्ञान और वनस्पति विज्ञान का अध्ययन किया। हमने जल्द ही जान लिया कि उसका ज्ञान सिर्फ़ किताबी नहीं है।
“क्या जंगली जानवरों से कभी आपका खतरनाक सामना हुआ है?”
“कुछ बार मुझ पर दिखावटी हमले हुए हैं, लेकिन कभी ऐसे जानवर द्वारा नहीं जो वाकई मुझे मार डालना चाहता हो,” क्विबस ने जवाब दिया।
“जब एक सिंह हमला करता है, आपको कैसे पता लगता है कि यह सिर्फ़ दिखावटी हमला है?”
उसने जवाब दिया, “जब वह अपनी निश्चित दौड़ को रोककर आपसे चार या पाँच मीटर की दूरी पर रुक जाता है।”
क्विबस जैसे वनपालों को प्रशिक्षण दिया जाता है कि जब एक जानवर हमला करता है तो घबराएँ नहीं। वह समझाता है: “वे आपको चुनौती दे रहे हैं, और आप जानवर की परीक्षा लेते हैं। एक विशिष्ट स्थिति हो सकती है कि एक सिंहनी अपने बच्चों के साथ है या प्रणय-याचन कर रहा सिंह है। हमला करने के द्वारा, जानवर आपको कह रहा है, ‘तुम हस्तक्षेप कर रहे हो—तुम मेरी एकान्तता में दख़ल दे रहे हो, और बेहतर होगा कि तुम चले जाओ।’ इस दौरान, मैं ने अपनी राइफल तैयार कर ली है और उसके लिए तैयार हूँ। मैं हमेशा एक काल्पनिक लकीर खींचता हूँ। यदि वह उस लकीर से पार हुआ, तो मुझे गोली चलानी होगी। लेकिन मेरे अनुभव के अनुसार वे उससे पहले ही रुक जाते हैं, और मुझे पैदल सैर के दौरान कभी किसी जानवर को मारना नहीं पड़ा है।”
स्पष्टतया, क्विबस जानवरों को ट्राफियों की तरह प्रदर्शन करने के लिए नहीं मारता। हम वनजीवन के लिए उसके आदर से आकर्षित हुए। लेकिन अब देर हो रही है, और कल हमें जल्दी उठना है। शुभ-रात्रि कहने के बाद, हम पैरबाँसों पर बने A-आकार के घास-फूस के बने चार छोटे बंगलों में चले गए।
सुबह ४:४५ बजे, कैम्प का रसोइया विलसन हमें जगाता है। नाश्ते का आनन्द लेने के बाद हम उस जगह तक गाड़ी से गए जहाँ से हमारी सैर शुरू होगी। हम कृतज्ञतापूर्वक बादलों से ढके हुए आकाश को देखते हैं। ग्रीष्मकाल के साफ़ दिनों में, तापमान ४०° सेलसियस से ऊपर जा सकता है।
हम में से कुछ जनों के लिए, यह एक बिल्कुल नया अनुभव है। पहले हम कुछ घबरा रहे थे कि कहीं साँप पर पैर न रख दें या जंगली जानवर द्वारा हम पर हमला न किया जाए। लेकिन जल्द ही, जहाँ तक नज़र जाती है वहाँ तक हरे-भरे पेड़ों से ढकी विशाल खुली जगहों के प्रति आश्चर्य की भावनाओं ने ऐसी आशंकाओं की जगह ले ली। घास का खुला मैदान पक्षियों के गीतों से और कीड़ों के गुंजन से भरा हुआ है। ओह, ताज़ी और अदूषित हवा में साँस लेना कितना सुहावना है!
समय-समय पर, क्विबस और उसका सहयोगी, एलीयन एनकूना, हमें कुछ दिलचस्प चीज़ दिखाने के लिए रुकते हैं, जैसे कि आर्मी चींटियों का दल या एक जानवर के पदचिह्न। हम एक पेड़ के पास आते हैं जिसके तने की चारों ओर दीमक का टीला है। क्विबस समझाता है, “यह नियाला सरसफल पेड़ है। आप इन्हें अकसर दीमक के टीलों पर बढ़ते हुए देखेंगे। दीमकों का कार्य ज़मीन को उपजाऊ बनाता है, और यह पेड़ के लिए फायदेमंद है।”
लगभग एक घंटा चलने के बाद, हम हाथी द्वारा गिराए गए एक पेड़ के पास से गुज़रते हैं। क्विबस समझाता है, “हालाँकि यह मज़बूत पेड़ है, हाथी के लिए यह अड़चन नहीं है। वह सीधे इस पर चलकर आगे निकल जाता है। वे अकसर ऐसा करते हैं। यह ज़रा नकारात्मक लग सकता है लेकिन इसके सकारात्मक पहलू भी हैं। कुछ ही महीनों में, यह पेड़ शायद मर जाएगा। जैसे-जैसे यह सड़ता है, यह छोटे जीवों के लिए खाने का प्रबंध करता है और मिट्टी में खनिज पदार्थ निर्मुक्त करता है।”
हमारे दल में से किसी ने कहा, “मैं समझता हूँ कि यदि हाथियों की जनसंख्या नियंत्रित नहीं की गयी, तो ऐसा क्षेत्र घास के खुले मैदान में परिवर्तित हो जाएगा।”
क्विबस ने जवाब दिया, “यह सच है। यहाँ एक भी पेड़ नहीं बचेगा। क्रूगर पार्क में, हम हाथियों की संख्या को ७,५०० तक रखने का प्रयास करते हैं, जितना कि हमारी वर्तमान समझ के अनुसार क्रूगर सँभाल सकता है।”
तब किसी ने मिट्टी में स्पष्ट जानवर के पद चिह्नों को देखा। मैं आवेग से चिल्लाया: “ये चीते के पदचिह्न होंगे!”
क्विबस ने कहा, “नहीं, ये लकड़बग्घे के हैं। ध्यान दीजिए कि यह असममित या लंबे, पदचिह्न हैं। और आप नाख़ूनों के निशान भी देख सकते हैं, क्योंकि लकड़बग्घा कुत्ते जैसा जानवर है। वह अपने नाख़ूनों को वापस नहीं ले सकता। अब अगर आप इसकी तुलना बिल्ली परिवार के पदचिह्नों से करें, जैसे कि चीता या सिंह, तो इसका फ़र्क़ काफ़ी आसानी से पता लगता है। बिल्ली के पदचिह्न सममित, यानी कि, गोल होते हैं और नाख़ूनों के निशान के बिना होते हैं क्योंकि बिल्लियाँ अपने नाख़ून वापस ले लेती हैं। और यदि आप पँजों के गद्दीदार पिछले भाग की ओर देखें तो, लकड़बग्घे के मामले में पीछे की ओर दो पिण्डक होते हैं, जबकि बिल्ली-समान पशुओं के पिछले भाग बड़े और तीन पिण्डक के होते हैं।”
अब हमें भूख लगने लगी है। सो हम एक बड़े दीमक के टीले पर बैठ जाते हैं और हल्के-फुल्के नाश्ते का मज़ा लेते हैं जो हम आदमी लोग अपने थैलों में उठाए हुए थे। उसके बाद हम एक पहाड़ी की ओर बढ़ते हैं जिसे चढ़ने के लिए क्विबस हमें प्रोत्साहित करता है। चढ़ते वक़्त आधा रास्ता तय करने के बाद हम कुछ चट्टानों पर विश्राम करते हैं और विशाल मैदान से लेकर दूर क्षितिज की पर्वतमाला तक फैली हुई घनी झाड़ियों और वृक्षों के शानदार नज़ारे का आनन्द लेते हैं। क्विबस हमें याद दिलाता है कि जो हम देख रहे हैं वह अदूषित है, वस्तुतः २०वीं-शताब्दी के मानव द्वारा अछूता। लेकिन पहाड़ी के ऊपर, हम एक रास्ता देखकर चकित होते हैं जो ऐसा लगता है कि मानव द्वारा काफ़ी इस्तेमाल किया गया है।
“यह एक हाथी पथ है,” क्विबस ने कहा।
फिर भी, मैं सोच रहा था कि वह इतना विश्वस्त कैसे हो सकता है कि पशुओं ने, न कि मानव ने, इसे बनाया। यह विचार मेरे दिमाग़ में घूम ही रहे थे कि तीक्ष्ण दृष्टिवाले एलीयन को सबूत मिलता है। उसने एक पुराना हाथी का दाँत उठाया।
क्विबस ने कहा, “यह संभवतः दशाब्दियों पुराना है।”
“ख़ैर, यह इस बात का सबूत प्रतीत होता है कि इस स्थान से किसी मानव को गुज़रे एक लंबा अरसा बीत चुका है, क्योंकि मानव ऐसी मूल्यवान वस्तु को छोड़ेगा नहीं,” मैंने स्वीकार किया। एलीयन ने दाँत को क्रूगर पार्क के अधिकारियों को देने के लिए अपने थैले में डाल दिया।
समय मानो पंख लगाकर उड़ गया, और अब लगभग दोपहर हो चुकी है जब हम लैन्ड-रोवर गाड़ी को देखते हैं। हमने लगभग ११ किलोमीटर की वृत्ताकार सैर की। जब हम कैम्प में वापस पहुँचते हैं, तो हम पाते हैं कि विलसन ने हमारे लिए खाना तैयार किया है, जिसे हम कृतज्ञतापूर्वक खाते हैं। आराम करने के बाद शाम होने से पहले हम लुवुवु नदी के किनारे सैर करने के लिए निकलते हैं।
लुभावने घुमावदार आकार के गूलर अंजीर के वृक्ष जैसे बड़े-बड़े वृक्षों और घनी हरी झाड़ियों से यहाँ का नज़ारा शानदार है। विविध वृक्षों के नाम और विशेषताएँ जानने के बाद, हम बैबून बंदरों के एक समूह के पास से गुज़रते हैं जो कुछ झाड़ियों के पीछे से हम पर सावधानीपूर्वक निगाह रखे हुए हैं। फिर हम नदी के सामने एक चट्टान पर बैठ जाते हैं।
जैसे-जैसे हम वेग से बहते पानी की आवाज़ सुनते हैं, ऐलीयन पीछे की ओर से नदी की तरफ़ आती हुई चार मादा नियाला बारहसिंगों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है। यह अच्छा हुआ कि हवा हमारी दिशा में बह रही है, इसलिए हमारी सुगंध उन तक नहीं पहुँचती। हम उन सुंदर बारहसिंगों को बार-बार रुककर झाड़ियों से चरते हुए देखते हैं। लगभग दस मिनटों बाद, उनमें से एक हमें देख लेती है और चेतावनी देने के लिए आवाज़ देती है। तुरंत, सभी हड़बड़ाकर भाग जाती हैं।
इस दौरान, कुछ जिज्ञासु बैबून बंदर पास आ गए हैं, और हम एक छोटे बैबून बंदर की अतिरंजित लगनेवाली चीत्कार को सुनते हैं। संभवतः उसकी माँ उसे बहुत क़रीब जाने के लिए पीट रही है। हमने कल्पना की कि वह कह रही होगी: ‘फिर कभी उन मानव के क़रीब जाने की हिम्मत न करना!’
अँधेरा हो रहा है, सो हमें कैम्प लौटना चाहिए। हमारे लौटने के बाद, बारिश शुरू हो जाती है, सो हम अपना भोजन एक आकर्षक घास-फूस के आश्रय में करते हैं जो चारों ओर से खुला है। हम बारिश की धीमी पड़पड़ाहट को और बीच-बीच में जंगल की आवाज़ को सुनते हैं। आस-पास जंगली पशु हैं, और बातचीत का रुख़ फिर सिंहों की ओर घूम जाता है। हम क्विबस से पूछते हैं कि पैदल सैर के दौरान उसने कितनी बार सिंह का सामना किया है।
उसने जवाब दिया, “लगभग ७० बार।”
“जब यह होता है, तो सामान्य रूप से प्रतिक्रिया क्या होती है?”
क्विबस जवाब देता है, “सामान्य रूप से क्या होता है कि दोनों पक्षों के लिए यह आकस्मिक बात है। आप ऐसे क्षेत्र में जाते हैं, जैसे कि आज हम गए, जहाँ आप सामान्य जंगली पशुओं को देखने की अपेक्षा करते हैं, कि अचानक कुछ ही मीटर दूर आपके सामने सिंहों का एक समूह छाँव में आराम कर रहा होता है। वे आपकी ओर देखते हैं, और आप उनकी आँखों को बड़ी होते हुए देखते हैं मानो उन्हें देखी हुई बात पर विश्वास नहीं हो रहा। मेरी आँखें भी शायद बड़ी हो रही हैं,” क्विबस हँसकर कहता है। “तब मैं पैदल सैर करनेवालों को कहता हूँ: ‘जल्दी आओ! देखो!’ अगले ही पल, आप दो या तीन दहाड़ें सुनते हैं, और वे चल देते हैं। हम जितना उनसे भयभीत होते हैं उससे कहीं अधिक वे हमसे भयभीत होते हैं।
“अन्य समयों पर, आपका सामना बच्चों सहित सिंहनी से होता है, और तब परिस्थिति बिल्कुल अलग होती है। दहाड़ के बजाय, आपको एक लंबी धमकी भरी गुर्राहट मिलती है, और आप सिंहनी को अपनी पूँछ एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ हिलाते हुए देखते हैं। मैं अपनी राइफल तैयार कर लेता हूँ और सैर करने वालों को चुपचाप खड़े रहने के लिए कहता हूँ। फिर हम अपनी आँखें पशु पर टिकाए हुए और बिना मुड़े व्यवस्थित रूप से पीछे हटने लगते हैं।”
अगली सुबह, हम मनोहर मशीकिरीपूअर्ट—एक तंग घाटी जिसकी दोनों तरफ़ पत्थर की ऊँची चट्टानें हैं—से चलते हैं। आख़िरकार हम एक पहाड़ी तक पहुँचते हैं जिसमें गुफ़ा है। चढ़ने से पहले, एलीयन एक पत्थर फेंकता है, जो बहुत बड़ी खड़खड़ाहट करता है। उसने बाद में समझाया, “मैं ने इसलिए पत्थर फेंका, कि अगर कोई सिंह या अन्य खतरनाक पशु हैं, तो यह उन्हें भागने के लिए समय देता है।”
क्विबस आगे कहता है, “नहीं तो, आप एक खतरनाक पशु को कठिनाई में डाल सकते हैं, और तब आपको समस्याएँ होंगी।” जब हम गुफ़ा तक पहुँचते हैं, वहाँ, एक पथरीली दीवार पर एक बुशमैन चित्र है। यह एक जिराफ़ का चित्र है जिसे क्विबस कहता है कि शायद दो सौ साल से भी पहले निकाला गया होगा।
सैर के दौरान, हम जिराफ़, अफ्रीकी हरिणों, और ज़ेबरा के झुंड देखते हैं। मोटर गाड़ी में आप अकसर इन प्राणियों के क़रीब जा सकते हैं, लेकिन पैदल चलते वक़्त जब हवा का प्रवाह उनकी तरफ़ होता है तो निश्चय ही वे आपकी ख्प्ताशबू सूँघ लेते हैं और इससे पहले कि आप उनके क़रीब पहुँचें, वे भाग जाते हैं। हम दूर ज़ेबरा के सरपट भागते हुए झुंड की आवाज़ सुनते हैं, और मैं बाइबल के उन सही शब्दों को याद करता हूँ: “तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं . . . पर बना रहेगा।”—उत्पत्ति ९:२.
अब तक हम एलीयन की पशुओं का पता लगाने और उनके पदचिह्नों को पहचानने की क़ाबिलियत की क़दर करने लगे हैं। वह सोंगा राष्ट्र का है—ऐसे लोग जो खोजबीन करने की अपनी कलाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। हम इसके बारे में उससे पूछते हैं।
“मैंने सीखना शुरू किया जब मैं गायों को चराने वाला छोटा लड़का था,” वह समझाता है।
बाद में, दोपहर की हमारी आख़िरी सैर के दौरान, एलीयन ही है जो हमें दरियाई घोड़ों की आवाज़ सुनने पर सावधान करता है। जल्द ही हम ऐसे स्थान तक आते हैं जहाँ से नीचे की ओर नदी नज़र आती है। वाकई वहाँ पानी में दरियाई घोड़ों का झुंड है। कई लोग दरियाई घोड़ों को अफ्रीका में सबसे खतरनाक जानवर मानते हैं। लेकिन हमने अपने सतर्क और प्रशिक्षित वनपालों पर भरोसा रखना सीख लिया है। चुपचाप हम किनारे पर बैठकर देखते रहे। बार-बार एक दरियाई घोड़े का सिर पानी के नीचे विलीन हो जाता है। जब हम सोचते ही हैं कि अब वह चला गया, तो अचानक फुँफकारते और अपने बड़े-बड़े नथनों में से पानी की फुहार निकालते हुए वह ऊपर आता है। फिर, एक साथ, वे अपनी अविस्मरणीय ध्वनित घुरघुराहट निकालते हैं और अपने विशालकाय मुँह खोलते हैं।
लगभग आधे घंटे तक इन हरकतों से सम्मोहित होने के बाद हम न चाहते हुए भी वहाँ से निकलते हैं क्योंकि अँधेरा हो रहा है। उस शाम, जब हम कैम्प में आग की चारों ओर बैठे हैं, हम पिछले दो दिनों के समृद्ध अनुभवों का पुनर्विचार करते हैं। हम यह जानकर आनन्दित हैं कि पृथ्वी पर अब भी इस जगह की तरह अविकृत और सुंदर स्थान हैं। जहाँ तक भविष्य की बात है, हम बाइबल के वचन से सांत्वना पाते हैं कि, बहुत देर होने से पहले ही, परमेश्वर हस्तक्षेप करेगा और पृथ्वी को विनाश से बचाएगा। तब न सिर्फ़ नियालालैन्ड लेकिन सारी पृथ्वी परमेश्वर की निश्चित प्रतिज्ञा से लाभ पाएगी: “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ।”—प्रकाशितवाक्य ११:१८; २१:३-५; यशायाह ३५:५-७.