विज्ञान-कथा इसकी बढ़ती लोकप्रियता
वर्ष १९८२ में अमरीकी फ़िल्म उद्योग में यह अपने क़िस्म की पहली फ़िल्म थी। १९८२/८३ में, सबसे लोकप्रिय फ़िल्म “कलाकार” किसी भी तरह एक व्यक्ति नहीं था। सिनेमा का सचित्रित इतिहास (अंग्रेज़ी) के अनुसार, वह बाह्य अंतरिक्ष से अजीबोग़रीब लेकिन किसी रीति से प्यारा-सा पात्र, इटी था, जो फ़िल्म इटी: दी एक्सट्राटॆरॆस्ट्रियल का हीरो था!
यह उल्लेखनीय परिस्थिति उस उमड़ती लोकप्रियता का मात्र एक प्रमाण है जिसका मज़ा विज्ञान-कथा (SF) ने हाल के सालों में लिया है। जिस विज्ञान-कथा को पहले घटिया पत्रिकाओं के दर्जे में डाला गया था और अकेले तथा सपनों की दुनिया में रहनेवालों का मनोरंजन समझा जाता था, वही मुख्यधारा मनोरंजन का एक स्थापित अंग बन गया है। लेकिन इसकी लोकप्रियता में नाटकीय वृद्धि के पीछे क्या है?
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, हमें पहले विज्ञान-कथा के इतिहास पर विचार करना होगा। अतिप्राचीन समय से लोगों ने विस्मित करने, प्रभावित करने, अथवा मात्र मन बहलाने के लिए काल्पनिक कहानियाँ सुनायी हैं। लेकिन, १७वीं और १८वीं शताब्दियों के दौरान, यूरोप ने वैज्ञानिक और भौतिक प्रगति के युग में प्रवेश किया। अनेक लोगों ने पारंपरिक विचारों और अधिकारों को चुनौती देना शुरू किया। इस वातावरण में कुछ लोगों ने अटकलें लगाना शुरू कीं कि वैज्ञानिक प्रगति भविष्य में मानवजाति पर कैसे प्रभाव डालेगी।
ख़ास किस व्यक्ति ने विज्ञान-कथा का आविष्कार किया यह निश्चित नहीं है। सतरहवीं शताब्दी के लेखक फ्रान्सॆस गॉडविन और सरानो डा बरज़रैक ने काल्पनिक कथाएँ लिखीं जिनमें अंतरिक्ष यात्राओं का वर्णन था। १८१८ में, मेरी शॆली की पुस्तक फ्रैंकनस्टाइन, या आधुनिक प्रोमिथस (अंग्रेज़ी) ने एक ऐसे वैज्ञानिक का जिसके पास जीवन उत्पन्न करने की क्षमता थी और भयंकर परिणामों का चित्रण किया।
कुछ लेखकों ने इस क़िस्म की कथा को मानव समाज की कमियों को विशिष्ट करने के लिए प्रयोग किया। सो जब जॉनथन स्विफ्ट ने १८वीं-शताब्दी के अंग्रेज़ी समाज की खिल्ली उड़ायी, तो उसने अपने व्यंग को काल्पनिक समुद्र-यात्राओं की एक श्रंखला में बुन दिया। परिणाम था गुलिवर की यात्राएँ (अंग्रेज़ी), एक चुभती हुई रूपक-कथा जिसे विज्ञान-कथा का “प्रथम ग्रन्थरत्न” कहा गया है।
लेकिन विज्ञान-कथा उपन्यास को उसके आधुनिक रूप में लाने का श्रेय सामान्यतः लेखक जूलस् वर्न और एच. जी. वॆल्ज़ को दिया जाता है। १८६५ में, वर्न ने पृथ्वी से चाँद तक (अंग्रेज़ी) लिखी, जो सफल उपन्यासों की लड़ी में से एक थी। १८९५ में, एच. जी. वॆल्ज़ की लोकप्रिय पुस्तक कालयंत्र (अंग्रेज़ी) आयी।
कथा वास्तविकता बन जाती है
बीसवीं शताब्दी की शुरूआत तक, वैज्ञानिक इनमें से कुछ स्वप्नदर्शियों के सपने साकार करना शुरू कर रहे थे। पुस्तक डी ग्रोसॆन (महान व्यक्ति) के अनुसार जर्मन भौतिक-विज्ञानी हर्मान ओबर्ट ने मनुष्यों द्वारा अंतरिक्ष उड़ान का जूलस् वर्न का सपना हक़ीक़त में बदलने की कोशिश में सालों बिताए। ओबर्ट के आकलनों ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक वैज्ञानिक आधार रखने में मदद दी। लेकिन, विज्ञान-कथा द्वारा प्रभावित होनेवाला वह एकमात्र वैज्ञानिक नहीं था। लोकप्रिय विज्ञान-कथा लेखक रे ब्रैडबरी कहता है: “जर्मनी में वर्नहर फ़ॉन ब्राउन और उसके साथी और हूस्टन तथा केप कॆनॆडी में सभी लोगों ने एच. जी. वॆल्ज़ और जूलस् वर्न की पुस्तकें पढ़ीं जब वे बच्चे थे। उन्होंने फ़ैसला किया था कि जब वे बड़े होंगे तब वे इस सब को अंजाम देंगे।”
असल में, विज्ञान-कथा अनेक क्षेत्रों में नवीनता का आरम्भ बिन्दु रही है। लेखक रॆने ऑट दावा करता है कि ऐसे शायद ही कोई ‘आविष्कार अथवा खोज की गयी हैं जिनको विज्ञान-कथा ने पहले से नहीं पूर्वबताया था।’ पनडुब्बियाँ, रोबोट, और मनुष्यों द्वारा चलित रॉकेट, ये सभी वास्तविकता बनने के बहुत पहले से विज्ञान-कथा के सामान्य तत्व थे। अतः विज्ञान-कथा लेखक फ्रॆडरिक पॉल मानता है कि “विज्ञान-कथा पढ़ना मस्तिष्क को बढ़ाना है।”
निःसंदेह, समस्त विज्ञान-कथा वास्तव में विज्ञान के बारे में नहीं है। विज्ञान-कथा की कुछ सबसे लोकप्रिय पुस्तकें और फ़िल्में असल में उसका रूप हैं जिसे कुछ लोग विज्ञान कल्पना कहते हैं। वैज्ञानिक सत्याभास अकसर विज्ञान-कथा का प्रमाण-चिन्ह होता है, जबकि कल्पित कथाएँ मात्र उनके लेखकों की कल्पनाओं द्वारा ही सीमित होती हैं। जादू और तन्त्र-मन्त्र की भी भूमिका हो सकती है।
लेकिन, भविष्य के बारे में विज्ञान-कथा के दृष्टिकोण कितने यथार्थ हैं? क्या समस्त विज्ञान-कथा पढ़ने या देखने के लिए लाभकर है? आगे के लेख इन प्रश्नों पर चर्चा करेंगे।
[पेज 3 पर तसवीर]
जूलस् वर्न का उपन्यास “पृथ्वी से चाँद तक” ने अंतरिक्ष यात्रा में रुचि जगाने में बड़ा योग दिया
[पेज 3 पर चित्र का श्रेय]
Rocket Ship: General Research Division/The New York Public Library/Astor, Lenox and Tilden Foundations