उच्च-ज्वार रेलपेल का समय
ब्रिटॆन में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
हर साल लगभग एक करोड़ पक्षी उत्तर-पश्चिम यूरोप में सर्दियाँ बिताते हैं। वे केवल आर्कटिक प्रजनन क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि कनाडा और मध्य साइबेरिया जैसे दूरस्थ स्थानों से भी आते हैं। अफ्रीका आते समय अनेक पूर्व अटलांटिक उड़ान-पथ की ओर चले जाते हैं, जो कि ब्रिटिश द्वीप से पार होता हुआ प्रवासी रास्ता है।
भोजन और आश्रय ब्रिटिश जल में एक के बाद एक ३० ज्वार नदमुखों द्वारा प्रदान किया जाता है। इनमें से प्रत्येक २०,००० से ज़्यादा पक्षियों को भोजन उपलब्ध कराता है, लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण इंग्लैंड के पूर्वी तट का द वाश है, जो २.५ लाख से अधिक पक्षियों को दावत देता है—जिनमें बड़ा गुलिंदा, लाल टिटिहरी, गुडेरा, टिटिहरियाँ, दरिया गजपाँव, बतन, सूरमा, और टर्नस्टोन शामिल हैं। ज्वार नदमुख किस तरह का भोजन प्रदान करते हैं, और यह इतने महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
ज्वार नदमुखों का महत्त्व
ज्वार नदमुख आधे घिरे हुए तटीय क्षेत्र हैं जहाँ समुद्री पानी के साथ ताज़े पानी का संगम होता है। यहाँ का गर्म पानी, जो खनिज और जैविक दोनों पोषक तत्वों से भरपूर होता है, संसार-भर के समुद्रों के आधे जीवित तत्वों का पालन-पोषण करता है। झींगी और सैंड हॉप्पर, और अन्य प्रकार के जीव रेत में पाए जाते हैं, लेकिन ज्वार नदमुख की कीचड़ इससे भी ज़्यादा जीवित प्राणियों का भरण-पोषण करती है।
कीचड़ अपने घटकों के आकार के अनुसार, जिससे वह बनी है, विभिन्न प्रकार की होती है। हर प्रकार की कीचड़ में उसके ख़ास समुद्री जीव होते हैं, जो जलचल पक्षीa द्वारा खाया जानेवाला भोजन हैं। उदाहरण के लिए, एक प्रकार की कीचड़ के एक वर्ग मीटर में, लाखों छोटे-छोटे घोंघे हो सकते हैं जो लम्बाई में तीन मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं! इसके अलावा, अन्य अकशेरुकियों के साथ-साथ, कीचड़ में मृदुकवची, समुद्री केंचुए, और रैग-कृमि पलते हैं।
बृहत् ज्वार
हालाँकि एक ज्वार नदमुख पर हज़ारों जलचल पक्षी हो सकते हैं, लेकिन उन्हें ढूँढ पाना कठिन हो सकता है क्योंकि वे आम तौर पर विशाल क्षेत्रों में फैले हुए होते हैं। लेकिन, जब बृहत् ज्वार आता है, तब स्थिति एकाएक बदल जाती है। बढ़ते पानी की धारा के कारण रेत और कीचड़ समतल पानी में डूब जाते हैं, जिससे जलचल पक्षी लोनाभूमिb और अन्य ऊँचे स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। तब उन्हें देखना ज़्यादा आसान होता है जब वे एक साथ मिलकर, मिले-जुले विशाल झुण्डों में बसेरा करते हैं।
आज, अप्रैल की एक खुली, चमकीली सुबह, एक बृहत् ज्वार आना है। एक ठण्डी उत्तरपूर्वीय हवा चल रही है जैसे हम एक छोटे, दर्शनीय नदमुख की ओर जाते हैं, जहाँ ऑल्ड नदी इंग्लैंड के सफ़्फ़ोक ज़िले से लहराती हुई उत्तरी समुद्र में जाती है। यहाँ, सर्दी में जलचल पक्षियों की संख्या ११,००० से थोड़ी ज़्यादा होती है, और हम उनकी गतिविधियों को देखना आसान पाते हैं क्योंकि यह नदमुख केवल ०.८ किलोमीटर चौड़ा है।
नदी के साथ-साथ ऊबड़-खाबड़ किनारे हैं। कुछ किनारे सरकण्डों से ढके हुए हैं, बाक़ी तटवर्ती घास से। बचे हुए किनारे उघड़ी पड़ी काली लकड़ी और पत्थर से बने हैं। धारा के विपरीत, विक्टोरियाई इमारतों के समूहों के बीच, स्नैप मॉलटिंग्स कॉन्सर्ट हॉल है, जो ऑल्डबर संगीत महोत्सव का गृह-स्थान है। लेकिन हमें धारा के साथ जाना ज़रूरी है और एक छायादार स्थान के लिए आगे बढ़ना है। अब हवा तेज़ है और काट रही है, और जल्द ही हमारी आँखों में दर्द होने लगा है।
जैसे ही हम नदी के किनारे (चित्र में, पॉइंट ए देखिए) पर पहुँचते हैं, हमारा स्वागत कुस्या चाहा पक्षी के एक जोड़े की स्पष्ट, संगीतमय पुकार के साथ होता है। नदमुख की हमारी ओर, वह लगभग ४० मीटर के फ़ासले पर है, अभी एक जुगल-जोड़ी चोंच से चोंच मिलाने में मस्त है। दोनों पक्षी अपने सीने के ऊपरी भाग को अपनी ऊपर उठी चोंच के कोमल भाग से सँवारते हैं। यह देखना दिलकश है, लेकिन हमें आगे बढ़ना है, क्योंकि अभी बहुत कुछ देखना बाक़ी है।
चढ़ता ज्वार
ज्वार अब शीघ्रता से चढ़ रहा है, सो हम जल्दी से अपने चुने हुए स्थान की ओर चलते हैं। (चित्र में, पॉइंट बी देखिए।) रास्ते में एक सूरमा—नदमुख के संतरी के लिए मशहूर अपने नाम के अनुसार—लोनाभूमि से अपनी तीखी पुकार “टुहुहु-टुहुहु!” की चेतावनी देता हुआ उड़ता है। धूप में चमकते उसके लाल पैर फैले हुए शानदार सफ़ेद पंखों की विषमता में नज़र आते हैं। अपनी मंज़िल पर पहुँचने के बाद, हम शीघ्रता से सिकुड़ते रेत और कीचड़ के समतल स्थलों पर नज़र दौड़ाते हैं।
कुछ दूरी पर कीचड़ में धीरे-धीरे ढूँढ़ते हुए, कई सूरमा लगातार चुग रहे हैं, जबकि बाक़ी ज़्यादा छायादार रास्तों में भोजन की तलाश करते हैं। लाल टिटिहरी, अपनी विशिष्ट नीचे मुड़ी चोंच के साथ, एक छोटे समूह में साथ चिपक कर खड़ी होती हैं। पानी के किनारे रहने की कोशिश करते हुए, वे तितर-बितर कतारों से जल्दी, कीचड़ की ओर जाती हैं। अलग-अलग बैठे बड़े गुलिंदे मस्ती में चलते हुए, मुलायम, पतली कीचड़ में कुछ ढूँढ रहे हैं। आगे धारा के विपरीत, कई टर्नस्टोन अपनी छोटी, थोड़ी-सी ऊपर उठी चोंच को पुराने समुद्री किनारे पर ज्वार द्वारा लाए गए मलबे को पलटने के लिए इस्तेमाल करते हुए भोजन की तलाश कर रहे हैं।
अचानक, धूसर बतन की अजीब, तरसती, तीन मात्राओंवाली सीटी “टली-ऊ-ई” वातावरण में भर जाती है। जैसे यह सिर के ऊपर से उड़ता है, इस पक्षी का काला कक्षक उसके बाक़ी के पीले अन्दर के भाग की विषमता में स्पष्ट दिखाई देता है। चार सौ सुनहरे बतन, सभी हवा की ओर मुँह किए, पास-पास बैठे पंखों में सिर छिपाए हुए आराम करते हैं। जिस वक़्त वे चोंच मारकर अपने स्थान की पुष्टि करते हैं, तो कभी-कभी कुछ-एक में झगड़ा होता है। उनमें से अधिकांश के अभी-भी सर्दी के पंख हैं—सुनहरे और गाढ़े ऊपरी भाग; आँखों के चारों ओर, मुँह, और अन्दर के भाग पर पीला रंग; और काली चोंच। जैसे हम अपने टेलिस्कोप को घुमाते हैं, हम मेरवा भी देखते हैं।
तक़रीबन १,००० ज़िरदी पक्षियों का एक विशाल समूह अचानक आता है। ये पक्षी मस्ती में, एक ख़ास अन्दाज़ से आसमान में उड़ते हैं। ज़िरदी और सुनहरे बतन पश्चिम में कृष्य भूमि में रहते हैं, जो उनका मनपसंद भोजन क्षेत्र रहा है। वे नदमुख पर मात्र भोजन करने नहीं आते बल्कि अपने पंखों को धोने और चोंच से सँवारने आते हैं।
ख़ास पार्श्व आवाज़ बड़े गुलिंदों की बुदबुदाने की पुकार, सूरमाओं की प्रसन्नचित्त संगीतमय सीटी, और काले सिरवाले गलों की चीत्कार है। दो गैरिया कीचड़ में गहराई से ढूँढते हैं। अपनी संतरी-लाल चोंच से, कुछ दरिया गजपाँव समुद्री केंचुए निकाल रहे हैं। एक अकेला धूसर बतन कुछ शाही क़दम भरता, रुकता, सीधे पैर को हिलाता, फिर शिकार के पीछे जाता, और उसे निगल जाता है। लेकिन आनेवाला ज्वार शीघ्रता से उन सभी पर आ रहा है!
रेलपेल शुरू होती है
अचानक, पक्षी झुण्ड बनाने के लिए उड़ते हैं, ख़ासकर अपनी जाति के साथ। यह देखने लायक़ दृश्य है, क्योंकि जलचल पक्षी आपस में कड़ाई से सटकर आकार बनाकर उड़ते हैं। कंधे से कंधा मिलाकर तिरछी उड़ान भरते हुए, जैसे सूरज की किरणें उन पर पड़ती हैं, झुण्डों का रंग बदलता है—गहरे भूरे से चमकीले रजत-श्वेत—एक पल के लिए साफ़ दिखते हैं और दूसरे पल, पीछे आते कीचड़-युक्त ज्वार की पृष्ठभूमि में लगभग खो जाते हैं। गहरे से रजत, रजत से गहरे, पूरी ताल के साथ और, उसी समय लगातार आकार बदलते हैं—बेडौल अण्डाकार से गोल, फिर सर्पाकार, और अंत में सीधी कतार में। अधिकांश कीचड़ समतलों में उतरते हैं जिन्हें अभी-भी ज्वार से ढका जाना है।
जल्द ही, कीचड़ और रेत समतल स्थान पानी से डूब जाएँगे, सो जलचल पक्षी के प्रवाह के साथ, हम नदी-विमुख जाने में शीघ्रता करते हैं। हमसे आगे निकलनेवालों में से पहला छोटी लाल टिटिहरियों का झुण्ड है, अपनी तेज़ पंखों की ताल के साथ, कभी-कभी अपनी छोटी, तीखी सीटी द्वारा संपर्क जारी रखते हैं। उसके बाद अपने ज़्यादा फैले हुए और राजसी झुण्ड में बड़े सूरमा जाते हैं। बड़ी गल के आकार के बड़ा गुलिंदे उड़ते जाते हैं, और जैसे वे जाते हैं तो अपनी मधुर, बुदबुद संगीतमय स्वर की एक के बाद एक बंसी बजाते जाते हैं। कुस्या चाहा उसके पीछे एक बड़े झुण्ड में जाते हैं और नीले आसमान की पृष्ठभूमि के सामने काले और सफ़ेद दिखते हैं। वे नदमुख के ऊपर बैठ जाते हैं, उनके लम्बे, स्लेटी-नीले पैर पानी से थोड़ा ऊपर नज़र आते हैं।
बसेरा
हमने एक ऊँचे स्थान की ओर जाने की जल्दी की जहाँ नदमुख सँकरा हो जाता है। (चित्र में, पॉइंट सी देखिए।) जातियाँ एक साथ झुण्ड में रहने की कोशिश करती हैं, हालाँकि निश्चित रूप से यह एक नियम नहीं है। जैसे-जैसे शीघ्रता से ज्वार बढ़ता जाता है, ज़्यादा पक्षी झुण्ड में आते जाते हैं। जो पक्षी देर-से आते हैं उनके लिए और अधिक स्थान की माँग के बढ़ने के साथ, लगातार स्थान बदलते रहते हैं, और किनारे पर खड़े रहने की जगह पाना और कठिन होता जाता है।
उच्च ज्वार अब चढ़ रहा है। ज़िरदी और सुनहरे बतन वापस कृष्य भूमि में उड़कर चले गए हैं। बाक़ी पक्षियों को कीचड़ से हटने और पुराने नदी तट पर बसेरे में जाने के लिए मजबूर किया गया है। दरिया गजपाँवों की नियमित आवाज़ उनकी संख्या के अनुपात से बाहर है। सूरमाओं और बड़े गुलिंदों ने अपनी आवाज़ें पार्श्व ध्वनि में मिला दी हैं, जिसे अब ऊपर गाते एक चातक पक्षी का गीत चीरता जाता है—एक वाक़ई शानदार माहौल।
जैसे जलचल पक्षी अपने दोपहर के बसेरे का, उच्च बृहत् ज्वार से दूर बैठे आनंद लेते हैं, हम चलते हैं। इसके बावजूद कि कुछ, समुद्री किनारों के पीछे बैठे हैं और पानी को नहीं देख सकते, ये पक्षी जानते हैं कि अपने कीचड़ के समतलों या रेतीले किनारों पर कब लौटना है। पक्के समयपाल, सहजवृत्ति से बुद्धिमान, ये जानते हैं कि ज्वार कैसे काम करते हैं।
जी हाँ, उच्च-ज्वार रेलपेल का समय देखने में रोमांचकारी है, ख़ासकर पहली बार!
[फुटनोट]
a अमरीका और कनाडा में, जलचल पक्षी (श्रेणी कैराड्रियस रूपी) तट-पक्षियों के रूप में ज़्यादा जाने जाते हैं।
b जिन स्थानों में नियमित रूप से ज्वार की बाढ़ आती है।
[पेज 24 पर बक्स/तसवीर]
रेलपेल के समय का आनंद लीजिए
उच्च ज्वार के रेलपेल के समय का आनंद लेने के लिए, सबसे पहले एक सुविधाजनक नदमुख ढूँढ़िए। तब आपको उस क्षेत्र के बारे में कुछ जानकारी की ज़रूरत है, जैसे कि जलचल पक्षी कहाँ जाते हैं और उन्हें कहाँ देखा जाए। एक उच्च बृहत् ज्वार का समय जानने के लिए, जो पूर्णिमा के तुरंत बाद होता है, ज्वार सारणियों की मदद लीजिए। यात्रा के समय के साथ-साथ, पक्षियों को अच्छी तरह देखने के लिए तीन घंटे रखिए, और उच्च ज्वार आने से कम-से-कम दो घंटे पहले पहुँचिए।
आपको कौन-से उपकरणों की ज़रूरत पड़ेगी? यदि आप जलचल पक्षी से अपरिचित हैं, तो उन्हें पहचानने के लिए एक पुस्तक की मदद लीजिए। एक दूरबीन भी बहुत सहायक हो सकती है। आप जल्द ही जान जाएँगे कि जलचल पक्षी की प्रत्येक जाति में अपनी ही विशिष्टता होती है और वे उस प्रकार भोजन तलाशते हैं जिस तरीक़े से उनकी चोंच बनी होती है। एक टेलिस्कोप अनिवार्य नहीं है—लेकिन गर्म, जलरोधी कपड़े अनिवार्य हैं! ख़तरों से सावधान रहिए। कीचड़ समतलों पर मत जाइए जब तक कि आपको उनकी जानकारी न हो। शीघ्रता से चढ़ते ज्वार में फँसना आसान है। इसके अलावा, आपको भटकाने के लिए एक समुद्री कोहरा काफ़ी है। हवा को भी ध्यान में रखिए। झंझा ज्वार के चढ़ने का कारण हो सकता है, जो एक नदमुख पर काफ़ी दुर्घटनापूर्ण हो सकता है।
[पेज 25 पर बक्स/तसवीर]
संसार-भर के मुख्य नदमुख
नॆदरलैंडस् का वॉडन ज़ै, यूरोप का सबसे महत्त्वपूर्ण अंतराज्वारीय क्षेत्र है और कभी-कभी वहाँ ४० लाख से ज़्यादा जलचल पक्षी जमा होते हैं। यह उत्तरी ओर से दक्षिण-पूर्व जटलैंड की ओर फैला हुआ है। इस विशाल क्षेत्र में जाने योग्य तीन अच्छे स्थान हैं डेनमार्क का रॆमॆ जानेवाला सेतु मार्ग, वेसर नदी नदमुख, जर्मनी का एक मुख्य उच्च-ज्वार बसेरा; और नॆदरलैंड में ग्रोनीन्गॆन के पास लैऊवर्स ज़ै।
आईबीरिया प्रायद्वीप पर, सबसे विशिष्ट नदमुख पुर्तगाल की टैगस नदी का है। उत्तरी और दक्षिणी अमरीका, दोनों के प्रशांतीय समुद्र-तटों के साथ के नदमुख कुछ ६० से ८० लाख प्रवासी जलचल पक्षियों के लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं। इनमें से प्रमुख स्थान हैं केलेफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को और हमबोल्ट की खाड़ियाँ; कनाडा में २०० वर्ग किलोमीटर में फैला क्षेत्र अर्थात् वेंकूवर्स बाउंड्री बे से आइओना द्वीप तक, ब्रिटिश कोलम्बिया; और आलास्का का स्टाईकीन नदमुख और कॉपर नदी का डेल्टा।
जलचल पक्षी को देखने के लिए शानदार नज़ारे टैक्सास्, अमरीका में बोलिवर समतल और गाल्वस्टोन; ताई-पॉ, हांगकांग में; कार्न्ज़ उत्तरपूर्वी ऑस्ट्रेलिया में; और केन्या में मूम्बासा के पास।
[पेज 22 पर तसवीर]
पाँच दरिया गजपाँव
[पेज 23 पर तसवीर]
अपने बसेरे से उमड़ती टिटिहरियाँ
[पेज 23 पर तसवीर]
ऑल्ड नदमुख, सफ़्फ़ोक
स्नैप मॉलटिंग्स का कॉन्सर्ट हॉल
प्रेक्षण स्थान बी
देखने का स्थान सी
प्रारंभिक नज़ारा ए
[चित्र का श्रेय]
Snape Maltings Riverside Centre
[पेज 24 पर तसवीर]
टिटिहरियाँ
[पेज 24 पर तसवीर]
सूरमा
बड़ा गुलिंदा
[पेज 25 पर तसवीर]
ऊपर: बड़ा गुलिंदा