जब मोटापा अच्छा नहीं होता
“मैं अब अपने कपड़ों में समा नहीं पाती,” रोसा ने दुःखी होकर कहा, जिसकी उम्र ३५ साल है। “मेरा वज़न अब ८६ किलो है, और मैं ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मैं इतनी मोटी हो जाऊँगी!”
रोसा अपने बढ़ते वज़न की चिंता करनेवाली अकेली नहीं है। अमरीका में, जहाँ वह रहती है, लगभग एक तिहाई लोग स्थूल हैं।a ब्रिटॆन में दस सालों में स्थूल वयस्कों का अनुपात दुगना हो गया है। और जापान में—जहाँ मोटापा बहुत कम हुआ करता था—स्थूलता आम होती जा रही है।
आवश्यकता से अधिक वज़न के बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। छः और सत्रह की उम्र के बीच के कुछ ४७ लाख अमरीकी युवाओं का मोटापा गंभीर स्थिति में है, वहीं कनाडा के कुछ २० प्रतिशत बच्चे स्थूल हैं। हाल के सालों में, सिंगापुर में स्थूल बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़ गयी है।
कुछ देशों में, वज़न बढ़ने से मोटापा आना, समृद्धि और स्वास्थ्य का सबूत माना जाता है, जो ग़रीबी और कुपोषण से कहीं ज़्यादा चाहनेयोग्य स्थिति है। लेकिन, पाश्चात्य देशों में, जहाँ भोजन अकसर आसानी से मिल जाता है, वज़न का बढ़ना ज़्यादातर अच्छा नहीं समझा जाता। इसके विपरीत, आम तौर पर यह गहरी चिंता का कारण होता है। क्यों?
“हालाँकि अधिकांश लोग मानते हैं कि स्थूलता दिखने में बुरी लगती है,” अमरीका के भूतपूर्व सर्जन जनरल, डॉ. सी. एवरट कूप कहते हैं: “यह असल में एक गंभीर रोग है।” न्यू यॉर्क के अंतःस्राव विज्ञानी, एफ़. ज़ेवियर पीसनयेर समझाते हैं: “[अमरीका का मोटा होना] अधिकाधिक लोगों के लिए मधुमेह, उच्च रक्तचाप, रक्ताघात, हृदय रोग, और कुछ क़िस्म के कैंसर के ख़तरे को बढ़ा रहा है।”
ज़्यादा वज़न, ज़्यादा ख़तरा
एक अध्ययन को लीजिए, जिसमें १,१५,००० अमरीकी नर्सों पर १६ सालों तक निगाह रखी गयी। अध्ययन में पाया गया कि जब वयस्कों का केवल पाँच से आठ किलो वज़न भी बढ़ जाता है, तो इसका परिणाम होता है हृदय रोग का ज़्यादा ख़तरा। सितंबर १४, १९९५ के द न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ़ मॆडिसिन में प्रकाशित, इस अध्ययन ने सूचित किया कि कैंसर से हुई एक-तिहाई मौतें और हृदय-संबंधी रोग से हुई आधी मौतों का कारण मोटापा था। मई २२/२९, १९९६ के द जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मॆडिकल असोसिएशन (जामा) में दी गयी एक रिपोर्ट के अनुसार, “पुरुषों में ७८% और स्त्रियों में ६५% उच्च रक्तचाप का सीधा कारण स्थूलता हो सकती है।” अमेरिकन कैंसर सोसाइटी कहती है कि वे जिनका “वज़न बहुत ज़्यादा है” (उपयुक्त वज़न से ४० या ज़्यादा प्रतिशत अधिक) “उनको कैंसर का ख़तरा ज़्यादा है।”
लेकिन केवल वज़न बढ़ना एक ख़तरा नहीं है; शरीर में वसा का फैलाव भी रोग के ख़तरे पर प्रभाव डालता है। जिनके पेट पर ज़्यादा वसा इकट्ठी होती है उनको असल में उनकी तुलना में ज़्यादा ख़तरा होता है जिनके नितंब और जांघ ज़्यादा भारी होते हैं। पेट के आसपास की वसा मधुमेह, हृदयरोग, स्तन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के बढ़े हुए ख़तरे से जुड़ी हुई है।
उसी तरह, मोटे युवा उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा, और मधुमेह-पूर्व की स्थितियों से पीड़ित होते हैं। और वे अकसर स्थूल वयस्क बनते हैं। ब्रिटिश चिकित्सीय पत्रिका द लैन्सॆट में प्रकाशित आँकड़ों का प्रयोग करते हुए, द न्यू यॉर्क टाइम्स् ने रिपोर्ट किया कि “जो लोग बचपन में मोटे थे उनकी मृत्यु जल्दी हुई और सामान्य लोगों से बहुत कम उम्र में वे कहीं ज़्यादा रोगों से पीड़ित हुए।”
नए वज़न निर्देश
अमरीकी सरकार ने, वज़न की गंभीर समस्या के बारे में निश्चित होकर, १९९५ में अपने उपयुक्त वज़न-संबंधी निर्देशों को और सख़्त कर दिया। (अगले पृष्ठ पर दिया गया बक्स देखिए।) सुधारे गए निर्देशों में “स्वास्थ्यकर वज़न,” “नियंत्रित मोटापा,” और “गंभीर मोटापा” की पहचान करायी गयी है। ये निर्देश वयस्क पुरुषों और स्त्रियों दोनों पर लागू होते हैं, उनकी उम्र चाहे जो भी हो।
सन् १९९० के निर्देशों में अधेड़ उम्र में शरीर के मध्य भाग में वृद्धि के लिए अनुमति थी, जिसे अकसर अधेड़ उम्र का फैलाव कहा जाता है। नए निर्देशों में यह अनुमति नहीं है, क्योंकि सूचित किया गया है कि वयस्कों का समय के बीतते वज़न नहीं बढ़ना चाहिए।b इस तरह, एक व्यक्ति जिसे पहले सामान्य वज़न का समझा जाता था, अब शायद ख़ुद को मोटापे की श्रेणी में पाए। उदाहरण के लिए, १६८ सेंटीमीटर कद का व्यक्ति जो ३५ और ६५ के बीच की उम्र का है और जिसका वज़न ७५ किलो है, १९९० के निर्देशों के अधीन स्वस्थ वज़न के वर्ग में आता। लेकिन नए निर्देशों के अधीन, उस व्यक्ति का वज़न ज़रूरत से पाँच किलो ज़्यादा होता!
हम इतने मोटे कैसे हो गए?
वंशागत लक्षण स्थूलता की ओर एक व्यक्ति की प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन पाश्चात्य देशों में वज़न बढ़ने का कारण ये नहीं हैं। इस समस्या का कारण कुछ और है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सहमत हैं कि वसा खाने से हम मोटे हो सकते हैं। अधिकांश गोश्त और दूध से बनी अनेक वस्तुओं, सिंकी हुई चीज़ों, झटपट भोजन-वस्तुओं, हलके नाश्ते, तली हुई चीज़ों, सॉस, ग्रेवी, और तेलों में भरपूर वसा होती है, और इन्हें खाने का नतीजा स्थूलता हो सकती है। कैसे?
जो खाना हम खाते हैं उसमें, हमारे शरीर द्वारा प्रयोग की गयी कैलोरियों से ज़्यादा कैलोरियाँ लेने से हमारा वज़न बढ़ता है। वसा के हर ग्राम में नौ कैलोरियाँ होती हैं, वहीं प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट के एक ग्राम में चार कैलोरियाँ होती हैं। सो जब हम वसा खाते हैं तो हम ज़्यादा कैलोरियाँ लेते हैं। लेकिन एक और महत्त्वपूर्ण तत्त्व है—वह तरीक़ा जिससे मानव शरीर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और वसा द्वारा दी गयी शक्ति का प्रयोग करता है। शरीर पहले कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का प्रयोग करता है, उसके बाद वसा का। वसा की जो कैलोरियाँ प्रयोग नहीं की जातीं उन्हें वसा में परिवर्तित किया जाता है। सो वसायुक्त भोजन में कटौती करना, वज़न घटाने का एक महत्त्वपूर्ण तरीक़ा है।
फिर भी, कुछ व्यक्ति जो मानते हैं कि उन्होंने वसा लेना कम किया है, पाते हैं कि उनका शरीर अब भी फैल रहा है। क्यों? एक कारण है कि वे ढेर सारा खाना खाते हैं। अमरीका में एक पोषण-विज्ञानी कहती है: “हम ज़्यादा खाते हैं क्योंकि बहुत ज़्यादा परोसा जाता है। जब खाना उपलब्ध होता है, हम खाते हैं।” लोगों में कम वसा का या वसामुक्त भोजन बहुत खाने की प्रवृत्ति भी होती है। लेकिन एक अमरीकी खाद्य-उद्योग परामर्श कंपनी का एक विशेषज्ञ समझाता है: “कम वसा के भोजन में अकसर [ज़्यादा कैलोरियोंवाली] चीनी की मात्रा बढ़ाकर स्वाद की कमी को पूरा किया जाता है।” इसलिए, द न्यू यॉर्क टाइम्स् ने रिपोर्ट किया: “नब्बे दशक की दो प्रवृत्तियाँ—पैसे वसूल करना और कम वसा, या वसामुक्त भोजन खाना—पेटू होने का न्योता बन गए हैं,” और इसलिए वज़न बढ़ाने का भी।
स्थानबद्ध जीवनशैली भी वज़न के बढ़ने में सहयोग देती है। ब्रिटॆन के एक अध्ययन ने पाया कि उस देश में एक-तिहाई से अधिक वयस्क, हर सप्ताह २० मिनट से भी कम समय संतुलित व्यायाम करते हैं। आधे से ज़्यादा लोग क्रियाशील खेलों में कभी भाग नहीं लेते। अनेक पाश्चात्य देशों में पैदल यात्रा की जगह गाड़ियों में यात्रा की जाती है, और टीवी देखने का बढ़ता हुआ शौक़ सुस्ती और पेटूपन दोनों को प्रोत्साहित करता है। अमरीका में, बच्चे हर सप्ताह बैठकर लगभग २६ घंटे टीवी देखते हैं, वीडियो खेलों पर समय ख़र्च किया जाता है सो अलग। इसी बीच, केवल ३६ प्रतिशत स्कूलों में अब भी शारीरिक शिक्षा जारी है।
मोटा होने के मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं। “हम भावात्मक ज़रूरतों के कारण खाते हैं,” जॉन्स् हॉपकिन्स् वेट मैनेजमॆंट सॆंटर के डॉ. लॉरन्स चॆस्किन कहते हैं। “जब हम ख़ुश होते हैं हम खाते हैं, जब हम दुःखी होते हैं हम खाते हैं। हम यह मानकर बड़े हुए हैं कि भोजन अनेक अन्य वस्तुओं की जगह ले सकता है।”
क्या हम जीत सकते हैं?
मोटापे की समस्याएँ जटिल हैं। हर साल अनुमानित आठ करोड़ अमरीकी अपने आहार पर क़ाबू रखते हैं। लेकिन थोड़ा वज़न घटने के बाद लगभग सभी अपने खाने के पिछले तौर-तरीक़े पर लौट आते हैं। पाँच सालों में, ९५ प्रतिशत लोग अपना घटा हुआ वज़न फिर से हासिल कर लेते हैं।
वज़न घटाने और उसे कम रखने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन की ज़रूरत है। ऐसे परिवर्तनों में प्रयास और लगन आवश्यक है, साथ ही परिवार और दोस्तों की सहायता भी। कुछ मामलों में स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता की भी ज़रूरत पड़ सकती है।c लेकिन, आपके प्रयास सफल हों, इसके लिए सकारात्मक प्रेरणा ज़रूरी है। ख़ुद से यह पूछना अच्छा होगा, ‘मैं क्यों वज़न घटाना चाहता हूँ?’ वज़न घटाने के आपके प्रयासों के सफल होने की संभावना ज़्यादा है अगर, स्वास्थ्य के ख़तरों से दूर रहने की इच्छा के साथ-साथ अच्छा महसूस करने और बेहतर दिखने और अपने जीवन का दर्जा सुधारने की इच्छा भी हो।
आप ढेर सारा स्वादिष्ट और तृप्ति देनेवाला भोजन खा सकते हैं जो पौष्टिक भी हो और जिसमें कैलोरियाँ भी कम हों। लेकिन आपको वज़न घटाने में मदद करनेवाली भोजन-वस्तुओं पर विचार करने से पहले, आइए हम आहार के कुछ तत्त्वों पर ध्यान दें जो स्वास्थ्य के लिए ख़तरा बन सकते हैं।
[फुटनोट]
a स्थूलता की परिभाषा अकसर यों दी जाती है, जिसे उपयुक्त वज़न माना जाता है उससे २० या ज़्यादा प्रतिशत अधिक वज़न।
b सन् १९९५ के निर्देश अधिकांश उम्र के वर्ग के लोगों पर लागू होते हैं लेकिन सभी पर नहीं। “एक सामान्य विचार है कि नए वज़न-संबंधी निर्देश शायद ६५ से ज़्यादा की उम्र के लोगों पर लागू नहीं होते,” जून १९, १९९६ की जामा में डॉ. रॉबर्ट एम. रस्सल कहते हैं। “बीमारी के समय पर शक्ति का भंडार उपलब्ध कराने के द्वारा और मांसपेशियों और हड्डियों के समूह को सुरक्षित रखने में मदद देने के द्वारा, वृद्ध व्यक्ति में थोड़ा अधिक वज़न लाभदायक भी हो सकता है।”
c वज़न घटाने के बारे में सुझावों के लिए, मई ८, १९९४, पृष्ठ २०-२; जनवरी २२, १९९३, पृष्ठ १२-१४; और दिसंबर ८, १९८९, पृष्ठ ३-१२ की सजग होइए! (अंग्रेज़ी) देखिए।
[पेज 6 पर चार्ट]
क्या आप “स्वास्थ्यकर वज़न,” “नियंत्रित मोटापा,” या “गंभीर मोटापा” के वर्ग में आते हैं? यहाँ दिखाए गए ग्राफ़ से आपको इस सवाल का जवाब पाने में मदद मिलेगी
पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए १९९५ वज़न निर्देश
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
क़द* सें.मी.
१९८
१८०
१७० स्वास्थ्यकर वज़न नियंत्रित मोटापा गंभीर मोटापा
१५०
किलो ३० ४० ५० ६० ७० ८० ९० १०० ११०
वज़न†
आँकड़ों का आधार: U.S. Department of Agriculture, U.S. Department of Health and Human Services
* बिना जूतों के।
† बिना कपड़ों के। अधिक वज़न ऐसे लोगों के लिए लागू होते हैं जिनकी मांसपेशियाँ ज़्यादा और हड्डियाँ भारी होती हैं, जैसे कि कई पुरुषों के लिए।