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  • टॆलिविज़न कितना खतरनाक है?
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टॆलिविज़न कितना खतरनाक है?

दिसंबर १८, १९९७ में, अखबार की सुर्खियों में आया कि एक टीवी कार्टून के कारण टोक्यो, जापान में बहुत लोग बीमार हो गये। सैकड़ों को अस्पताल ले जाना पड़ा। “कुछ बच्चों ने खून की उलटी की और दूसरों को दौरे पड़े और कुछ बेहोश हो गये,” द न्यू यॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट किया। “डॉक्टर और मनोविज्ञानिक चिताते हैं कि यह घटना हमें झकझोरकर बताती है कि आज के अमुक टीवी कार्यक्रमों का बच्चों पर कैसा असर हो सकता है।”

न्यू यॉर्क के डेली न्यूज़ ने कहा: “कल एक टीवी कार्टून में जब दानव-जैसे पात्र ने अपनी लाल आँखें चमकायीं तो देश भर में सैकड़ों बच्चों को दौरा पड़ गया और वे बेहोश हो गये। इससे जापान में हाहाकार मच गया।

“मंगलवार की रात . . . एक टीवी कार्टून देखने के बाद करीब ६०० बच्चों और कुछ वयस्कों को आपात कक्ष में ले जाना पड़ा।” कुछ को सघन चिकित्सा कक्ष में भरती किया गया क्योंकि उनसे साँस नहीं ली जा रही थी।

आठ-वर्षीय बच्ची की माँ, युकीको ईवासाकी ने बताया: “अपनी बेटी को बेहोश होता देखकर मेरे होश उड़ गये। जब मैंने उसकी पीठ पर मारा तब कहीं उसने साँस लेनी शुरू की।”

बच्चों के टीवी कार्यक्रमों के निर्माता नहीं समझा पाये कि कैसे एक कार्टून तकनीक जो वे कहते हैं कि “सैकड़ों बार” इस्तेमाल की जा चुकी है ऐसे खतरनाक और ज़बरदस्त हादसे के लिए ज़िम्मेदार हो सकती है।

टीवी देखने के खतरनाक प्रभावों को जानते हुए कुछ माता-पिताओं ने इसका ध्यान रखा है कि टीवी पर क्या देखा जाना चाहिए और कुछ ने तो अपने घर से टीवी हटा ही दिया है। अमरीका के ऐलन, टॆक्सस में एक पिता ने देखा कि जब उनके घर में टीवी था तो उसके बच्चों में “एकाग्रता की कमी, चिड़चिड़ापन, सहयोग की कमी, और हमेशा बोरियत” रहती थी। उसने आगे बताया: “आज, हमारे पाँचों बच्चों में से लगभग सभी—जिनकी उम्र ६ से १७ साल है—अव्वल छात्र हैं। टीवी हटाने के बाद, उन्होंने जल्द ही तरह-तरह के शौक पैदा कर लिये, जैसे खेलकूद, पढ़ना, कला, कंप्यूटर चलाना इत्यादि।

“एक घटना मुझे खासकर याद है जो करीब दो साल पहले घटी। मेरा बेटा उस समय ९ साल का था। वह एक दोस्त के घर पार्टी पर गया था और रात भर वहीं रहनेवाला था। वहीं से उसने फोन किया और कहा कि वह . . . घर वापस आना चाहता है। जब मैं उसे लेकर आया और उससे पूछा कि क्या हो गया तो उसने कहा, ‘पार्टी बहुत उबाऊ है। वे बस बैठकर टीवी देखना चाहते हैं!’”

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