क्या करें कि छुट्टियाँ आफत न बन जाएँ
छुट्टियों का नाम लेते ही मन में क्या खयाल आता है? खुली धूप में सागर किनारे आराम और वहीं खजूर के हरे-भरे पेड़ों तले हलकी छाँव? या फिर पहाड़ों की साफ और सर्द हवाओं का मज़ा?
लेकिन आप खराब मौसम, हवाई अड्डे पर देरी, सफर में जी मिचलाना जैसी बातों के बारे में सोचकर परेशान हो सकते हैं। आप जो भी सोचते हों, छुट्टियों का ज़्यादा-से-ज़्यादा मज़ा लेने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
अच्छी तैयारी कीजिए
छुट्टियों पर जानेवाले अक्लमंद लोग पहले से तैयारी करते हैं। वे यात्रा और स्वास्थ्य के कागज़ात तैयार करते हैं ताकि सफर शुरू करते समय सब कुछ ठीक-ठीक हो। इस बारे में पूछताछ कि कौन-सी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं उन्हें यह तय करने में मदद देती है कि उनसे बचने के लिए पहले से ही कौन-सी दवाएँ लें।
ऐसी जगहों पर जाने की तैयारी करते समय जहाँ मलेरिया का प्रकोप है, कई लोग रवाना होने से कुछ दिन पहले मलेरिया से बचानेवाली दवाएँ लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन, एहतियात के तौर पर अकसर यह सलाह दी जाती है कि वे इन दवाओं को छुट्टियों के दौरान भी लेते रहें और लौटने के बाद भी चार हफ्ते तक लेते रहें। ऐसा इसलिए है कि मलेरिया के जीवाणुओं को शरीर के अंदर पनपने में उतना समय लगता है। लेकिन दूसरे एहतियात बरतने भी ज़रूरी हैं।
लंडन स्कूल ऑफ हाइजीन एण्ड ट्रॉपिकल मॆडिसिन का डॉ. पॉल क्लार्क सलाह देता है: “कीड़े-मकोड़ों को दूर भगानेवाली क्रीमें या कलाई और टखनों पर बाँधने के पट्टे, मच्छरदानी और बिजली से चलनेवाली कीटनाशी अगरबत्तियाँ भी उतनी ही ज़रूरी हैं।” इस तरह की चीज़ों को छुट्टियों पर जाने से पहले खरीद लेना आम तौर पर ज़्यादा अच्छा रहता है।
जी मिचलाने लगे तो किसी भी सफर का मज़ा किरकिरा हो जाता है। ऐसा क्यों होता है? एक अनुसंधायक कहता है कि सफर में जी तब मिचलाता है जब दिमाग में ज़रूरत से ज़्यादा नये संकेत भर जाते हैं और यह अनजान जगहों में होने के कारण होता है। यदि पानी के जहाज़ की चाल, हवाई जहाज़ का कंपन या आपकी कार के इंजन की भरभराहट इस समस्या का कारण है, तो अपना ध्यान किसी स्थिर चीज़ पर लगाने की कोशिश कीजिए, क्षितिज पर या आगे सड़क पर ध्यान लगा सकते हैं। अच्छी हवादारी होने से खुलकर ऑक्सीजन मिलेगी जो बहुत ज़रूरी है। बहुत ज़्यादा जी मिचलाए तो एण्टीहिस्टामाइन दवाएँ लेने से कुछ आराम मिल सकता है। लेकिन एक चेतावनी है: गौण प्रभावों के बारे में सावधान रहिए, जैसे नींद आना, क्योंकि कुछ परिस्थितियों में इससे आपकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
लंबी हवाई यात्राएँ अपनी ही स्वास्थ्य परेशानियाँ खड़ी करती हैं, जैसे शरीर में पानी की कमी। हाथ पर हाथ धरे लंबे समय तक सिकुड़कर बैठे रहने से कुछ लोगों के लिए पैर में खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ सकता है। यदि थक्का वहाँ से हटकर फेफड़े या दिल तक पहुँच जाए तो ज़्यादा ही खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। इसलिए, लंबी उड़ानों पर कुछ लोगों को गलियारे में चलने के द्वारा थोड़ी कसरत करने या बैठे-बैठे कूल्हे और टाँगों की पेशियों को हिलाने-डुलाने की ज़रूरत पड़ सकती है। साथ ही बड़ी मात्रा में अमादक पेय लीजिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
क्या ऊपर दी गयी बातें हवाई सफर करने के आपके डर को और पक्का करती हैं? यदि ऐसा है तो आपको इस बात से हिम्मत मिलनी चाहिए कि हवाई सफर काफी सुरक्षित है। कहा जाता है कि यह मोटर-साइकिल चलाने से ५०० गुना सुरक्षित है और कार से सफर करने से २० गुना सुरक्षित है! लेकिन दूसरे यह कहेंगे कि ये आँकड़े सफर में तय की गयी दूरी के हिसाब से हैं, सफर के दौरान बिताये समय के हिसाब से नहीं।
छोटे बच्चों के साथ सफर करना खास चुनौती बन जाता है। “एक सैनिक अभियान के जितनी बारीकी से अपनी यात्रा की तैयारी कीजिए,” प्रसारक कैथी आर्नल्ड सलाह देती है। जबकि आप शायद उतनी तैयारी न कर पाएँ, फिर भी अपने साथ किताबें, खेलने की चीज़ें या ऐसी दूसरी चीज़ें ले जाइए जिनमें बच्चों का ध्यान लगा रहे। इससे पूरे परिवार के लिए सफर करना ज़्यादा मज़ेदार बन जाएगा।
जब आप पहुँचते हैं
‘इससे पहले कि मैं अपनी छुट्टियों का मज़ा लेना शुरू करूँ, मुझे व्यवस्थित होने में चार-पाँच दिन लग जाते हैं,’ छुट्टियों पर जानेवाले बहुत लोग ऐसा कहते हैं। यह सच है, नयी जगह तालमेल बिठाने में कुछ समय लगता है। सो पहुँचते ही पहले या दूसरे दिन भागा-दौड़ी न करना शायद बुद्धिमानी की बात हो। अपने शरीर और दिमाग को अलग माहौल में तालमेल बिठाने का समय दीजिए। ऐसा न करने से तनाव हो सकता है और छुट्टियों से जो फायदा मिलना था वह शायद पूरा न मिल पाए।
एक अनुमान है कि हर साल करोड़ों लोग दूसरे देशों की सैर करते हैं, लेकिन उनमें से कम-से-कम आधों को कोई-न-कोई बीमारी हो जाती है या चोट लग जाती है। इसलिए ट्रैवलर्स हॆल्थ का संपादक, डॉ. रिचर्ड दाऊद समझाता है, “किसी भी यात्री को अपने स्वास्थ्य का बचाव करने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।” क्योंकि यात्री के शरीर को वातावरण में अलग नसल के विषाणुओं, भोजन और पानी से मेल बिठाने की ज़रूरत होती है, तो यह बहुत ज़रूरी है कि पहले कुछ दिनों में अपने भोजन का ध्यान रखें।
“कभी यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि भोजन सुरक्षित होगा,” डॉ. दाऊद चिताता है, “जब तक कि यह न पता हो कि वह ताज़ा है और अच्छी तरह पकाया गया (ऊष्मा विसंक्रमित) है—मांस हो तो उसमें कोई लाल कण नहीं बचना चाहिए।” लेकिन ज़रूरी नहीं कि गर्म भोजन हमेशा ही सुरक्षित हो। सो, “पता कर लीजिए कि आज दोपहर का भोजन कहीं कल रात का भोजन तो नहीं, जिसे दोबारा गर्म करके और सजाकर परोस दिया गया है।”
अतः, यदि आप ऐसी जगह छुट्टियाँ मना रहे हैं जो वहाँ से काफी फर्क है जहाँ आप रहते हैं तो आपको हमेशा अपनी मर्ज़ी के समय पर, स्थान में और स्वाद का भोजन नहीं मिलेगा। लेकिन दस्त से बचने के लिए इतनी-सी परेशानी उठाना कोई बड़ी बात नहीं। कहा गया है कि दो-तिहाई अंतर्राष्ट्रीय यात्री दस्त से पीड़ित हुए हैं।
जहाँ तक पेय की बात है, बोतल का पानी अकसर वहाँ उपलब्ध खुले पानी से ज़्यादा सुरक्षित होता है। लेकिन, समस्याओं से बचने के लिए यह बुद्धिमानी की बात है कि बोतल और डिब्बे के पेय को अपने सामने खुलवाएँ। बर्फ के इस्तेमाल से दूर रहने में भी बुद्धिमानी होगी। जब तक कि आपको पक्का न पता हो कि वह सुरक्षित है उसे शक की नज़र से ही देखिए।
छुट्टियों का मज़ा लेने के लिए ज़रूरी
अपने पाठकों का सर्वेक्षण करने के बाद एक यात्रा संपादक ने रिपोर्ट किया: “छुट्टियाँ बहुत अच्छी बीतीं या उतनी अच्छी नहीं बीतीं उसमें मौसम का बड़ा हाथ होता है, लेकिन उससे भी बड़ा हाथ होता है दोस्तों का।” असल में, “अच्छी संगति” को छुट्टियों का मज़ा लेने के लिए ज़रूरी कहा गया, उसे “सुचारू होटल, आरामदेह सफर, अच्छे भोजन और देखने के लिए दिलचस्प जगहों से भी ज़्यादा ज़रूरी” माना गया।
लेकिन छुट्टियाँ मनाते समय आपको अच्छे नये दोस्त कहाँ मिल सकते हैं? उन्हें ढूँढ़ने का एक तरीका है उस देश में वॉच टावर सोसाइटी के दफ्तर को पहले से लिखें जहाँ आप छुट्टियाँ मनाने की सोच रहे हैं। वे आपको जहाँ आप ठहरेंगे वहाँ के निकटतम यहोवा के साक्षियों के राज्यगृह का पता और सभाओं का समय बताएँगे। ऐसे कुछ दफ्तरों के पते इस पत्रिका के पृष्ठ ५ पर दिये गये हैं और विस्तृत सूची यहोवा के साक्षियों की नयी वार्षिकी (अंग्रेज़ी) में है।
छुट्टियों का मज़ा लेने और ऐसी बातों से बचने के लिए जिन पर पछतावा हो, यह ज़रूरी है कि बाइबल की बुद्धिमानी-भरी सलाह को मानें: “धोखा न खाना, बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है।” (१ कुरिन्थियों १५:३३) यदि आपके मन में कोई ऐसी इच्छा उठती है कि किसी एकांत स्थान में छुट्टियाँ मनाते समय मसीही स्तरों और प्रथाओं को भूल जाएँ तो बुद्धिमानी से इसे एक कमज़ोरी समझिए और उस इच्छा से लड़ने के लिए ईश्वरीय मदद माँगिए। माता-पिताओं को अपने बच्चों की गतिविधियों पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। याद रखिए, आप चाहे जहाँ भी हों, यह “कठिन समय” है।—२ तीमुथियुस ३:१.
जब आपका परिवार एकसाथ छुट्टियाँ मनाता है तो यह मत सोचिए कि माँ वह सब काम करेगी जो वह घर पर हमेशा किया करती है। हर दिन के काम में हाथ बँटाने के लिए तैयार रहिए। सहयोग की भावना दिखाइए। ऐसी मनोवृत्ति दिखाने से सभी जन छुट्टियों का ज़्यादा मज़ा लेते हैं।
क्या आपकी छुट्टियाँ मज़े में बीतेंगी? कुछ चुनिंदा तसवीरें, पोस्ट-कार्ड और निशानियाँ, हो सके तो कुछ स्थानीय कलाकृतियाँ भी निश्चित ही मन में मीठी यादें लाएँगी। लेकिन इसमें दो राय नहीं कि नये दोस्त खासकर याद रह जाएँगे। उनसे संपर्क रखिए। एक दूसरे को चिट्ठियाँ लिखिए और दिलचस्प अनुभव बताइए। अपनी छुट्टियों का भरपूर मज़ा लेने के कई तरीके हैं।
[पेज 15 पर तसवीर]
छुट्टियों के बारे में इन बातों को याद रखिए
जाने से पहले
• यात्रा और स्वास्थ्य संबंधी सभी ज़रूरी सही कागज़ात रखिए
• निवारक दवाएँ रखिए
सफर के दौरान
• बड़ी मात्रा में अमादक पेय लीजिए और लंबी हवाई उड़ान पर हों तो थोड़ा हिल-डुल लीजिए
• बच्चों के लिए दिलचस्प चीज़ें साथ ले जाइए
पहुँचने पर
• अपने शरीर और दिमाग को तालमेल बिठाने का समय दीजिए
• अपने आहार को सुरक्षित भोजन और पेय तक सीमित रखिए
• नैतिक सतर्कता बनाए रखिए
• परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ हर दिन के काम में हाथ बँटाइए
[पेज 14 पर तसवीर]
छुट्टियाँ मनाते समय अपनी संगति का ध्यान रखिए