डेंगू—मच्छर के काटने से हुआ बुखार
फिलिपींस में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
चुप से एक मच्छर छोटी बच्ची की खुली बाँह पर आ बैठता है और झट से उसकी त्वचा में छेद करके खून चूसने लगता है। कुछ की क्षणों में माँ की नज़र अपनी बेटी पर जाती है और वह मच्छर को देख लेती है। वह झट से मच्छर को मारती है लेकिन वह उड़ जाता है। क्या बात यहीं खत्म हो गयी? शायद नहीं। मच्छर तो उड़ चुका है, लेकिन उतनी-सी देर में उसने बच्ची के खून में ऐसे अनचाहे जीवाणु डाल दिये हैं जिनसे बीमारी हो सकती है।
दो हफ्ते के अंदर बच्ची को झुरझुरी, सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द, जोड़ों में तेज़ दर्द और तेज़ बुखार हो जाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, उसे लाल ददोरे हो जाते हैं और वह पूरी तरह पस्त हो जाती है। उसे मच्छर के काटने से डेंगू बुखार हो गया है।
लेकिन, खासकर यदि बच्ची को पहले भी डेंगू का संक्रमण हो चुका है तो इस बार यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है, उसे डेंगू रक्तस्राव बुखार (DHF) हो सकता है। इसमें खून की नलियाँ रिसने लगती हैं जिससे त्वचा से रक्तस्राव होने लगता है। आंतरिक रक्तस्राव भी हो सकता है। सही इलाज न होने पर मरीज़ को गहरा आघात हो सकता है, रक्त-संचार बंद हो सकता है और जल्द ही मृत्यु हो सकती है।
असल में डेंगू है क्या? क्या यह आपको हो सकता है? आप खुद को और अपने परिवार को कैसे बचा सकते हैं? आइए पास से देखें।
डेंगू क्या है?
डेंगू को हड्डीतोड़ बुखार भी कहते हैं। यह मच्छर के काटने से होनेवाली कई बीमारियों में से एक है। बीमारी का असल कारण है एक विषाणु। विषाणु संक्रमित मच्छर (अर्थात् वह मच्छर जिसने पहले एक संक्रमित मनुष्य को काटा है) की लार ग्रंथियों में होता है। खून चूसने के लिए व्यक्ति को काटते समय वह विषाणु को व्यक्ति में छोड़ देती है।
डेंगू के चार किस्म के विषाणु हैं। एक किस्म के विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ यह नहीं होता कि दूसरे तीन किस्म के विषाणुओं से बचाव होगा। एक संक्रमण होने के बाद, यदि मरीज़ को फिर से एक मच्छर काट लेता है जो दूसरे किस्म का विषाणु फैला रहा है, तो उसे DHF हो सकता है।
“दुनिया की ४० प्रतिशत आबादी” को खतरा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, “दुनिया की ४० प्रतिशत आबादी,” २.५ अरब लोगों को डेंगू का खतरा है। एशियावीक ने रिपोर्ट किया: “१०० से अधिक उष्ण-कटिबंधी और उसके समीपवर्ती देशों में डेंगू फैला है और हर साल करोड़ों लोग इसके शिकार होते हैं जिनमें से ९५% बच्चे होते हैं।”
यह स्पष्ट नहीं है कि दुनिया में पहली बार डेंगू का पता कब चला था। कायरो में १७७९ में हुए “घुटना बुखार” की एक रिपोर्ट शायद असल में डेंगू का ज़िक्र कर रही हो। उस समय से डेंगू की खबर दुनिया भर से मिली है। खासकर दूसरे विश्व युद्ध के समय से मनुष्य के स्वास्थ्य पर डेंगू का भारी असर हुआ है, और इसकी शुरूआत दक्षिणपूर्व एशिया से हुई है। विषाणु की अलग-अलग नसलें फैलने लगीं और इस कारण ज़्यादा खतरनाक नसल आ गयी जिससे रक्तस्राव होता है। WHO का एक प्रकाशन कहता है: “एशिया में रक्तस्राव बुखार के पहले बड़े प्रकोप की पहचान १९५४ में मनीला में हुई।” उसके बाद यह दूसरे देशों में फैला, खासकर थाइलैंड, वियतनाम, मलेशिया और पड़ोसी क्षेत्रों में। दक्षिणपूर्व एशिया में इन आरंभिक प्रकोपों से मरनेवालों की दरें १० से लेकर ५० प्रतिशत तक थीं। लेकिन जैसे-जैसे इस बीमारी के बारे में ज्ञान बढ़ा, ये दरें घट गयीं।
दशक १९६० से विषाणु फैलानेवाले मच्छर के नियंत्रण कार्यक्रमों में आयी सुस्ती के कारण डेंगू बहुत तेज़ी से बढ़ा है। जैसे डेंगू फैला है वैसे ही DHF भी फैला है। १९७० से पहले केवल ९ देशों में महामारी फैली थी, लेकिन १९९५ तक यह संख्या बढ़कर ४१ हो गयी। WHO का अनुमान है कि हर साल DHF के ५,००,००० मरीज़ों को अस्पताल में भरती करने की ज़रूरत पड़ती है।
हालाँकि यह बीमारी उष्णकटिबंधी क्षेत्रों तक ही सीमित है, फिर भी कुछ लोग उन क्षेत्रों में सफर करते समय जहाँ इससे संक्रमित होने का खतरा है इससे संक्रमित हो गये हैं और इस बीमारी को अपने साथ घर ले आये हैं। उदाहरण के लिए, १९९६ की समाप्ति के आस-पास, द न्यू यॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि अमरीका—मैसाचूसॆट्स, न्यू यॉर्क, ऑरिगन और टॆक्सस—में डेंगू के मरीज़ हैं।
DHF के खास खतरे
जैसे पहले बताया गया है, DHF डेंगू का जानलेवा रूप है। DHF का एक खतरा यह है कि लोग अनजाने में यह सोचते हैं कि यह उतना गंभीर नहीं। बहुत लोग इसे गलती से फ्लू समझ बैठते हैं। लेकिन, इलाज में देरी करने से बीमारी और भी गंभीर हो सकती है जिसमें रक्त-गणन तेज़ी से कम होता जाता है, रक्तस्राव (आंतरिक रूप से या मसूड़ों, नाक या त्वचा से) शुरू हो जाता है और रक्तचाप गिर जाता है। मरीज़ बेहोश हो सकता है। जब तक घरवालों को एहसास होता है कि मरीज़ की हालत गंभीर है, तब तक उसे आघात होने लगता है। वे उसे जल्दी से अस्पताल ले जाते हैं। वहाँ, डॉक्टरों को पता चलता है कि उसका रक्त-संचार बंद हो रहा है। उसकी गंभीर स्थिति के कारण उसकी शिरा के अंदर द्रव चढ़ाया जाता है।
अपने परिवार का बचाव करना
इस रोग के प्रभावों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है? यदि आपके इलाके में डेंगू फैला हुआ है और घर के किसी सदस्य को एक दिन से ज़्यादा समय तक तेज़ बुखार रहता है तो आपको बुद्धिमानी दिखाते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है यदि मरीज़ में डेंगू के दूसरे लक्षण भी नज़र आते हैं, जैसे ददोरे या पेशियों और जोड़ों में या आँखों के पीछे दर्द।
डॉक्टर शायद खून की जाँच करवाने को कहे। वह डेंगू जिसमें रक्तस्राव नहीं होता, आसान से इलाज से ठीक हो सकता है। लेकिन यदि खून की रिपोर्ट से पता चलता है कि उसे DHF है तो डॉक्टर अकसर सिफारिश करता है कि मरीज़ को बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ दिये जाएँ। इसके लिए ओरल रीहाइड्रेशन सलूशन दिये जाते हैं, जैसे वे जो दस्त होने पर दिये जाते हैं, या ज़्यादा गंभीर हालत हो तो रिंगर्स सलूशन, सेलाइन सलूशन इत्यादि इस्तेमाल करके शिरा के अंदर द्रव चढ़ाया जाता है। आघात के मरीज़ का इलाज करते समय, डॉक्टर कुछ दवाएँ लिख सकता है जो रक्तचाप बढ़ाने और रक्त-गणन स्तर बढ़ाने में मदद देती हैं।
यदि काफी रक्तस्राव होता है तो डॉक्टर शायद खून चढ़ाने का सुझाव दें। कुछ तो विकल्पों पर विचार किये बिना जल्दी से इसका सुझाव देने को प्रवृत्त होते हैं। लेकिन, यह परमेश्वर के नियम के विरुद्ध होने के साथ-साथ आम तौर पर अनावश्यक भी होता है। (प्रेरितों १५:२९) अनुभव ने दिखाया है कि बीमारी होते ही संचार द्रवों को ध्यान से देते रहना इलाज में सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण तत्त्व होता है। इसमें मरीज़ और डॉक्टर के बीच सहयोग रहे तो खून चढ़ाने की बात को लेकर विवादों से बचा जा सकता है। यह सब उस समय तुरंत कदम उठाने के महत्त्व पर ज़ोर देता है जब व्यक्ति को DHF का अंदेशा हो।—“लक्षण क्या हैं?” बक्स देखिए।
निवारक कदम
एईडीज़ एईजिप्टाई मच्छर डेंगू विषाणु का मुख्य वाहक है। इस जाति के मच्छर दुनिया भर में उष्णकटिबंधी और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में बहुत हैं। (संलग्न नक्शा देखिए।) एईडीज़ एईजिप्टाई मच्छर घनी आबादी वाले इलाकों में खूब पनपते हैं। मच्छरों को नियंत्रण में रखना बीमारी को नियंत्रण में रखने का एक मुख्य तरीका है।
विश्वव्यापी पैमाने पर मच्छरों को नियंत्रण में रखना आसान नहीं। लेकिन, आप अपने घर के आस-पास इस खतरे को कम करने के लिए कुछ कर सकते हैं। मादा मच्छर पानी में अंडे देती है। इल्ली ऐसी किसी भी चीज़ में बढ़ सकती है जिसमें हफ्ते भर पानी जमा रहे, जैसे फेंके हुए टायर, डब्बे, बोतल या टूटे नारियल के खोल में। ऐसी चीज़ों को दूर करने से मच्छरों को पनपने की जगह नहीं मिलेगी। इसके साथ-साथ, यह सिफारिश की जाती है कि आप बाल्टियों और किश्तियों को उलटकर रखें। नालियों में से रुका हुआ पानी निकालना भी मदद करेगा। दिलचस्पी की बात है, १९९७/९८ में स्कूल शुरू होने के समय, फिलीपींस के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इस कारण कक्षाओं में गमले न रखे जाएँ।
यदि घर में किसी को डेंगू हो जाता है तो एहतियात बरतिये कि उसे दूसरे मच्छर न काटें जो बदले में दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। अच्छा जालीदार या वातानुकूलित घर सुरक्षित हो सकता है।
वैक्सीन के बारे में क्या? अभी उचित वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उसे बनाने के लिए शोध हो रहा है, लेकिन यह काम जटिल है क्योंकि पूर्ण सुरक्षा देने के लिए चारों किस्म के डेंगू से प्रतिरक्षा की ज़रूरत होगी। एक किस्म से सुरक्षा देने की वैक्सीन असल में DHF का खतरा बढ़ा सकती है। शोधकर्ता आशा करते हैं कि पाँच से दस सालों में एक प्रभावकारी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।
कुछ शोधकर्ता दूसरा तरीका आज़माकर देख रहे हैं। वे आशा करते हैं कि वे जॆनॆटिक इंजीनियरिंग (आनुवंशिक परिवर्तन) इस्तेमाल करके डेंगू विषाणु को मच्छर के लार में पनपने से रोक सकेंगे। यदि उनकी योजना सफल रही तो ऐसे आनुवंशिक रूप से परिवर्तित मच्छर अपने बच्चों को डेंगू प्रतिरक्षा प्रदान करेंगे। हालाँकि कुछ प्रगति हुई है परंतु यह देखा जाना बाकी है कि यह कितना सफल होगा।
अभी, डेंगू को पूरी तरह दूर करना संभव नहीं लगता। लेकिन व्यावहारिक सावधानियाँ बरतने से आप और आपके प्रियजन डेंगू—मच्छर के काटने से हुए बुखार—की जानलेवा जटिलताओं से बच सकते हैं।
[पेज 23 पर बक्स]
लक्षण क्या हैं?
डेंगू बुखार और डेंगू रक्तस्राव बुखार (DHF) के लक्षण
• अचानक तेज़ बुखार
• तेज़ सिरदर्दa
• आँखों के पीछे दर्द
• जोड़ों और पेशियों में दर्द
• लसिकापर्व में सूजन
• ददोरे
• अत्यधिक थकान
खासकर DHF के लक्षण
• अचानक बेहोशी
• त्वचा से रक्तस्राव
• व्यापक रक्तस्राव
• ठंडी, चिपचिपी त्वचा
• बेचैनी
• आघात और नब्ज़ धीमी पड़ना (डेंगू शॉक सिंड्रोम)
यदि ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर के पास जाने में देरी मत कीजिए। बच्चों को खासकर खतरा रहता है
[फुटनोट]
a चिकित्सा विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐस्प्रिन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि उससे रक्तस्राव बढ़ सकता है।
[पेज 24 पर बक्स]
यात्रियों के लिए सुझाव
कभी-कभी, उष्णकटिबंधी इलाकों में यात्रा करनेवालों को डेंगू संक्रमण हो जाता है लेकिन डेंगू रक्तस्राव बुखार विरले ही होता है क्योंकि आम तौर पर यह ज़्यादा गंभीर रूप दूसरी बार डेंगू संक्रमण होने के बाद होता है। यहाँ यात्रियों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय दिये गये हैं:
• लंबी आस्तीनों की कमीज़ और लंबी पैंट पहनिए
• मच्छर भगानेवाली क्रीम या अगरबत्ती इस्तेमाल कीजिए
• घनी आबादी वाले इलाकों से दूर रहिए
• ऐसे स्थानों में रहिए जहाँ आप खिड़कियों को बंद कर सकें ताकि मच्छर अंदर न आएँ
• यदि घर लौटने के बाद आपको बुखार हो जाता है तो डॉक्टर को बताइए कि आप कहाँ गये थे
[पेज 24 पर नक्शा/तसवीर]
डेंगू फैलानेवाले मच्छर “एईडीज़ एईजिप्टाई” का इलाका
इलाके जहाँ हाल में डेंगू फैला है
इलाके जहाँ डेंगू महामारी का खतरा है
[चित्र का श्रेय]
स्रोत: रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र, १९९७
© Dr. Leonard E. Munstermann/Fran Heyl Associates, NYC
[पेज 24 पर तसवीरें]
इनके पनपने के संभव स्थान (१) फेंके गये टायर, (२) बंद नालियाँ, (३) गमले, (४) बाल्टियाँ या दूसरे बर्तन, (५) फेंके गये डब्बे, (६) कनस्तर
[पेज 24 पर चित्र का श्रेय]
© Dr. Leonard E. Munstermann/Fran Heyl Associates, NYC