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सड़कें सभ्यता का तंतु-जाल

अति-प्राचीन समय से लोगों ने पगडंडियों, सड़कों और महामार्गों का बड़ा जाल बनाकर एक दूसरे से संपर्क रखा है। सड़कें इसका प्रमाण हैं कि मनुष्य को यात्रा और व्यापार करने—साथ ही युद्ध करने और साम्राज्य खड़े करने—की इच्छा है। जी हाँ, सड़कें मनुष्य के स्वभाव का काला पहलू भी दिखाती हैं।

उस समय से लेकर जब मनुष्यों और पशुओं के पैरों से दब-दबकर पहली-पहली पगडंडियाँ बनीं हमारे आज के बड़े-बड़े महामार्गों तक सड़कों का इतिहास सिर्फ अतीत की झलकी नहीं। यह मानव स्वभाव की झलकी भी है।

शुरूआत की सड़कें

द न्यू एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका कहती है, “मन लगाकर सड़क बनानेवाले सबसे पहले लोग शायद मॆसोपोटामिया के थे।” ये लोग टिगरिस और यूफ्रेटिस नदियों के पास बसे थे। यह पुस्तक बताती है कि उनकी जिन सड़कों पर जलूस निकलते थे वे पक्की थीं। “उन्हें डामर के गारे पर पत्थर और तपी हुई ईंटें बिछाकर बनाया जाता था।” यह वर्णन शुरूआती निर्माण सामग्री के बारे में बाइबल के कथन की याद दिलाता है: “उन्हों ने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया।”—उत्पत्ति ११:३.

प्राचीन इस्राएलियों को अपने धार्मिक कर्त्तव्य निभाने के लिए सड़कों की ज़रूरत थी। यीशु मसीह के जन्म से करीब १,५०० साल पहले, इस्राएलियों को आज्ञा दी गयी: “वर्ष में तीन बार . . . तुम्हारे सब पुरुष अपने परमेश्‍वर यहोवा के साम्हने [आत्मिक पर्व मनाने के लिए] उस स्थान में जो वह चुन लेगा जाएं।” (व्यवस्थाविवरण १६:१६) वह स्थान यरूशलेम था और अकसर पूरे-पूरे परिवार इन आनंदमय अवसरों में उपस्थित होते थे। अच्छी सड़कें ज़रूरी थीं!

प्रतीत होता है कि प्रमुख सड़कें अच्छी तरह बनी थीं। यहूदी इतिहासकार फ्लेवीअस जोसीफस ने सुलैमान के बारे में, जिसने मसीह के जन्म से एक हज़ार साल पहले राज किया, यह कहा: “उसने रास्तों के प्रति लापरवाही नहीं बरती, बल्कि सड़कों के साथ-साथ काले पत्थर का एक महामार्ग बनाया जो यरूशलेम की ओर जाता था।”

इस्राएल में छः शरण नगर थे जिनमें भूल से हत्या करनेवालों को शरण मिलती थी। इन नगरों को जानेवाली सड़कें अच्छी स्थिति में रखी जाती थीं। और यहूदी परंपरा दिखाती है कि हर चौराहे पर साफ-साफ चिन्ह लगे होते थे जो सबसे पास के शरण नगर की ओर संकेत करते थे।—गिनती ३५:६, ११-३४.

सड़कें व्यापार के फैलाव के लिए ज़रूरी बन गयीं। प्राचीन समय में रेशम को बहुत ही अनमोल समझा जाता था। कहा जाता है कि एक जाति के रूप में इस्राएलियों के संगठित होने से बहुत पहले चीनी लोगों ने एक कीट के बुने हुए धागे से रेशम बनाना सीख लिया था, लेकिन उन्होंने मसीह के जन्म के बाद तक रेशम बनाने की कला को एक राज़ रखा। मसीह के जन्म से पहले ही रेशम पाश्‍चात्य जगत में इतना लोकप्रिय हो गया था कि जॆफ्री हिंडली की पुस्तक सड़कों का इतिहास (अंग्रेज़ी) के अनुसार आदेश जारी किये गये कि “पुरुष इसके इस्तेमाल से दूर रहें,” क्योंकि ऐसा करना “पौरुषहीन समझा जाता था।”

चीन से रेशम लाने के व्यापार मार्ग को रेशम मार्ग कहा जाता था। सा.यु. १३वीं शताब्दी के अंत में जब मार्को पोलो उस मार्ग से चीन गया तब तक वह मार्ग १,४०० साल पुराना हो चुका था। २,००० साल से भी ज़्यादा समय तक रेशम मार्ग दुनिया का सबसे लंबा मार्ग था। यह मार्ग करीब १२,८०० किलोमीटर लंबा था और शाँग्हाई, चीन से लेकर जो रेशम का केंद्र था, गेड्‌स (आधुनिक कडिज़), स्पेन तक जाता था।

सैन्य महत्त्व

साम्राज्य बनाने की भूख के कारण सड़क निर्माण में तेज़ प्रगति हुई। उदाहरण के लिए, कैसरों के अधीन रोमी साम्राज्य की सड़क व्यवस्था पूरे यूरोप, उत्तर अफ्रीका और मध्य पूर्व में फैली हुई थी जिसका दायरा कुल मिलाकर करीब ८०,००० किलोमीटर था। जब रोमी सैनिक युद्ध नहीं कर रहे होते थे तो कभी-कभी उन्हें सड़कें बनाने और उनकी मरम्मत करने के काम में लगा दिया जाता था।

चढ़ाई करने में सड़कों का महत्त्व हाल के समय में भी देखने में आया। अडॉल्फ हिटलर को ललक थी कि दूसरी जातियों पर राज करे। उसने १९३४ में महामार्ग बनाने का कार्यक्रम शुरू किया और इस कारण वह बहुत तेज़ी से आगे बढ़ सका। इतिहासकार हिंडली के अनुसार, इस कार्यक्रम ने जर्मनी को “दुनिया का पहला मोटर महामार्ग जाल” प्रदान किया।

सड़क निर्माण—एक विज्ञान

रोमी सर्वेक्षकों ने ग्रोमा नाम के औज़ार का इस्तेमाल करते हुए ऐसी सड़कें बनायीं जो तीर के समान सीधी होती थीं। मिस्त्रियों ने बहुत ही कलात्मक मीलपत्थर तराशे और इंजीनियरों ने माल वहन पर सीमा लगायी। सड़कों की नींव डाली जाती थी और उनकी सतह टिकाऊ होती थी। लेकिन सड़कें मुख्यतः इतनी टिकाऊ इसलिए होती थीं क्योंकि उनकी जल-निकास व्यवस्था बहुत बढ़िया थी। सड़क को हलका-सा झुकाव देकर और भी प्रभावकारी बनाया जाता था। साथ ही सड़क को आस-पास के इलाके से थोड़ा ज़्यादा ऊँचाई पर बनाया जाता था। इस प्रकार महामार्ग के लिए अंग्रेज़ी में शब्द “हाईवे” (उच्च-मार्ग) रचा गया। दुकानों पर सड़कों के नक्शे भी बिकते थे।

एक इतिहासकार कहता है कि “सड़क-निर्माताओं के रूप में रोमियों की उपलब्धि को देखकर लेखक प्रशंसा के पुल बाँध देते हैं और संभवतः मनुष्य के अतीत का ऐसा कोई दूसरा स्मारक नहीं जिसने इतनी स्थायी सेवा प्रदान की हो जितनी कि इटली की सड़कों ने की है।”

एपियन मार्ग, जो रोम से दक्षिण की ओर जाता है वह सड़कों का इतिहास पुस्तक के अनुसार “पाश्‍चात्य मानव के इतिहास में किसी भी लंबाई की पहली पक्की सड़क” है। यह प्रसिद्ध महामार्ग चौड़ाई में औसतन ६ मीटर था और इस पर लावा के बड़े-बड़े चट्टानी पत्थर बिछाये गये थे। एक कैदी के रूप में रोम जाते समय, प्रेरित पौलुस ने इस सड़क पर सफर किया और इसके कुछ हिस्से आज भी इस्तेमाल किये जाते हैं।—प्रेरितों २८:१५, १६.

बहुतों को आरंभिक दक्षिण अमरीकी आदिवासियों के सड़क-निर्माण कौशल भी उतने ही आश्‍चर्यजनक लगते हैं। १३वीं से १६वीं सदी तक, इंका लोगों ने १६,००० किलोमीटर लंबा सड़कों का महाजाल बनाया, जिसने करीब १,००,००,००० लोगों की जाति को संयुक्‍त किया। ये सड़कें कुछ अति भयंकर और ऊबड़-खाबड़ इलाके के बीच से जाती थीं, रेगिस्तान और वर्षा-प्रचुर वन और यहाँ तक कि परु में विशाल ऐंडीज़ पर्वत को पार करके निकलती थीं!

एक सड़क के संबंध में, द न्यू एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका रिपोर्ट करती है: “ऐंडीज़ मार्ग उल्लेखनीय था। यह मार्ग ७.५ मीटर चौड़ा था और ऊँची-ऊँची चोटियों पर लहराता हुआ जाता था और सुगम ढलानों से गुज़रता था। इसके लिए ठोस चट्टानों को काटकर रास्ता बनाया गया और सड़क को सहारा देने के लिए सैकड़ों फुट ऊँची टेक दीवारें बनायी गयीं। तंगघाटियों और दर्रों को अच्छी तरह पाटा गया और पर्वत पर जहाँ चौड़ी धाराएँ बह रही थीं वहाँ ऊन अथवा रेशे के तार से झूला बाँध बनाये गये। अधिकतर भागों में इसकी सतह पत्थर की थी और इसमें डामर का बहुत प्रयोग किया गया।”

इंका लोग घोड़े से अनजान थे लेकिन उनकी सड़कों के महाजाल ने उन्हें वह सुविधा दी जिसे “राजसी दूतों के लिए बढ़िया दौड़-पट्टी” कहा गया है। एक इतिहासकार ने कहा: “रास्ते-भर करीब २-२ किलोमीटर की दूरी पर पड़ाव थे। ऐसे सभी पड़ावों पर एक छोटी रक्षक-सेना और पेशेवर धावकों की टोली होती थी। हर पड़ाव के बीच का रास्ता काफी छोटा था जो कि तेज़ रिले दौड़ के लिए सही था और रात-दिन दौड़कर एक संदेश को राजधानी कूसको से २,००० किलोमीटर दूर स्थित कीटो नगर तक पाँच दिन में पहुँचाया जा सकता था। इसका अर्थ था उस सड़क पर जो रास्ते-भर समुद्र-तल से ४,००० मीटर की ऊँचाई पर थी, औसतन १५ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ना—वह रफ्तार जो सामान्य रोमी सरकारी डाक ने कभी प्राप्त नहीं की!”

त्रासदियों का स्रोत

मनुष्य के शरीर के तंतु जाम हो सकते हैं और इसके त्रासद परिणाम हो सकते हैं। उसी तरह जिन सड़कों ने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में योग दिया है वे भी जाम हो सकती हैं और जीवन की गुणवत्ता घटा सकती हैं। वर्षा-प्रचुर वनों, वीरानों, जंगलों और राष्ट्रीय उद्यानों के बीच बनी सड़कें वन्य जीवन पर कहर ढाती हैं। और अकसर ये वहाँ के मूल निवासियों और जंगलों में बने उनके घरों को भी नुकसान पहुँचाती हैं। हम सड़कें कैसे बनाते हैं (अंग्रेज़ी) पुस्तक कहती है: “अमाज़ोन के पार बना महामार्ग हालाँकि प्रगति का चिन्ह माना जाता है, लेकिन उसने वर्षा-प्रचुर वन के बड़े-बड़े क्षेत्र नष्ट कर दिये और जंगल में रहनेवाले अनेक लोगों के लिए संकट बन गया क्योंकि इसने उनका पूरा रहन-सहन बिगाड़ दिया।”

नगरों में भी इसके बहुत प्रतिकूल परिणाम हो रहे हैं जैसे-जैसे हर साल और भी ज़्यादा मोटर-गाड़ियाँ शहरी सड़कों को जाम कर रही हैं। कुछ समय बाद यदि पैसा उपलब्ध हो तो एक महामार्ग बना दिया जाता है। लेकिन आगे चलकर ये महामार्ग और भी ज़्यादा गाड़ियों को प्रोत्साहन देते हैं जिससे प्रदूषण बढ़ता है और उसके कारण लाखों लोग बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। इसके अलावा, दुनिया भर में करीब ५,००,००० लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, और एक करोड़ पचास लाख लोग घायल होते हैं, कुछ तो बहुत बुरी तरह से घायल होते हैं। तुलना करें तो पहले विश्‍व युद्ध में करीब नब्बे लाख लड़ाकुओं की जानें गयीं। लेकिन फिर युद्ध रुक गया। दूसरी ओर, सड़कों पर होनेवाली मौतें रुकी नहीं हैं—सड़क पर हर दिन, दिन-ब-दिन १,००० से ज़्यादा मौतें होती हैं!

जी हाँ, अनेक तरीकों से हमारी सड़कें हमारे बारे में कुछ कहती हैं—ये हमारे चरित्र की गवाही देती हैं, हमारी खूबियाँ और कमियाँ बताती हैं। सड़कें यह भी बताती हैं कि हम इस आश्‍चर्यजनक ग्रह के बारे में क्या सोचते हैं जो हमारी देखरेख में सौंपा गया है।

[पेज 25 पर तसवीर]

एपियन मार्ग, जिस पर प्रेरित पौलुस ने सफर किया वह आज भी इस्तेमाल किया जाता है

[पेज 26 पर तसवीर]

दुनिया भर में हर साल करीब ५,००,००० लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं

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