युवा लोग पूछते हैं . . .
मैं अपने माता-पिता के बिना कैसे जीऊँ?
“जब मैं तीन साल का और मेरी बहन चार साल की थी तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया। वे हमारे पालन-पोषण के कानूनी अधिकार के लिए अदालत गये और हमें अपनी माँ के साथ जाना पड़ा। लेकिन जब मैं सात साल का था तब मैंने और मेरी बहन ने फैसला किया कि हम जाकर अपने पिता के साथ रहेंगे।”—ओरास्यो।
कुछ साल बाद, ओरास्यो के पिता और उसकी रखैल ओरास्यो और उसकी बहन को त्यागकर चल दिये। ओरास्यो याद करता है: “इस तरह १८ की उम्र में मैं एक घराने का मुखिया बन गया। घर में मैं, मेरी १९ साल की बहन और मेरी १२ साल की सौतेली बहन थी—जिसने हमारे साथ रहने का फैसला किया था।”
जैसा पिछले अंक में बताया गया था, संसार भर में लाखों युवाओं के माता-पिता नहीं हैं।a ओरास्यो की तरह कुछ युवाओं को त्याग दिया गया है। दूसरे हैं जिनके माता-पिता मर गये हैं या युद्धों अथवा प्राकृतिक विपदाओं के कारण उनसे बिछड़ गये हैं। स्थिति जो भी हो, माता-पिता के बिना जीवन कठिन और सदमा पहुँचानेवाला हो सकता है। और यह आपके ऊपर भारी ज़िम्मेदारियाँ डाल सकता है।
‘मेरा पालन-पोषण कौन करेगा?’
आप स्थिति से कितनी अच्छी तरह निपट सकते हैं यह काफी हद तक आपकी उम्र और परिस्थितियों पर निर्भर है। स्पष्ट है कि स्थिति और भी ज़्यादा कठिन होगी यदि आप बच्चे हैं या नवकिशोर हैं। फिर भी, शायद आप पूरी तरह अकेले न हों। हो सकता है कि कोई चाचा, मौसी, या बड़ा भाई या बहन आपको अपने साथ रखने को तैयार हो।
यहोवा के साक्षियों के बीच अनाथों और विधवाओं की देखरेख करना उनकी उपासना का हिस्सा माना जाता है। (याकूब १:२७; २:१५-१७) और अकसर ऐसा होता है कि कलीसिया के लोग मदद करते हैं। उदाहरण के लिए ओरास्यो और उसकी बहनों ने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन किया था और उनकी सभाओं में जाते थे। वहाँ उन्हें एक मसीही परिवार मिला जो उनकी मदद करने लगा। “हमें मार्गदर्शन देने और प्रेम से हर दिन हमारी चिंता करने के लिए मैं यहोवा का कितना आभारी हूँ!” ओरास्यो कहता है। “कलीसिया में एक बहुत ही आध्यात्मिक परिवार था जिसने आशिष बनकर हमारी मदद की। उनके पास हमारी उम्र के बच्चे थे। उन्होंने एक तरह से हमें गोद ले लिया था और इसलिए हमें लगा कि हम सचमुच एक परिवार का हिस्सा हैं और उनका सहारा ले सकते हैं।”
लेकिन सभी युवाओं को ऐसा सुअवसर नहीं मिलता। संयुक्त राष्ट्र बाल निधि की एक रिपोर्ट कहती है: “कभी-कभी अकेले बच्चे उन परिवारों में पहुँच जाते हैं जो शारीरिक रूप से उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, पैसा या प्रगति का अवसर दिये बिना उनसे ज़बरदस्ती काम करवाते हैं, वेश्यावृत्ति में उनका इस्तेमाल करते हैं या उन्हें दास बना लेते हैं।” सो यदि आपके पास कोई है जो आपकी ठीक-ठीक देखरेख कर रहा है तो आभार मानिए।
माना, अपने माता-पिता का न होना एक भारी कमी है। और आपको इस बात पर गुस्सा आना स्वाभाविक है कि आपकी देखरेख करने के लिए वे क्यों नहीं हैं। कोई रिश्तेदार या बड़ा भाई-बहन आपसे कुछ करने के लिए कहे तो उससे आपका गुस्सा और भी ज़्यादा भड़क सकता है। लेकिन अपना गुस्सा उन पर मत उतारिए जो आपकी देखरेख करने की कोशिश कर रहे हैं। बाइबल कहती है: “देख, तू जलजलाहट से उभर के ठट्ठा [द्वेषपूर्ण कार्य] मत कर . . . चौकस रह, अनर्थ काम की ओर मत फिर।” (अय्यूब ३६:१८, २१) बाइबल में एस्तेर नाम की युवती को याद कीजिए। वह अनाथ थी और उसके चचेरे भाई मोर्दकै ने उसे पाला-पोसा था। मोर्दकै उसका अपना पिता नहीं था फिर भी वह ‘उसको आज्ञा देता था,’ और वह बड़ी होने के बाद भी उसकी आज्ञाएँ मानती थी! (एस्तेर २:७, १५, २०) आप भी आज्ञाकारी और सहयोग देनेवाले बनने की कोशिश कीजिए। इससे तनाव कम होगा और सभी को आसानी होगी।
पारिवारिक ज़िम्मेदारी
यदि आपका कोई बड़ा भाई या बहन है—या यदि आप खुद ही काफी बड़े हैं—तो शायद आप और आपके भाई-बहन अलग घर लेकर रह सकें। आपको शायद परिवार के मुखिया की भूमिका निभानी पड़े—जो बहुत भारी ज़िम्मेदारी दिख सकती है! लेकिन, ऐसी परिस्थितियों में अनेक युवाओं ने बड़ी अच्छी तरह अपने भाई-बहनों को पाला-पोसा है।
स्वाभाविक है कि आपको क्रोध की भावनाओं से निपटना पड़ सकता है। लेकिन इस बात पर विचार करना कि आप अपने भाई-बहनों से प्रेम करते हैं और उनकी परवाह करते हैं आपको ज़्यादा सकारात्मक दृष्टिकोण रखने में मदद देगा। यदि आप उनकी देखरेख करना परमेश्वर-नियुक्त कर्त्तव्य समझें तो इससे भी आपको मदद मिलेगी। आखिरकार, मसीहियों को आज्ञा दी गयी है कि अपने घराने की देखरेख करें। (१ तीमुथियुस ५:८) लेकिन अपने भाई-बहनों के माता-पिता बनने की आप चाहे जितनी कोशिश करें, असल में आप उनके माता-पिता कभी नहीं बन सकते।
अपने भाई-बहनों से यह अपेक्षा करना व्यावहारिक नहीं कि वे आपकी बातें वैसे ही मानें जैसे आपके माता-पिता की माना करते थे। असल में, उन्हें स्थिति से समझौता करके गंभीरता से आपकी बात मानने में काफी समय लग सकता है। सो इस बीच कोशिश कीजिए कि निराश न हो जाएँ। “कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा” से दूर रहिए। अपने उदाहरण से अपने भाई-बहनों को सिखाइए कि “एक दूसरे पर कृपाल, और करुणामय हो, और . . . एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।”—इफिसियों ४:३१, ३२.
ओरास्यो मानता है कि उसने गलतियाँ कीं: “कभी-कभी मैं अपने भाई-बहनों के साथ बहुत सख्ती बरतता था। लेकिन कुछ हद तक इससे सुरक्षा ही मिली और हमने यहोवा की नज़रों में सही आचरण बनाए रखा।”
अपना भरण-पोषण करना
यदि आपकी देखरेख करने के लिए आपके माता-पिता नहीं हैं तो भौतिक रूप से अपना भरण-पोषण करना निश्चित ही आपके लिए बहुत बड़ी चिंता है। हो सकता है कि मसीही कलीसिया के कुछ वयस्क सदस्य आपको और यदि आपके भाई-बहन हैं तो उनको भी खाना बनाना, सफाई करना, और घर के दूसरे काम करना सिखा दें जो आपको अब करने पड़ेंगे। लेकिन आप पैसा कहाँ से लाएँगे? शायद आपके पास काम ढूँढ़ने के अलावा दूसरा कोई चारा न हो।
लेकिन उन युवाओं को आसानी से नौकरी नहीं मिलती जिनके पास बहुत कम शिक्षा, अनुभव या हुनर होता है। सो यदि किसी भी तरह अपनी बुनियादी शिक्षा पूरी कर पाएँ—या कुछ अतिरिक्त कार्य प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकें—तो हर हालत से ऐसा कीजिए। ओरास्यो याद करता है: “मैं और मेरी बड़ी बहन काम करते थे ताकि मेरे और मेरी सौतेली बहन के स्कूल का खर्च उठा सकें।” यदि आप विकासशील देश में रहते हैं तो आपको काम ढूँढ़ने के लिए अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।—सजग होइए!, अक्तूबर २२, १९९४, अंग्रेज़ी अंक में देखिए “विकासशील देशों में रोज़गार बनाना।”
आर्थिक रूप से ज़्यादा विकसित देशों में सरकार से आर्थिक सहायता लेना भी संभव हो सकता है। अकसर, सरकारी नहीं तो प्राइवॆट एजॆंसियाँ होती हैं जो अनाथ और बेघर बच्चों की मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ एजॆंसियाँ भोजन पाने या रहने के लिए जगह ढूँढ़ने में आपकी मदद कर सकती हैं। हाँ, आपको जो भी आर्थिक मदद मिलती है उसे बुद्धिमानी से इस्तेमाल कीजिए। ‘रुपया-पैसा संरक्षण प्रदान करता है,’ बाइबल कहती है। (सभोपदेशक ७:१२, NHT) और यदि आप बजट बनाकर ध्यान से पैसा नहीं खर्च करते तो वह जल्द ही ‘पंख लगाकर आकाश की ओर उड़’ सकता है।—नीतिवचन २३:४, ५.
यदि कोई बड़ा आपकी देखरेख कर रहा है तो भौतिक रूप से अपना भरण-पोषण करना शायद भारी चिंता न हो। लेकिन, भविष्य में वह समय आएगा जब आपको अपना भरण-पोषण खुद करना पड़ेगा। क्योंकि अब आपके पास माता-पिता नहीं हैं जो पढ़ने के लिए आपको बार-बार उसकाएँ, तो पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए कड़े प्रयास की ज़रूरत हो सकती है। मसीही प्रेरित पौलुस ने तीमुथियुस को आध्यात्मिक उन्नति के बारे में जो सलाह दी वह आपकी स्कूल की पढ़ाई पर भी लागू की जा सकती है: “उन बातों को सोचता रह और उन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो।” (१ तीमुथियुस ४:१५) ऐसा करके आप अपने आस-पास के लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण रखेंगे, साथ ही खुद भी लाभ उठाएँगे।
सबसे महत्त्वपूर्ण बात है कि आपको आध्यात्मिक रूप से अपना ध्यान रखने की ज़रूरत है। आध्यात्मिक गतिविधियों का एक संतुलित नित्यक्रम बनाने की कोशिश कीजिए। (फिलिप्पियों ३:१६) उदाहरण के लिए, यहोवा के साक्षियों के बीच यह सामान्य है कि परिवार हर दिन एक बाइबल पाठ पर चर्चा करें। क्यों न इसे अपने नित्यक्रम का हिस्सा बनाएँ? बाइबल अध्ययन और मसीही सभाओं में नियमित उपस्थिति का नित्यक्रम भी आपको आध्यात्मिक रूप से मज़बूत रहने में मदद देगा।—इब्रानियों १०:२४, २५.
चुनौती का सामना करना
अपने माता-पिता के बिना जीना कठिन है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि जीवन में दुःख-ही-दुःख हैं। २०-वर्षीया पाओला की माँ तब मर गयीं जब वह सिर्फ छः साल की थी। और जब वह दस साल की थी तब उसके पिता की मृत्यु हो गयी। एक दयालु स्त्री ने उसे और उसकी चार बहनों को सहारा दिया। क्या उसका जीवन पूरी तरह दुःखमय रहा है? नहीं। पाओला कहती है: “शायद हम एकदम ठेठ परिवार की तरह नहीं हैं, लेकिन हमारा जीवन काफी सामान्य है। असल में, हमारे बीच जो प्रेम है वह अधिकतर परिवारों से ज़्यादा गहरा है।”
पाओला की बहन इरीन कहती है: “हालाँकि हमारे माता-पिता नहीं हैं, फिर भी हम दूसरे युवाओं की तरह ही हैं।” इस स्थिति में दूसरे बच्चों के लिए उसकी सलाह? “यह मत सोचिए कि आपको कोई कमी है।” इसी तरह ओरास्यो भी कहता है: “इस स्थिति ने मुझे बहुत जल्दी प्रौढ़ बना दिया।”
अपने माता-पिता को खोना बहुत ही पीड़ादायी अनुभव है। लेकिन, निश्चित रहिए कि यहोवा की मदद से आप सँभल सकते हैं और उसकी आशिष प्राप्त कर सकते हैं।
[फुटनोट]
a सजग होइए! के दिसंबर ८, १९९८ अंक में लेख “युवा लोग पूछते हैं . . . मेरे मम्मी-डैडी मुझसे क्यों बिछड़ गए?” देखिए।
[पेज 20 पर तसवीर]
आपको मसीही प्राचीनों से सहारा मिल सकता है