विषय-सूची
जनवरी – मार्च 2009
सच्ची कामयाबी—इसका राज़ क्या है? 3-9
दुनिया की नज़र में कामयाब इंसान उसे कहते हैं, जिसके पास दौलत, शोहरत या अधिकार होता है। लेकिन क्या वाकई इन चीज़ों से कामयाबी मिलती है? दरअसल सच्ची कामयाबी का मतलब है, अपनी ज़िंदगी से पूरी तरह संतुष्ट होना। और इस मायने में एक इंसान कामयाब हो सकता है। कैसे? आइए इस बारे में पढ़ें।
3 किसे कहते हैं सच्ची कामयाबी?
4 सच्ची कामयाबी की राह कौन दिखा सकता है?
6 सच्ची कामयाबी पाने के छः गुर
12 माता-पिताओं को क्या जानने की ज़रूरत है
16 माता-पिता क्या कर सकते हैं?
18 बाइबल क्या कहती है? परमेश्वर का स्वरूप क्या है?
19 बाइबल क्या कहती है? यीशु कब पैदा हुआ था?
25 नौजवान पूछते हैं मैं अपनी प्रार्थना कैसे सुधारूँ?
28 नौजवान पूछते हैं क्या मैं अपने दोस्त के गलत काम के बारे में बता दूँ?
31 विज्ञापन—इसके धोखे से रहिए सावधान!
32 “एक बहुत ही पुरानी किताब” की बदौलत वह ठीक हुई
चीज़ों के ज़रिए उपासना करना—परमेश्वर का क्या नज़रिया है? 10
मसीही होने का दावा करनेवाले और दूसरे धर्मों के लोग परमेश्वर से प्रार्थना करने के लिए कोई-न-कोई ज़रिया इस्तेमाल करते हैं, या फिर कोई रीति-रिवाज़ मानते हैं। इस बारे में परमेश्वर का क्या नज़रिया है?
जल्दी घर आने का नियम मानूँ या न मानूँ? 21
माता-पिता आप पर जो बंदिशें लगाते हैं, उनमें आप कैसे रह सकते हैं, इस बारे में जानिए।