ईमानदार होने का क्या मतलब है?
ईमानदार होने का मतलब है सच्चा और कपट से मुक्त होना। ईमानदारी आवश्यक करती है कि आप दूसरों से व्यवहार करने में निष्कपट हों—स्पष्टवादी, सम्मान्य हों, छलपूर्ण या गुमराह करानेवाले नहीं। एक ईमानदार व्यक्ति ख़राई पर चलनेवाला मनुष्य है। हमेशा भरोसेयोग्य होने की वजह से, वह अपने साथियों को कभी नहीं ठगेगा। हम सब चाहेंगे कि हम से इसी रीति से व्यवहार हो, है ना? तो क्या ईमारदारी कभी पुरानी हो सकती है?
ऊपरोक्त व्याख्याओं में मसीही फ़ौरन देखता है कि क्यों किसी व्यक्ति को, जो सच्चा उपासक होने का दावा करता है, ईमानदार होना चाहिए। (यूहन्ना ४:२४) वह ‘यहोवा, सत्यवादी ईश्वर’ की उपासना करता है। (भजन ३१:५; तीतुस १:२) विवेकपूर्वक, सिर्फ़ “सच्चे” मनुष्य उसका प्रतिनिधित्व करने के योग्य बनते हैं।—निर्गमन १८:२१, न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन रेफरेंस् बाइबल, फुटनोट.
ईमानदारी अपनी ज़िंदगी के अनेक हिस्सों पर प्रभाव डालती है, तो यह समझने योग्य है कि प्रेरित पौलुस ने कहा: “हम सब बातों में ईमानदारी से पेश आना चाहते हैं।” यह बोलने में, कार्यस्थल में, पारीवारिक मामलों में, व्यापारिक लेन-देन में, और जो कोई क़ानूनी आवश्यकताएँ सरकार हम पर लगाए, उसके अनुकूल प्रतिक्रिया करने में हमारे आचरण को शामिल करता है।—इब्रानियों १३:१८, न्यू.व.
हमारे बोलने में
अनेक तरीक़े हैं—हालाँकि जो अक़्सर निर्दोष और स्वीकार्य माने जाते हैं—जिस में लोग सत्य नहीं बोलते। अगर कुछेक का ज़िक्र करना हो तो, वे काम पर बीताए घंटों के रिपोर्ट झुठलाते हैं, भेंटकर्ताओं को बच्चों से झूठ कहलवाते हैं, बीमा एजेन्ट को अयथार्थ बयान देते हैं, और काम से छुट्टी लेने के लिए बीमार होने के विषय झूठ बोलते हैं।
कभी-कभी जो बातें हमें दूसरे से कहनी हैं, वे लिखकर देने पड़ते हैं। किसी वजह से जो व्यक्ति मौखिक रूप से कभी झूठ नहीं बोलेंगे, वे महसूस करते हैं कि यह एक अलग ही मामला है जब आयकर रिपोर्ट करने हों, या एक अंतर-राष्ट्रीय सीमा पर सीमा-शुल्क अधिकारियों के लिए मदवार देनेवाला घोषणापत्र लिखने हों। यह धोखेबाज़ी सभी करदाताओं को महँगी पड़ती है। क्या यह पड़ोसी के लिए सच्चा प्रेम है? इसके अलावा, क्या मसीहियों को यह बाध्यता नहीं कि ‘जो कैसर का है, वह कैसर को दें’?—लूका २०:२५; १०:२७; रोमियों १३:१, २, ७, ८ भी देखें.
हम जो भी बोलते हैं, हम निश्चय ही “सत्यवादी ईश्वर” का अनुकरण करना चाहते हैं, “झूठ के पिता” का नहीं। (भजन ३१:५; यूहन्ना ८:४४) सिद्धांतहीन आदमी ग़लत बयान करने या धोखा देने के लिए शायद द्वयर्थक बातचीत का सहारा लेंगे। लेकिन अपने पड़ोसी से झूठ बोलना उससे प्रेम करना नहीं है। इसके अलावा, झूठ बोलनेवालों को कोई वास्तविक भविष्य नहीं।—इफिसियों ४:२५; प्रकाशितवाक्य २१:२७; २२:१५.
कार्यस्थल में
प्राप्त आमदनी के लिए ईमानदारी से दिन का काम करना एक विवेकपूर्ण और शास्त्रीय आवश्यकता है। (कुलुस्सियों ३:२२-२४) फिर भी, कई हज़ार समय चोर हैं जो कंपनी का समय विस्तृत अवकाशों पर बरबाद करते हैं, काम पर देर से आते हैं और जल्दी निकलते हैं, काम पर पहुँचने के बाद अपने आप को सँवारने में काफ़ी समय बीताते हैं, लंबे अवधि के अनाधिकृत निजी फ़ोन कॉल करने के लिए कंपनी का फोन इस्तेमाल करते हैं, अपने खुद के धंधे कंपनी के वक्त में चलाते हैं, और झपकी भी लेते हैं। उनकी चोरी सब के लिए ख़र्च बढ़ाती है।
कार्यस्थल पर अन्य प्रकार की चोरी के अंतर्गत निजी उपयोग के लिए चीज़ें और सामान लेना है। कुछ लोग दावा करते हैं कि यह एक अपर्याप्त तनख़्वाह की पूर्ति करने के अलावा और कुछ नहीं, मानो वे एक कंजूस मालिक से बदला ले रहे हैं! पर अगर चीज़ों को लेना, मालिक या नियोक्ता को बिना बताए या उसके अनुमति के बग़ैर है, तो यह दरअसल चोरी का ही एक प्रकार है।
इन सारे स्थितियों में, सच्चा मसीही प्रेरित सलाह को अमल में लाएगा: “चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे, वरन . . . अपने हाथों से भले काम करे, इसलिए कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।”—इफिसियों ४:२८, न्यू.व.; प्रेरितों के काम २०:३५.
फिर भी, अगर आपका नियोक्ता आपको एक बेईमान या ग़ैर-क़ानूनी काम करने को कहे और यदि आप उस आदेश का पालन न करें तो आपको निकाल देने की धमकी दें, तो क्या होगा? कुछ उदाहरण: ग्राहक से ऐसे मोटर पुर्ज़ों के लिए पैसा लो जो गाड़ी में बैठा ही नहीं गए थे; बक़्सों में कम क़ीमती, घटिया माल रखो ताकि ग्राहकों से ज़्यादा भाव लिए जा सकते हैं; माल पर नए, “घटाए” दाम लिखो, जब प्रारंभिक दामें वही या इन से कम थे। अनेक कर्मचारी इसे नियोक्ता की ज़िम्मेदारी समझेंगे, मज़दूर की नहीं। ऐसी परिस्थिति से सम्मुख यहोवा के गवाहों ने क्या किया है? डॅरिल जे—— बताता है:
“जब परचून की एक बड़ी दुकान में माल मनैजर के हैसियत से काम कर रहा था, प्रबंधक वर्ग ने मुझसे प्रस्ताव किया कि दामों को बढ़ाए बग़ैर, मैं मुनाफ़े का अंतर बढ़ाऊँ। ऐसा करने के लिए कुछ सुझाव यह थे: कुछेक उत्पादन पर वज़न हद से ज़्यादा बढ़ाकर प्रदायक को ‘नक़ली’ जमा-पत्र पेश करो। सामान्य आदतें पर बेईमान।”
डॅरिल ने ग़लत विवरण देना और धोखेबाज़ी करना साफ़ इंकार किया। (नीतिवचन २०:२३) कुछ हफ़्ते बाद उसे निलंबित किया गया। क्या वह अपने परिवार को अपनी बेरोज़गारी के नतीजों को सहने देने के लिए अविवेकी न था? क्या उसने ईमानदार होने का अफ़सोस किया? नहीं, इसलिए कि जब एक संगी गवाह ने इस घटना के बारे में सुना, तब उसी ने रोज़गारी दी। डॅरिल कहता है: “तीन-चार हफ़्तों के अंदर अंदर, मैं एक बार फिर ईमानदार तरीक़ों से अपने परिवार का और अपना भरण-पोषण कर रहा था। मैं यहोवा के प्रति अपनी ख़राई बनाए रखने के कारण उससे आशीर्वाद प्राप्त करना एक विशेषाधिकार समझता हूँ।”
दूसरी ओर, आप को शायद एक नौक़री इसलिए मिलेगी कि आप ईमानदार हैं। एक सुप्रसिद्ध अंतर-राष्ट्रीय बीमा कंपनी के एक एजेन्ट ने टॉरोन्टो, कॅनाडा, के व्यापार केंद्राभिमुख में स्थित, एक फलते-फूलते दुकान के मालिक को यहोवा के गवाहों को काम पर लगाकर कर्मचारियों द्वारा की गई चोरी संबंधित अपनी समस्याएँ ख़त्म करने की सलाह दी। एजेन्ट ने समझाया: ‘जब मैं दूसरे शहर में अपना बीमा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था, मुझे पता चला कि उनके ग्राहकों में एक बड़ी सूपर-मार्किट श्रृंखला थी जो रात में परचून के शैल्फ़ फिर से भरने के लिए केवल गवाहों को नियुक्त करती थी। दूसरे कर्मचारियों के साथ उनको कुछ बुरे अनुभव हुए थे, पर जब से उन्होंने गवाहों को काम के समय के बाद आकर शैल्फों को फिर से भरने के लिए चाबियाँ दी थीं, उन्होंने एक भी चीज़ नहीं खोयी थी।
ईमानदार होने के अन्य तरीक़े
पैसे उधार लेते समय, कर्ज़दार अक़्सर विनम्रता और आदर प्रतिबिंबित करता है, और पैसे वापस करने के बारे में वह आश्वासन दिलानेवाले शब्द और मदद के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता है। लेकिन जब ऋण चुकता करने का समय आता है, कुछ कर्ज़दारों की अभिवृत्ति में एक आश्चर्यजनक जेकिल-और-हाइड परिवर्तन (अच्छे से बुरे तक का तुरंत व्यक्तित्व-परिवर्तन) आ जाता है। तब गुस्सा, शत्रुता, हिसाब चुकता करने के लिए संत्स्त किए जाने की शिक़ायतें, और कि ऋणदाता में करुणा की कमी है, ऐसे दावें नोट करना सामान्य है। कर्ज़दार के नज़रों में उदार ऋणदाता एक राक्षस में परिवर्तित हुआ है! परन्तु, बाइबल कहती है कि ‘जो ऋणी भरता नहीं वह दुष्ट है।’ (भजन ३७:२१; रोमियों १३:८) यह ख़ास तौर से उस स्थिति में होगा जब कर्ज़दार नेकनीयती प्रदर्शित करने के लिए मामूली रक़्म भी भरने का कोई प्रयत्न नहीं करता, और शायद ऋणदाता से संपर्क करने की भी कोई कोशिश नहीं करता।
पारिवारिक जीवन में ईमानदारी अनेक मामलों में ज़रूरी होती है: घर के प्रमुख को अपनी पत्नी से अपनी आमदनी और आर्थिक मामलों के विषय सत्यवादी होना चाहिए; पत्नी को वह परिवार के पैसे किस तरह ख़र्च करती है, इस विषय अपने पति से ईमानदार रहना चाहिए; दोनों को ख़राई पर चलनेवाले व्यक्ति होना चाहिए, जिस में अपनी सेक्स-दिलचस्पी एक दूसरे तक ही सीमित रखना शामिल है; बच्चे भली-भाँति करेंगे अगर वे अपने माता-पिता की नियत इच्छाओं से संगत, अपने संबंधों और अन्य प्रकार के मनोरंजन के विषय सत्यवादी और आज्ञाकारी रहेंगे।—इफिसियों ५:३३; ६:१-३.
जितना कुछ कहा गया है, उस से यह स्पष्ट होना चाहिए कि एक असली मसीही को “अधर्म त्याग” देना चाहिए—यानी वे दुष्ट कर्म और बुरे फल जो बेईमानी, झूठ, धोखेबाज़ी, कपट, और नैतिक भ्रष्टाचार के साथ जाते हैं।—२ तीमुथियुस २:१९; रोमियों २:२१-२४.
प्रतिफल और फायदें
निष्पक्षता, स्पष्टवादिता, और दूसरों से सत्यवादी लेन-देन ईमानदारी को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार भरोसा और दृढ़ विश्वास का एक वातावरण विकसित होता है, जो स्वस्थ अभिवृत्तियों और संबंधों में परिणत होता है। ईमानदारी आत्म विश्वासी जीवन यापन के लिए एक ऐसा वातावरण पैदा करती है जो शक, शंकाएँ, और दूसरों के विषय भय, से पले समय-और-शक्ति-नाश करनेवाली हमेशा सफ़ाई देने की अभिवृत्ति से मुक्त है।—तुलना यशायाह ३५:८-१० से करें.
ईमानदारी हमारा एक स्वच्छ अंतःकरण होने के लिए योग करती है, जो अत्यावश्यक है, अगर हमें, स्वीकार्य रीति से ‘जीवते परमेश्वर की सेवा’ करनी है। (इब्रानियों ९:१४; १ तीमुथियुस १:१९) यह मन की शांति देती है, जिस से रात भर अच्छी नींद आती है। आप दूसरों के सामने बिना किसी शर्मिंदगी से आ सकते हैं। ईमानदार होना अपराध करते हुए पकड़े जाने का कष्टदायक भय दूर कर देता हैं। इस तरह हम मानवी सम्मान और स्वाभिमान बनाए रखते हैं। वह किसी भी तरह पुरानी या अव्यावहारिक कैसे हो सकती है?
इस प्रकार अगर हम ईमानदार व्यक्ति हैं, तो अनेक वर्तमान प्रतिफल और फायदें हैं जो हमारे और दूसरों की ओर बहेंगे। फिर भी, और किसी चीज़ से भी ज़्यादा, हमें न सिर्फ़ इसलिए ईमानदार होना चाहिए कि यह सबसे बेहतर नीति है या इसलिए कि हमें ईमानदार होने का आदेश दिया गया है, पर इसलिए कि हम अपने पिता यहोवा से प्रेम रखते हैं। हम उस से अपना क़ीमती संबंध बनाए रखना और उसका अनुमोदन प्राप्त करना चाहते हैं। हम इस कारण से भी ईमानदार रहना चाहते हैं कि इस प्रकार हम पड़ोसी के लिए प्रेम व्यक्त करते हैं। तो, अगर सरलता से व्यक्त किया जाए, सच्चा मसीही होने का मतलब है ईमानदार होना।—मत्ती २२:३६-३९.
भजनकार कहता है: “हे यहोवा, तेरे तम्बु में कौन अतिथि होगा? तेरे पर्वत पर कौन बसने पाएगा? वह जो निर्दोषिता से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है। . . . न अपने मित्र की बुराई करता है।” (भजन १५:१-३) अगर हम यहोवा के उपासकों के तौर से ईमानदार जीवन व्यतीत करेंगे, तो जब वह न्यायत: इस वर्तमान अधर्मी व्यवस्था का नाश करेगा, और जब “परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में” होगा, तब हम उन लोगों में होंगे जो उसके “अतिथि” होने के हैसियत से अनन्त आशीर्वादों का आनन्द लेंगे। तब हम कभी पुराने न होंगे!—प्रकाशितवाक्य २१:१-५.
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क्या आप अपनी ईमानदारी को दी चुनौती से सफलतापूर्वक निपट सकते हैं?
जिस संसार में हम रहते हैं, वह जो सही है वही करने की हमारे दृढ विश्वासों और दृढ़ निश्चय को चुनौती देता है। यह दूसरों को नीचा दिखाकर भी, अपने आप को प्रथम रखने पर ज़ोर डालने के लिए रचित है।
क्या यह आपकी सत्हृदयता से रखा विचार है कि ईमानदारी अब भी सबसे बेहतर नीति है? क्या आपके दृढ़ विश्वास इतने शक्तिशाली हैं कि जब दबाव आपका परीक्षण लेंगे, वे तब भी आपको ईमानदार रख सकेंगे? मिसाल के तौर पर, आप क्या करते अगर:
◻ अनेक महीनों तक बेरोज़गार रहने के बाद, आपके हाथ एक बड़ी रक़्म लगती है जो आपके बिल भरने के लिए काफ़ी होकर आपको अतिरिक्त पैसे भी देती है?
◻ आपके पाठशाला में एक महत्त्वपूर्ण परीक्षा में बेईमानी करना एकमात्र तरीक़ा था जिस से आप एक ऐसी श्रेणी प्राप्त करते जो आपके आर्थिक भविष्य को सुनिश्चित करती?
◻ एक वैज्ञानिक के तौर से मान्यता प्राप्त करना आपसे यह आवश्यक करता कि आप अपने शोध-कार्य में से आधार-सामग्री को “समंजित” करते ताकि आपका रिपोर्ट प्रकाशित किया जाता?
◻ किसी दूसरे देश में आपकी छुट्टियों के दौरान, आप एक क़ीमती वस्तु बहुत ही वाजिब दाम पर ख़रीदते हैं लेकिन सीमा पर उसे घोषित करने का मतलब होगा कि आपको एक बहुत ही भारी शुल्क भरना होगा?
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ईमानदारी के कर्म पुराने नहीं
क्या लोग अपने संगी मनुष्यों के विषय चिंता रखते हैं? जी हाँ, हालाँकि अख़बार ईमानदारी के कर्मों को इस तरह रिपोर्ट करते हैं मानो वे अपवाद हों और इसलिए अख़बार में छापने योग्य।
फोर्ट वेन, इंडियाना, यू. एस. ए. के पुलिस दल ने एक खुले गाड़ी में, एक क़ीमती टी. वी. सेट रखकर चोरों को फँसाने की कोशिश की। उन्होंने कई हफ़्तों तक उस पर नज़र रखी, यह देखने के लिए कि क्या होता। “हम ने यह पाया कि लोग गाड़ी के पास से गुज़रते, अंदर झाँककर टी. वी. को देखते, दरवाज़ा खोलकर, ताले का बटन दबाते और दरवाज़ा बंद करके आगे निकल जाते।” ऐसा करके उन्होंने ईमानदारी दिखायी।
कॅनाडा के अख़बारों के शीर्षपंक्ति बाइबल उपदेश के फ़ायदेमंद असर के कारण गुम हुई नक़दी की वापसी के बारे में बताते हैं।
“सहायक-दाता छुट्टी बचाते हैं।”
—द विन्डसर स्टार
“ईमानदार पॅट $४२१ लौटा देता है।”
—द स्पेक्टेटर
“लापता $९८३ की वापसी व्यापारी के विश्वास को पुनःस्थापित करती है।”—द टोरॉन्टो स्टार
इन घटनाओं में, गुम हुई नक़दी लौटाने वाले लोग यहोवा के गवाह थे। पहली घटना में, घर-घर की सेवा में हिस्सा ले रहे दो नौजवान गवाहों ने उनके हाथों मिले किसी औरत का बटुआ लौटा दिया। उसने कहा: “मैं समझती हूँ कि वे लड़के लाखों में एक हैं। . . . आपको पता है, यह सचमुच ही मानव स्वभाव में अपने विश्वास को पुनःस्थापित करता है।” चूँकि वह किसी और शहर से थीं, उन युवकों के लिए वह पैसा रखना आसान होता, लेकिन उन्होंने कहा: “यह तो कुछ भी नहीं था। हम सिर्फ़ किसी और के लिए कुछ अच्छा काम कर रहे थे।”
दूसरा विवरण भी किसी यात्री से संबंधित था। “लेकिन प्रलोभन ने [पाने वाले] के मन में कोई प्रश्न न छोड़ा,” अख़बार ने रिपोर्ट किया। पाने वाले ने समझाया कि वह यहोवा का एक गवाह है, “और हम दृढ़तापूर्वक ईमानदारी में मानते हैं।”
तीसरे मामले में, जिस व्यक्ति ने नक़दी खोयी थी, उसने “अभिव्यक्त किया कि उसने मानव-जाति में अपना विश्वास लगभग खो ही दिया था।” जिस गवाह को नक़दी का भूरा कागज़ वाला बैग मिला, उसके पति ने एक संवाददाता को बताया कि बाइबल से मार्गदर्शित होना इस बात की कुंजी थी: “इस से मेरे पत्नी को” वह लौटाने के लिए “आसान हुआ।”
एक और मामले में, घर-घर काम कर रहे दो गवाहों को एक खोया हुआ तनख़्वाह का लिफ़ाफ़ा मिला। जब उन्होंने उसे स्थानीय पुलिस थाने में दिया, उस वक्त ड्यूटी पर के पुलिस अधिकारी ने कहा कि खोए हुए पैसों का कोई रिपोर्ट न था। गवाह ने सुझाव दिया कि वे स्थानीय रेडियो-प्रसारण सेवा पर इस प्राप्ति की घोषणा करें। पुलिसवाला काफ़ी उलझा हुआ सा नज़र आया। उसने कहा: “यह पैसा लौटा देने के लिए आप बहुत कोशिश कर रहे हैं। अच्छा, तुम्हारा धर्म क्या है?” जब गवाह ने जवाब दिया, पुलिस अधिकारी ने कहा: “मुझे ऐसे ही लगा, क्योंकि आप ही ऐसे लोग हैं जो इस हद तक ईमानदार हैं, कि पैसे लौटाने के लिए इतनी कोशिशें करते हैं।”
घर-घर भेंट करते हुए, यहोवा का एक गवाह, डब्लू. के——, से एक बहुत ही असाधारण बिनती की गयी। घर का आदमी और उसकी पत्नी काफ़ी बीमार थे लेकिन उनको उसी दिन बैंक में एक व्यापारिक सौदा निपटाना था। उन्होंने पूछा कि क्या गवाह वह काम करेगा? जब सहमत हुआ, उसे बैंक में $२,००० नक़दी लेने के लिए दी गयी। बैंक से लौटने पर, वह अपने आप को यह पूछने से न रोक सका: “मुझे जाने बग़ैर ही आप मुझ पर किस तरह भरोसा कर सकते थे?” जवाब: “हम जानते हैं, और सभी जानते हैं, कि यहोवा के गवाह ही ऐसे लोग हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है।”
हालाँकि सभी देशों में, यहोवा के गवाहों के अतिरिक्त, ईमानदार लोग निश्चय ही पाए जा सकते हैं, ऐसा लगता है कि विशेष व्याख्या के योग्य होने के लिए वे पर्याप्त मात्रा में असाधारण हैं। हम कितने आभारी हो सकते हैं कि ईमानदारी के विषय पर बाइबल का उपदेश फ़ायदेमंद और व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करता है!