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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1989
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1989
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बाइबल और किशोर नैतिकता

“ऐसे लग रहा है कि किशोर-किशोरियाँ सेक्स के बारे में संदेशों की ओर उनके प्रभावन से सम्बन्धित सभी सम्भव लोकों की सब से बुरी बातें प्राप्त कर चुके हैं: चित्रपट, संगीत, रेडियो और दूरदर्शन उनसे कहते हैं कि सेक्स रोमानी, उत्तेजक और रोमहर्षक है . . . फिर भी, इसी समय, युवजनों को यह संदेश मिलता है कि अच्छी लड़कियों को ‘ना’ कहना चाहिए।”​—द ॲलन गुट्‌मॅकर इन्स्टिट्यूट.

आज के युवाजन नैतिक संदिग्धता के युग में बड़े हुए हैं। किन्तु, बाइबल लैंगिक नैतिकता पर स्पष्ट, असंदिग्ध निर्देशन देती है। जब कि यौन-शिक्षण कार्यक्रम गर्भधारण से बचने की ओर केंद्रीभूत हैं, बाइबल दिखाती है कि विवाह-पूर्वी सेक्स ही वह बात है जिससे बचे रहना चाहिए। “तुम सचमुच निश्‍चित हो सकते हो कि कोई भी जो वास्तव में व्यभिचार [जिसमें विवाह-पूर्वी सेक्स सम्मिलित है] या अशुद्धता या स्वच्छन्द सम्भोग में भाग लेता है . . . परमेश्‍वर के राज्य से कुछ भी प्राप्त नहीं करेगा,” ऐसे बाइबल कहती है। (इफिसियों ५:५, द जेरूसलेम बाइबल) स्पष्टतः लैंगिक सम्बन्ध विवाह में सीमित रखना चाहिए। इस तरह, किशोर गर्भधारण की समस्या की हल, युवजनों को गर्भनिरोध सिखाना नहीं बल्कि उन्हें नैतिक और आध्यात्मिक, मार्गदर्शन देना है। यह मार्गदर्शन देना किसका उत्तरदायित्व है, यह बाइबल स्पष्ट करती है: “हे बच्चेवालों, अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो।”​—इफिसियों ६:४.

यद्यपि, एक सर्वेक्षण में युवजनों से, “सेक्स जानकारी के सूत्रों के रूप में, उनके माता-पिताओं को असंतोषजनक से लेकर बहुत संतोषजनक की श्रेणी में रखने के लिए कहा गया। युवजनों द्वारा उनकी माताओं की श्रेणी का निर्धारण साधारण कम संतोषजनक वर्ग में था। पिताओं की श्रेणी बहुत असंतोषजनक थी।” फिर क्या माता-पिताओं से अपने बच्चों को लैंगिक विषयों पर निर्देशन देने की अपेक्षा करना यथार्थवादी है?

युवजनों को नैतिक मार्गदर्शन देना

नीतिवचन ४:१-४ में राजा सुलैमान युवजनों से आग्रह करते हैं: “हे मेरे पुत्रों, पिता की शिक्षा सुनो, . . . मैं भी अपने पिता का पुत्र था, और माता का अकेला दुलारा था। और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था कि, तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे।” यह सुस्पष्ट है कि सुलैमान अपने पिता से अन्तरतन बातों की चर्चा भी कर सकता था; सुलैमान खुद आगे लैंगिक अनैतिकता पर एक बहुत खुले ढंग से चर्चा करता है।​—नीतिवचन ५:१-१९.

यहोवा के गवाहों के बीच में, कई कुटुम्ब अपने बच्चों के साथ उसी तरह का एक खुला संवाद बनाए रखते हैं​—और बड़ी सफलता के साथ! वे अपने बच्चों से लैंगिक सम्बन्धों के बारे में केवल “नहीं!” कहने की अपेक्षा कुछ करते हैं। बाइबल उन्हें अपने बच्चों को स्वच्छन्द सम्भोग से दूर रहने के लिए युक्‍तियुक्‍त कारण देने में मदद करती है। सुलैमान के शब्दों पर दोबारा विचार करें। नीतिवचन ५:३, ४ पर वह जवान पुरुषों को एक वेश्‍या के साथ लैंगिक सम्बन्ध रखने से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। “पराई स्त्री के ओठों से मधु टपकता है, और उसकी बातें तेल से भी अधिक चिकनी होती हैं।” हाँ, अनैतिकता की सम्भावना शायद बहुत सम्मोहक प्रतीत होगी। किन्तु सुलैमान चेतावनी देता है: “परन्तु इसका परिणाम नागदौना सा कडुवा और दोधारी तलवार सा पैना होता है।”

सुलैमान के समान, माता-पिता अपने बच्चों के साथ लैंगिक सम्बन्धों के परिणामों पर सोच-विचार कर सकते हैं। एक दुःखी अन्तःकरण, अनचाहा गर्भ, लैंगिक रूप से प्रदत्त बीमारियाँ जैसे एड्‌स​—ये सम्मोहक सुख के कुछ पलों के दुःखद प्रतिफल हैं। सुलेमान युवजनों को आगे उपदेश देता है कि वे “अपना यश औरों के हाथ” न दें। (नीतिवचन ५:९) क्या एक युवक या युवती का अपने आप को किसी ऐसे व्यक्‍ति को दे देना जो शादी में दिलचस्पी नहीं रखता आत्म सम्मान की कमी नहीं दिखाता? क्या केवल अपने आप के या किसी और के स्वार्थी वासनाओं को पूरा करने के रूप में काम करना अपमानजनक नहीं? माता-पिता अपने बच्चों को इन तथ्यों का मूल्यांकन करने की सहायता कर सकते है।

सुलैमान ने एक अनैतिक व्यक्‍ति के साथ व्यवहार करने के बारे में अधिक उपदेश दिया: “ऐसी स्त्री से दूर ही रह, और उसकी डेवढ़ी के पास भी न जाना।” (नीतिवचन ५:८) इसी तरह, माता-पिता युवजनों को समझौतापूर्ण परिस्थितियों से दूर रहने के लिए व्यावहारिक सलाह दे सकते हैं। वे उन्हें सिद्धांतहीन व्यक्‍तियों के साथ अकेले नहीं घूम-फिरने का अनुरोध कर सकते हैं। और जब वे प्रेमाचार को आगे बढ़ाने के योग्य बन जाते हैं, तब उन्हें पापमय व्यवहार से दूर रहने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। उदाहरणार्थ, प्रेमाचार में भाग लेनेवाला जोड़ा शायद किसी को हमेशा अपने साथ चलने की व्यवस्था कर सकते हैं। पुराने ढंग की तरह? शायद। लेकिन विवेकी पूर्वोपाय लेना, “अपने समय में जब कि तेरा शरीर क्षीण हो जाए, तब यह कहकर हाय मारने लगे, कि मैंने शिक्षा से कैसा बैर किया, . . . और अपने सिखानेवालों की ओर ध्यान न लगाया,” ऐसा कहने से बेहतर है।​—नीतिवचन ५:११-१३.

यहोवा का भय रखने के लिए युवजनों की मदद करना

कुछ अनुमान के अनुसार केवल अमरीका में ही १२० लाख से अधिक लैंगिक रूप से क्रियात्मक युवजन मौजूद हैं। एड्‌स महामारी भी इस अनैतिक प्रवाह को रोकने में कुछ न कर सकी है। किन्तु, यहोवा के गवाह अपने बच्चों में ऐसा कुछ बैठाने की कोशिश करते हैं, जो एड्‌स या गर्भधारण के भय से कहीं अधिक प्रभावशाली है: यहोवा परमेश्‍वर का एक स्वास्थ्यकर भय। नीतिवचन ५:२१ में सुलैमान युवजनों को याद दिलाता है: “क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान रखता है।” जॉन, यहोवा का एक गवाह और चार बच्चों का पिता, यह सलाह देता है: ‘बच्चों को यहोवा का एक प्रेममय भय होना सहायक है। अपने बच्चे को यह बताने से डरें नहीं कि यहोवा हमारे स्वार्थी कार्यों से दुःखी हो सकता है।’​—नीतिवचन २७:११ से तुलना करें।

निस्सन्देह, ताकि परमेश्‍वर का भय अनैतिका के लिए एक प्रभावशाली निवारक हो, एक जवान व्यक्‍ति के लिए परमेश्‍वर का बहुत वास्तविक होना आवश्‍यक है। (इब्रानियों ११:२७ से तुलना करें) माता-पिता अपने बच्चों की एक नियमित बाइबल अध्ययन, दैनिक प्रार्थना और असल अनुभवों के द्वारा परमेश्‍वर के साथ एक सच्चा सम्बन्ध विकसित करने के लिए सहायता कर सकते हैं। जब एक जवान यह मूल्यांकन करने लगता है कि परमेश्‍वर उसकी चिन्ता करता है, तब वह ऐसे आचरण से दूर रहने के लिए प्रेरित होगा जो उसे अप्रसन्‍न कर सकता है।​—१ पतरस ५:७.

यह दिलचस्पी की बात है, कि परमेश्‍वर के साथ एक नौजवान का सम्बन्ध ऐसी आवश्‍यकताओं को भी पूर्ण करने में मदद कर सकता है, जो अक़्सर कई अन्य नौजवानों में अपूर्ण रह जाती हैं। उदाहरणार्थ, विशेषज्ञ दावा करते हैं, कि स्वच्छन्द सम्भोग साधारणतः एक युवक की विवशता और स्वाभिमानहीनता की भावनाओं का सामना करने का एक तरीक़ा है। यद्यपि, ऐसी भावनाओं को उस व्यक्‍ति को कष्ट देने की आवश्‍यकता नहीं, जिसे परमेश्‍वर के साथ मित्रता है! ऐसा एक नौजवान यह कह सकता है: “देखो परमेश्‍वर मेरा सहायक है; यहोवा मेरे प्राण के सम्भालनेवालों के संग है।”​—भजन ५४:४, न्यू.व.

सेक्स और शादी के विषय में एक सन्तुलित दृष्टिकोण

निस्सन्देह, माता-पिता यह नहीं चाहते कि उनके बच्चें लैंगिक सम्बन्धों के बारे में एक कपटलज्जालु या नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें। जब कि बाइबल व्यभिचार की निन्दा करती है, वह यह भी दिखाती है कि लैंगिक घनिष्ठता बहुत सुन्दर भी हो सकती है​—अर्थात्‌, विवाह की व्यवस्था में। काव्यमय भाषा का उपयोग करते हुए सुलैमान आगे कहता है: “तेरा सोता धन्य रहे; और अपनी जवानी की पत्नी के साथ आनन्दित रह . . . उसके स्तन सर्वदा तुझे संतुष्ट रखे, और उसी का प्रेम नित्य तुझे आकर्षित करता रहे।”​—नीवितचन ५:१८, १९.

वैवाहिक सम्बन्धों के विषय में यह उच्च दृष्टिकोण पर विचार करते हुए आन्तरिक मामलों की चर्चा करने में माता-पिताओं को कष्टकर महसूस करने का कोई कारण नहीं। जॉन कहता है (पहले उल्लेखित): “हम हमेशा उनके साथ खुलकर बात करते हैं, इसलिए सेक्स का विषय कोई रहस्य नहीं है। हम बताते है कि यह सृष्टिकर्ता यहोवा की ओर से एक भेंट है जिसका सही समय पर पति और पत्नी द्वारा अनुभव किया जाना चाहिए।” दो किशोरावस्था के लड़कों का पिता कहते हैं: “उनके प्रारम्भिक वर्षों से ही हम उनके साथ सेक्स की चर्चा खुलकर की है। हम उन्हें प्रेम और सेक्स के विषय में एक श्रद्धालु, उच्च दृष्टिकोण सिखाने की कोशश की हैं। हम एक निरन्तर संवाद जारी रखते हैं।” अर्थपूर्ण रूप से, उनके बच्चे शुद्ध बने रहे हैं।

युवजनों को “उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान” बनाना

प्रेरित पौलुस ने भविष्वाणी की, “दुष्ट और बहकानेवाले बिगड़ते चले जाएंगे।” (२ तीमुथियुस ३:१३) इस तरह, नैतिक स्तर बिगड़ते जाएंगे। किशोर स्वच्छन्द सम्भोग और गर्भधारण समाज को कष्ट देते रहेंगे।

धार्मिक माता-पिता बाइबल की ओर मुड़ेंगे ताकि वे उनके बच्चों को “उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान” बना सके। (२ तीमुथियुस ३:१५) अगर आप अनुभव करते हैं कि स्वयं आप को बाइबल में की शिक्षाओं की आवश्‍यकता है तो इस मासिक पत्रिका के प्रकाशकों को लिखने के द्वारा यहोवा के गवाहों से मिलने की स्वतंत्रता महसूस करें। आपको ऐसे उपदेश मुफ़्त में पाने की व्यवस्था करने के लिए वे खुश होंगे। यहोवा के गवाह आपको प्रकाशन भी दे सकते हैं जैसे यह पुस्तक युअर यूथ, गेटिंग द बेस्ट आउट ऑफ इट।a इस में शास्त्रीय जानकारी है जिस से हज़ारों युवकों को संसार के अनैतिक फन्दों से बचने की सहायता हुई है।

परन्तु, उन लड़कियों का क्या होगा जो एक जारज गर्भधारण की दुःखान्तिकी का अनुभव कर चुके हैं? ऐसी परिस्थितियाँ निराशाजनक नहीं है। परमेश्‍वर उसे पूरी रीति से क्षमा करेगा” जो उसके आचरण से सचमुच दुःखी है। (यशायाह ५५:७) जब कि एक अयुग्मित माता या पिता होना आसान नहीं, बाइबल के सिद्धान्तों को प्रयोग में लाने के द्वारा एक व्यक्‍ति इस में सफल बन सकता है। एक जवान औरत ने, जिसे मसीही बनने से पहले, तीन जारज बच्चे हुए, यही किया। वह उसके परिवार में परमेश्‍वर के वचन को लागू करने का प्रयत्न कर रही है। यहोवा के गवाहों की एक मण्डली के साथ निकट से सम्बन्ध रखने के द्वारा उसने बहुत दिलासा और सहारा पाया। वह कहती है: “एक परमेश्‍वर की, जो इतना क्षमाशील है, सेवा करना और ऐसे भाईयों और बहनों का होना जो इतने समझदार हैं, सचमुच अत्युत्तम है। ज़िन्दगी में पहली बार मैं आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से स्वच्छ और हितकर महसूस कर रही हूँ।”

निस्सन्देह, मुख्य रूप से विवाह-पूर्वी सेक्स की समस्याओं से दूर रहना ही सब से उत्तम होगा। आनन्द से, हज़ारों युवजन आज यही कर रहे हैं क्योंकि वे बाइबल के शश्‍वत सलाह का अनुसरण कर रहे हैं।

[फुटनोट]

a वॉचटावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसाइटी ऑफ न्यू यॉर्क द्वारा प्रकाशित।

[पेज 29 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

यहोवा के गवाह अपने बच्चों में ऐसा कुछ बैठाने की कोशिश करते हैं, जो एड्‌स या गर्भधारण के भय से कहीं अधिक प्रभावशाली है: यहोवा परमेश्‍वर का एक स्वास्थ्यकर भय

[पेज 29 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

कुछ अनुमान के अनुसार केवल अमरीका में ही १२० लाख से अधिक लैंगिक रूप से क्रियात्मक युवजन मौजूद हैं

[पेज 28 पर तसवीरें]

जब लैंगिक विषयों की बात आती है तब माता-पिता अपने बच्चों के साथ एक निरंतर संवाद जारी रख सकते हैं

[पेज 30 पर तसवीरें]

मसीही युवजन ऐसे आचरण से दूर रहेंगे जो परमेश्‍वर के साथ उनके सम्बन्ध को बिगाड़ सकता है

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
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