नयी दुनिया परादीस पुनःप्राप्त!
एक नव विवाहित जोड़े का एक बहुत ही सुन्दर घर था—फूलों, पेड़ों, परिंदों और जानवरों से भरा एक बड़ा उपवन। यह परादीस था, उनके प्रेममय पिता से एक उदार भेंट! क्या वे “सदा हँसी-खुशी रहे”? नहीं। कुछ देर बाद, उन्होंने अपना घर गवाँ दिया। लेकिन क्यों?
वह परादीस घर इसलिए गवाँ दिया गया कि जो कुछ उनके पिता ने उनके लिए किया, उस जोड़े ने उसकी क़दर नहीं की। उस से भी बदतर, वे अवज्ञाकारी थे। उनकी ख़राई की परीक्षा लेने के लिए, उनके पिता ने उनसे कहा था कि वे एक पेड़ को छोड़, हर एक पेड़ का फल खा सकते थे, लेकिन उन्होंने विद्रोहात्मक रूप से अवज्ञा की और उस पेड़ से खाया।—उत्पत्ति २:१५-१७; ३:६, ७.
ऐसी सज़ा क्यों, और वह भी एक ऐसी बात के लिए जो मामूली लगे? उस सवाल का जवाब देने में शायद एक दृष्टांत देना मददगार साबित होगा। कोई दुकान मालिक एक ऐसे मैनेजर को नियुक्त करता है जिसके पास आवश्यक प्रत्यायक हैं। यह निश्चित करने के लिए कि यह नया कर्मचारी भरोसेमंद है, मालिक उसे चाबियाँ देता है लेकिन कहता है कि उसे किसी भी हालत में फलाँ दराज़ नहीं खोलना है। अगर कर्मचारी ऐसा करे, तो उसे बरख़ास्त किया जाएगा। अकेला छोड़े जाने पर, मैनेजर कौतुहल से अभिभूत होकर दराज़ खोल देता है। मालिक उसे रंगे हाथ पकड़ता है और उसे बरख़ास्त करता है।
परादीस गवाँया गया
उस जवान जोड़े से इसका क्या संबंध है? चूँकि उन्होंने निषिद्ध फल को खाया, उनके पिता ने उन्हें उनके सुन्दर घर से बरख़ास्त कर दिया। अदन की परादीस बाटिका के बाहर, उस विवाहित जोड़े, आदम और हव्वा के सम्मुख काँटे और ऊँटकटारे थे। पूर्ण होने के बजाय, वे अब अपूर्ण थे। और अनन्त काल तक जीवित रहने के बजाय, वे मरने लगे। उनके बच्चों ने उनकी अपूर्णता, पापमयता और मृत्यु विरासत में पायी।—रोमियों ५:१२.
आख़िरकार, “यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गयी है।” तदनुसार, नूह के दिनों में, परमेश्वर ने पृथ्वी को स्वच्छ करने के लिए जलप्रलय का उपयोग किया। क्या कोई मानवी उत्तरजीवी थे? सिर्फ़ आठ—नूह, उसके तीन बेटे और साथ-साथ उनकी चार पत्नियाँ। उस यात्रा की तैयारी में, जिसे हम उनकी अलग दुनिया में जाने की समुद्रयात्रा कह सकते हैं, उन्होंने परमेश्वर के आदेशों का अनुपालन करके एक बड़ा पोत बनाया था, जो कि उन्हें, अनेक प्रकार के जानवर और पर्याप्त खाद्य सामग्री ढो सकने के योग्य था। (उत्पत्ति ६:५-७, १३-२२) आदम और हव्वा ने जिस उपवन का आनन्द किसी वक्त लिया था, उसे जलप्रलय ने हमेशा के लिए नष्ट किया। इस प्रकार, परादीस गवाँ दिया गया—लेकिन हमेशा के लिए नहीं!
परादीस पुनःप्राप्त
सदियों बाद, परमेश्वर ने पाप और मृत्यु से मनुष्यजाति का उद्धार करने के लिए अपने एकलौते पुत्र को पृथ्वी पर भेज दिया। इस से यीशु मसीह पर विश्वास रखनेवालों को अनन्त जीवन पाना संभव हुआ। (यूहन्ना ३:१६) यीशु ने यह भी पूर्वबतलाया कि परादीस पुनःप्राप्त होता। वास्तव में, जब यीशु यातना खूँटे पर मर रहा था, उसने उसके पास चढ़ाए गए कुकर्मी से कहा: “तू मेरे साथ परादीस में होगा।”—लूका २३:४३.
परादीस की पुनःप्राप्ति उस घटना के बाद आएगी, जिसे अक़्सर जगत का अन्त कहा जाता है, जो कि यीशु ने पूर्वबतलाया था, जब उसके शिष्यों ने पूछा: “तेरी उपस्थिति का, और इस रीति-व्यवस्था की समाप्ति का क्या चिह्न होगा?” जवाब में, यीशु ने युद्ध, अकाल, भूईंडोल, मरियाँ, बढ़ता हुआ अधर्म, और एक सार्वभौमिक प्रचार कार्य अभियान की ओर संकेत किया। ये, और उस चिह्न की अन्य विशेषताएँ १९१४ से प्रकट हैं। (मत्ती २४:३-१४, न्यू.व.) ये इस रीति-व्यवस्था के अन्त और इस पृथ्वी पर परादीस के पुनःस्थापन के अग्रदूत हैं।
इसी भविष्यद्वाणी में, यीशु ने यह भी कहा: “अंजीर के पेड़ से यह दृष्टान्त सीखो: जब उसकी डाली कोमल हो जाती और पत्ते निकलने लगते हैं, तो जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है। इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, बरन द्वार ही पर है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जब तक ये सब बातें पूरी न हो लें, तब तक यह पीढ़ी जाती न रहेगी।” (मत्ती २४:३२-३५) अन्य बाइबल भविष्यद्वाणियाँ भी सूचित करती हैं कि परादीस की पुनःप्राप्ति या पुनःस्थापन बहुत ही नज़दीक है, कि नयी दुनिया क्षितिज पर है। लेकिन यह कैसी होगी?
नयी दुनिया—सचमुच अलग!
परमेश्वर का राज्य वर्तमान सरकारों का स्थान लेगा। (दानिय्येल २:४४) “शान्ति के राजकुमार,” यीशु मसीह द्वारा राज्य शासन के अधीन एक नयी दुनिया में सब के लिए न्याय और चिरस्थायी शान्ति होगी। (यशायाह ९:६, ७) चूँकि वह उन दुष्ट और विधिहीन तत्त्वों का नाश करेगा, जो अब मनुष्यजाति को अधिकार में रखते हैं, सिर्फ़ शान्तिप्रिय “खरे” लोग ही बचेंगे। (नीतिवचन २:२१, २२; प्रकाशितवाक्य १९:११-२१; १६:१४-१६) जी हाँ, उत्तरजीवी विनम्र और शान्तिप्रिय लोग होंगे। वह कैसी राहत होगी!
नयी दुनिया में प्रजातीय और अन्य क़िस्म के पूर्वाग्रह ग़ायब हो जाएँगे। दरअसल, लोगों की एक विशाल भीड़ ने ऐसी बातों पर विजय पाने में काफ़ी उन्नति की है। वे कौन हैं? यहोवा के गवाह। और वे किस लिए इतने अलग हैं? इसलिए कि वे अध्यवसाय से बाइबल का अध्ययन करते हैं, इसे अपने जीवन में अमल करते हैं, और अपने बीच प्रेम भाव रखते हैं। (यूहन्ना १३:३४, ३५; प्रेरितों के काम १०:३४, ३५) अब दुनिया भर में गवाहों की संख्या लाखों में है, लेकिन बाइबल पूर्वबतलाती है कि आख़िर यहोवा के उपासकों की “एक बड़ी संख्या होगी, जिन्हें गिनना असंभव होगा, और जो हर एक देश, प्रजाति, कुल और भाषा के लोगों से बनी होगी।”—प्रकाशितवाक्य ७:९, द जेरूसलेम बाइबल.
युद्ध अब और इंसानों की जानें नहीं लेगा। परमाणु शस्त्रों, अन्य युद्ध-सामग्री, और फ़ौजों पर अब और करोड़ों खर्च न होंगे। क्रांति, नृजातिय युद्ध और बाक़ी सब प्रकार की हिंसा न रहेगी। (यशायाह २:४) सैन्य प्रशिक्षण और अनिवार्य सैन्य भरती बंद किए जाएँगे, इसलिए कि वे अनावश्यक होंगे। वह क्या ही आनन्दित दिन होगा जब परमेश्वर युद्धों को समाप्त करेगा!—भजन ४६:८, ९.
सच्ची शान्ति सर्वाधिक होगी। “थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं . . . परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और शान्ति की बहुतायत में अत्युत्तम आनन्द पाएँगे।”—भजन ३७:१०, ११, न्यू.व.
अकाल के बजाय बहुतायत होगी। अनेक जगहों में, अब ग़रीब किसान काँटों और ऊँटकटारों, अनुपजाऊ ज़मीन, बढ़नेवाले रेगिस्तान, सूखे, और टिड्डियों के विध्वंसक हमलों से मुक़ाबला करते हैं। ये सब उलटा किया जाएगा। (यशायाह ३५:१, ६, ७) नतीजा? उत्पादन में एक बड़ी वृद्धि! (भजन ७२:१६) यहोवा खाने और पीने की कमियों को दूर करके, “जेवनार” तैयार करेगा!—यशायाह २५:६.
सभी लाभप्रद काम का आनन्द उठाएँगे। घर बाँधना, फल के पेड़ लगाना, और बग़ीचों की देखभाल करना कितना संतोषजनक होगा! और खुद अपने अंजीर के पेड़ के नीचे बैठकर उसके स्वादिष्ट फल खाना कितना आनन्दप्रद होगा!—मीका ४:४.
हर एक को उच्चतम कोटि के निवास दिए जाएँगे। आज, करोड़ों लोग, बस्तियों या झुग्गी-झोंपड़ियों में रहते हैं। उदाहरणार्थ, अफ्रीका में, हबशी जनसमुदाय के लाखों लोग ग्रामीण क्षेत्र छोड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें अक़्सर लोहे के नालीदार चादर के छतोंवाले कीचड़ या चिकनी मिट्टी के बने घरों में रहना पड़ता है, जिनमें स्वास्थ्य-सुविधाएँ अपर्याप्त हैं, और बहुत कम एकान्तता है। परन्तु, नयी दुनिया में, लोग बढ़िया घर बाँधेंगे और उस में रहेंगे।—यशायाह ६५:२१, २२.
मर्जों और घातक एड्स जैसी बीमारियों की जगह पूर्ण स्वास्थ्य समृद्ध होगा। प्रेरित भविष्यद्वक्ता ने पूर्वबतलाया कि कोई भी नहीं कहेगा: “मैं रोगी हूँ।” इसके अतिरिक्त, निकट आयी नयी दुनिया में, “अँधों की आँखें खोली जाएँगी और बहिरों के कान भी खोले जाएँगे; तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़ियाँ भरेगा और गूँगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे।”—यशायाह ३३:२४; ३५:५, ६.
मृत्यु, आँसू, और अंत्येष्टि के लिए बैठकस्थान ग़ायब होंगे। (प्रकाशितवाक्य २१:४) लेकिन पहले से मरे करोड़ों का क्या? पृथ्वी पर एक मनुष्य के रूप में, यीशु ने अनेक लोगों को पुनरुत्थित किया। उदाहरणार्थ, वह नाईन नाम नगर में एक नौजवान की अर्थी के साथ साथ चलनेवाले जलूस से मिला। शोकसंतप्त माँ, एक विधवा, से दिलासा के दो शब्द बोलने के बाद, यीशु ने कहा: “हे जवान, मैं तुझ से कहता हूँ, उठ!” और वह उठा! (लूका ७:११-१७) एक और प्रसंग पर, यीशु ने यह आश्वासन दिया: “वह समय आता है, कि जितने स्मरणार्थ कब्रों में हैं, . . . (वे) निकलेंगे।” (यूहन्ना ५:२८, २९, न्यू.व.) चूँकि परमेश्वर ने कई करोड़ों सितारे और अन्य खगोलीय पिण्डों की सृष्टि की और वह उनका “नाम ले लेकर” उन्हें बुलाता है, निश्चय ही करोड़ों मानवी मृतकों का पुनरुत्थान कोई समस्या खड़ा नहीं करेगा।—यशायाह ४०:२६.
क्या यह आप के लिए है?
पहले यहोवा परमेश्वर का उद्देश्य यह था कि मनुष्यजाति कभी न मरे, पर अनन्त काल तक उन अच्छी अच्छी चीज़ों का आनन्द उठाए जो वह प्रेममयता से देता है। तो आनन्दित परिवारों के साथ नयी दुनिया में जीवन के आशीर्वादों की बस कल्पना करें! उन बच्चों के बारे में सोचें जो ऐसे जानवरों के साथ खेल सकेंगे जो अभी ख़तरनाक़ हैं। (यशायाह ११:६-९) शान्ति, उत्तम गृह-प्रबंध, लाभप्रद काम और प्रचुर भोजन की आशीषों पर मनन करें। जी हाँ, और पार्थीव परादीस में अनन्त काल तक जीने के बारे में सोचें।
क्या आप वहाँ हो सकते हैं? हाँ, अगर आप परमेश्वर के वचन का यथार्थ ज्ञान लेकर उस पर अमल करेंगे। यहोवा के गवाह आपको परमेश्वर के अचूक उद्देश्यों पर अपना विश्वास बाँधने की मदद करने के लिए तैयार खड़े हैं। आप आश्वस्त रह सकते हैं कि परादीस जल्द ही पुनःप्राप्त होगा, इसलिए कि नयी दुनिया बहुत ही नज़दीक है!