समाचार पर अंतर्दृष्टि
घृणित शिक्षण
पिछले दस सालों से, न्यू यॉर्क राज्य का एक कालेज मानव लैंगिकता के विषय पर एक पाठ्यक्रम दे रहा है जिसे लेकर विद्यार्थी कालेज के तीन क्रेडिट (शैक्षिक सफलता का एक यूनिट) कमा सकते हैं। विद्यार्थियों को “वेश्याओं से बात करने के लिए ‘फ़ील्ड ट्रिप’ पर जाना, समलिंगकामियों के दारू के अड्डे देखने जाना या ऐसे समुद्र-तट जाँचना आवश्यक है, जहाँ नग्न-अवस्था में तैरना या धूप-स्नान करना अनुमत हो,” न्यू यॉर्क पोस्ट में एक स्तंभलेखक बताता है। कहा जाता है कि वर्ग के पाठ्यपुस्तक में मुखी-यौन संबंध में भाग लेने के सुस्पष्ट निर्देश दिए गए हैं और कि यह हस्तमैथुन का अभ्यास प्रोत्साहित करता है। पोस्ट के अनुसार, वर्ग के पाठ्यक्रम के एक हिस्से के तौर से, विद्यार्थियों को एक ऐसी फ़िल्म दिखायी जा रही है जिस में “मैथुन कर रहे जोड़े” और साथ-साथ “पुरुष-जातीय तथा स्त्री-जातीय शरीरों के निकट शॉट” दिखाए गए हैं। विशुद्धता और सद्गुण के मानकों से अधिक दूर और क्या हो सकता है?—फिलिप्पियों ४:८, ९.
जब कि युवाजन को जीवन की वास्तविकताएँ जानना और ऐसों के प्रति एक हितकर रवैया होना ज़रूरी है, ऐसी शिक्षा देने की मुख्य ज़िम्मेदारी माता-पिताओं की है। (नीतिवचन २२:६) अवश्य, विद्यालय का ऐसा कोई भी पाठ्यक्रम जो विवाह के बाहर यौन-संबंध प्रोत्साहित करता है और जिस में विद्यार्थियों का “एक्स” श्रेणी (अश्लील) फ़िल्में देखना और समलिंगकामुकता तथा वेश्यावृत्ति की छान-बीन करना आवश्यक है, परमेश्वर के सच्चे उपासकों को कभी मंज़ूर न होगा। बाइबल स्पष्ट रूप से व्यभिचार, परगमन और समलिंगकामुकता अभ्यासियों का वर्णन ऐसे व्यक्तियों के तौर से करती है, जिन्हें ‘नीच कामवासना’ है, और जो “निर्लज्ज” काम करते हैं। ऐसी बातों के बारे में बाइबल आदेश देती है: “व्यभिचार से बचे रहो।” और तो और, यह कहती है: “तुम में व्यभिचार . . . की चर्चा तक न हो।”—रोमियों १:२४-३२; १ थिस्सलुनीकियों ४:३; इफिसियों ५:३, ५; गलतियों ५:१९, २१.
एक झूठी आशा
मृतावस्था में एक “अधिक व्यक्तिगत विषयान्तरण” चाहनेवाले लोग ममीकरण (शव परिरक्षण प्रक्रिया) के प्राचीन अभ्यास के पक्ष में, दफ़न के परम्परागत ढंग से मुड़ रहे हैं, द वॉल स्ट्रीट जर्नल रिपोर्ट करता है। जर्नल बताता है कि $७,५०० के सबसे निम्न दाम के लिए “ग्राहक दाखरस, जड़ी-बूटियों और रासायनिक परिरक्षक पदार्थों में भिगोया जाएगा, उस पर सुगंधित तेलों का लेप लगाया जाएगा, और लिनेन, फ़ाइबरग्लास, पॉलीएथिलीन तथा पलस्तर से बने कोये में बाँधा जाएगा। शरीर के आकार में ढाँचे, सोने के आवरण वाले या रत्न-जड़ित कांस्य शव-पेटिकाएँ $१,००,००० और ज़्यादा के लिए बिक सकती हैं।
फिर भी, यह ममीकरण का अनोखापन ही नहीं जो ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है। एक व्यक्ति ने कहा कि “अगर यह सच है जो कुछेक मसीही कहते हैं कि न्याय के दिन मसीह हमें क़ब्र से बुला लाएगा, तो मैं चाहता हूँ कि सबसे अच्छी अवस्था में रहूँ।”
प्राचीन मिस्रियों की तरह जो मानते थे कि मरणोत्तर जीवन में जीवात्मा की वापसी के लिए शरीर को परिरक्षित रखा जाना चाहिए, ऐसे लोग आम तौर पर अपनी आशा की बुनियाद उस शिक्षा पर स्थापित करते हैं कि जीवात्मा अमर है। धार्मिक अगुवों ने सिखाया है कि न्याय के दिन, धर्मी और अधर्मी लोगों के शरीर अपने अपने जीवात्मा से दोबारा एक किए जाएँगे कि स्वर्गलोक के आनन्द या नरकाग्नि के दण्ड में भाग ले सके।
फिर भी, अन्तर्निहित अमरता का धर्मसिद्धांत बाइबल में नहीं सिखाया गया है। उलटा, बाइबल सिखाती है कि जीवात्मा नश्वर है। “जो प्राणी पाप करे—वही मर जाएगा।” (यहेजकेल १८:४) इस प्रकार, भावी जीवन के लिए बाइबल की आशा, अमर जीवात्मा की उत्तरजीविता पर नहीं, बल्कि परमेश्वर का किसी व्यक्ति को खुद उसी के जीवन प्रतिमान और एक उपयुक्त शरीर के साथ, जिसमें वही पहचान और यादें हों जो मरने के समय उस में थीं, पुनरुत्थित करने पर आधारित है। यीशु, सही-सही कह सका: “वह समय आता है, कि जितने क़ब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे।”—यूहन्ना ५:२८, २९.
“संसार का कोई भाग नहीं”
१९-मंज़िली इमारत के निर्माण में सामान्य नियम से विपरित करने के लाइसेंस का निवेदन करने के लिए, दो साल पहले वॉचटावर बाइबल ॲन्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ न्यू यॉर्क, इंक., के अफ़्सर न्यू यॉर्क सिटी बोर्ड ऑफ एस्टिमेट से मिले। जबकि बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने परियोजना का विरोध किया, परिवर्तन करने के लाइसेंस के पक्ष में के दो वोट न्यू यॉर्क शहर के महापौर एड्वर्ड कॉक ने डाले। एक वक्तव्य में अपने निर्णय का आधार की वजह बताते हुए, महापौर कॉक ने ग़ौर किया कि “यहोवा के गवाह . . . अच्छे पड़ोसी ही माने जा सकते हैं . . . मेरे मन में उनके प्रति गहरा आदरभाव है।” उसने आगे कहा: “मुझे बताया गया है कि धार्मिक कारणवश वे किसी चुनाव में मतदान नहीं करते और शायद यही इस परियोजना में एक समस्या है, इसलिए कि किसी विवादास्पद मामले में, जहाँ निर्वाचित अफ़्सर लोगों की बड़ी संख्या से तंग किए जाते हैं, अमतदाताओं का जीतना बहुत ही मुश्किल होता है।”
इतने सारे विरोधियों के सम्मुख अपने साहस और निष्पक्षता के लिए महापौर कॉक की सराहना की जानी चाहिए। हालाँकि अगर यहोवा के गवाह राजनीतिक चुनावों में हिस्सा लेते, तो शायद मामले का परिणाम कुछ अलग ही हुआ होता, फिर भी उन्हें राजनीतिक विषयों पर अपनी निष्पक्ष स्थिति से रोका नहीं जा सकता—इनाम चाहे कितना बड़ा क्यों न हो। सच्चे मसीहियों के लिए स्थिति स्पष्ट है। यीशु ने कहा: “जैसे मैं संसार का कोई भाग नहीं, वैसे ही वे भी संसार के कोई भाग नहीं।”—यूहन्ना १७:१६, न्यू.व.