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  • ‘यदि घर को यहोवा न बनाए . . . ’
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1991
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1991
w91 6/1 पेज 27-29

‘यदि घर को यहोवा न बनाए . . . ’

आप चाहे जहाँ भी रहते हों, कोई ऐसी एक जगह है, जो आपके लिए घर होता है। घरों के प्रकार और निर्माण तरीक़े भिन्‍न भिन्‍न होती हैं। मिट्टी और ठाठ की झोपड़ियाँ, लकड़ी के घर, पूर्वनिर्मित कंकरीट के घर—यह सूची अन्तहीन दिखाई पड़ती है। कुछ लोग घास की एक झोपड़ी में भी उतनी ही चैन महसूस करते हैं जितना कि सम्पन्‍न घरों में दूसरे महसूस करते हैं। ऐसा क्यों है?

निश्‍चिन्त महसूस करना, संतुष्ट रहना, मुख्यतः किसी की संगति पर निर्भर करता है। (नीतिवचन १८:२४) उस चमक-दमक और मोह के बावजूद जो यह संसार दे सकता है, घर एक ऐसी जगह है जहाँ एक व्यक्‍ति शांति और आराम के लिए सहज-ज्ञान से जाता है। लेकिन, आधुनिक गृह-जीवन की रिपोर्टों पर विचार करने के बाद, इसकी कोई गारंटी नहीं कि एक व्यक्‍ति घर पर हमेशा शांति और आराम पाएगा। काफ़ी हद तक वे जो आपके साथ रहते हैं—आपका परिवार—आपकी शांति का या तो हिस्सेदार बन सकते हैं या उसे भंग कर सकते हैं। तो फिर, एक आनन्दपूर्ण, शांतिमय घर के निर्माण का भेद क्या है?

घर का निर्माण करना

भजन १२७ का पहला आयत कहता है, “यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा।” जो भी सच्चे परमेश्‍वर यहोवा की उपासना के लिए इमारतों के निर्माण में भाग ले रहे हैं, महसूस करते हैं कि यह बात सत्य है। यद्यपि निपुण कर्मी अपना समय और परिश्रम उत्कृष्ट राज्य हाँलों का शीघ्र रूप से खड़ा करने के लिए स्वेच्छा से अर्पित करते हैं, यहोवा की आशीष ही सफ़लता का आश्‍वासन देता है। प्रेक्षक भी देख सकते हैं कि कुछ अनोखा घटित हो रहा है। उदाहरण के लिए, कॉलचेस्टर, इंग्लैंड, में ऐसी ही एक योजना पर रिपोर्ट करते हुए एक पत्रिका ने इस शीर्षक का उपयोग किया, “यहोवा छत उठाते हैं।”

किन्तु, यथातथ्य आक्षरिक निर्माण योजनाओं के अलावा अन्य प्रयत्न भी यहोवा की आशीष पर निर्भर करते हैं। भजन १२७ के तीसरे आयत में सुलैमान के शब्दों पर विचार कीजिए: “देखो, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।” जब परिवारों की भी बात होती है, यहोवा एक श्रेष्ठ निर्माता हैं, और माता-पिताओं को उनके सह-कर्मी या सह-मज़दूरों के रूप में कार्य करने का महान विशेषाधिकार है।a (इब्रानियों ११:१०) मसीही माता-पिता यह विशेष साझेदारी का कैसे लाभ उठा सकते हैं और सृष्टिकर्ता यहोवा परमेश्‍वर को आदर लानेवाला एक आनन्दमय शांतिपूर्ण परिवार का निर्माण करने में कैसे सफ़ल बन सकते हैं?

सफ़ल परिवार-निर्माण

सफ़ल निर्माण-कार्य की एक आवश्‍यक बात एक पक्की वास्तुकलात्मक योजना या रूपरेखा है। परमेश्‍वर के जवान प्रशंसकों का निर्माण करने के लिए उनके प्रेरित वचन, बाइबल, से अधिक बेहतर कोई रूपरेखा नहीं। (२ तीमुथियुस ३:१६, १७) सुलैमान ने लिखा था, “लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिए, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।” (नीतिवचन २२:६) वह “मार्ग जिस में उसको चलना चाहिए” यहोवा का मार्ग है, और जब माता-पिता उसका पालन करते हैं, वे अपने जवानों को परमेश्‍वर के वफ़ादार सेवक बनने की प्रत्याशा देते हैं।

एक ठोस इमारत के लिए ठोस निर्माण सामग्रियों की ज़रूरत है। यूरोप में आए हुए एक आफ्रीकी दर्शक ने इस बात पर विश्‍वास करना कठिन पाया कि उसने जो इमारतें देखीं, उन में से कुछ सैंकड़ों वर्ष पुरानी थीं। इन इमारतों में उपयोग की गई टिकाऊ सामग्रियों को देखना उसके लिए एक रहस्योद्‌घाटन था। दूसरी ओर, जब इमारत निर्माता सामग्रियों में कंजूसी करते हैं, उसका परिणाम बहुधा अनर्थकारी और कभी-कभी घातक सिद्ध होता है। बच्चों के पालन-पोषण में भी यह सच हो सकता है।

गर्भधारण के वक़्त, बच्चे पाप के कारण असम्पूर्णता से बनी एक जननिक सम्पत्ति पाते हैं। (भजन ५१:५) दूसरे शब्दों में, वे शुरुआत ही से बिगड़े हुए होते हैं। मसीही माता-पिताओं को अपने बच्चों में टिकनेवाले, ईश्‍वरीय गुणों का निर्माण करने की कोशिश करने के द्वारा इसका विरोध करना चाहिए। (१ कुरिन्थियों ३:१०-१५) जब तक ऐसा नहीं किया जाता, माता-पिता चाहे अन्य क्षेत्रों में, जैसे अपने बेटे-बेटियों को उत्तम भोजन, वस्त्र, और घर का प्रबन्ध करने में कितना भी परिश्रम क्यों ने करें, उनके निर्माण-कार्य प्रयत्नों का कोई लाभ नहीं होगा।

इसलिए माता-पिताओं के लिए, विशेषकर पिताओं के लिए ईश्‍वरीय चेतावनी यह है: “यहोवा की शिक्षा, और चेतावनी देते हुए, उन का (बच्चों का) पालन-पोषण करो।” (इफिसियों ६:४) यहोवा का अनुशासन और मानसिक नियंत्रण में सबसे उत्तम रूपरेखाएँ और निर्माण-कार्य सामग्रियाँ शामिल हैं। उनका उपयोग करना सम्पूर्ण परिवार के लिए अनन्त लाभों में परिणत होगा।

कार्य-समय पर प्रशिक्षण

अच्छी तरह से तैयार योजनाओं के बावजूद, किसी भी कार्य के दौरान, अनपेक्षित संकट उत्पन्‍न होते हैं। उसी तरह, माता-पिताओं को परिवार के सदस्यों के दैनिक जीवन में अनपेक्षित समस्याओं का पूर्वानुमान करना चाहिए और उनका सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए। यह कैसे किया जा सकता है?

माता और पिता के बीच अच्छा सम्पर्क महत्त्वूपूर्ण है। जब माता-पिता मिलकर प्रार्थनापूर्वक उनके बच्चों की उन्‍नति की चर्चा करते हैं, वे कुछ ऐसे क्षेत्र पाएँगे जहाँ प्रशंसा ज़रूरी है और दूसरे जहाँ अधिक “निर्माण-कार्य” आवश्‍यक है। एक बार ऐसी कमज़ोरियों की पहचान की जाती है, माता-पिता साथ मिलकर उनका सामना करने के लिए उचित क़दम ले सकते हैं।

लेकिन शायद आपका परिवार बड़ा हो, और आप शायद सोचें: ‘हम हमारा परिश्रम अपने कई बच्चों की व्यक्‍तिगत आवश्‍यकताओं के अनुरूप कैसे बना सकेंगे?’ क्यों न कार्य-समय प्रशिक्षण दें ताकि आपके बच्चे एक दूसरे की सहायता कर सकेंगे? कई वर्षों के लिए शिक्षार्थी श्रेष्ठ कारीगरों के साथ दस्तकारी सीखने के लिए कार्य करते हैं। शायद आपके पारिवारिक अध्ययन के समय, आप अपने किशोरावस्था के बच्चों को उनसे कम उमर के बच्चों को कुछ विषयों का विवरण देने की माँग कर सकते हैं। ईमानदारी, मित्रों का चुनाव, स्कूल में के बुरे प्रभावों का विरोध करना, इत्यादि, ऐसे विषय हैं जिनका दोनों बड़े और छोटे बच्चे विवरण दे सकते हैं। बड़े बच्चों को ऐसी वास्तविक योजनाएँ देने के द्वारा, आप उन्हें उनकी अनुबोधक शक्‍तियाँ और सीखाने की योग्यताओं को विकसित करने में प्रशिक्षण दे सकेंगे और उसी समय छोटों को वे बातें सिखा सकेंगे जिन्हें जानने की उन्हें ज़रूरत है। (इब्रानियों ५:१४) इस में भाइयों और बहनों में सच्ची बन्धुता उत्पन्‍न करने का अतिरिक्‍त लाभ है।

शायद आपका परिवार छोटा हो, और आपका एक ही बच्चा है। तो फिर, आपको अपने बच्चे को जानने और उसे समझने के कई अवसर हैं। किन्तु, अत्याधिक ध्यान का केंद्र बनाने के द्वारा अपने बच्चे को बिगाड़ने के ख़तरे के बारे में अवगत रहें। आप तीन व्यक्‍ति हैं, है ना? इसलिए साथ में कार्य करें। यह उसे दूसरों से सम्पर्क करने और अपना ध्यान बाहर की ओर लगाने के लिए सिखाएगा, जिससे वह आत्मकेंद्रित बनने से बच जाएगा।

पारिवारिक मैत्री का लक्ष्य बनाएँ

यह सच है कि एक परिवार के निर्माण-कार्य में एक बाइबल अध्ययन चलाने और सलाह और अनुशासन देने से भी अधिक शामिल है। सुलैमान ने कहा: “मनुष्य के लिए खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं।” (सभोपदेशक २:२४) इस में कोई शक नहीं कि आपका परिवार भोजन का आनन्द उठाते हैं, जब उसे स्वादिट्‌ रीति से तैयार किया जाता है। क्या आप एक परिवार के रूप में मिलकर भोजन करने की व्यवस्था करते हैं? यह हमेशा सम्भव नहीं होगा जब विभिन्‍न पारिवारिक सदस्य कार्यस्थल पर, स्कूल में या अन्य व्यवसायों के कारण बाहर रहते हैं। यद्यपि, साधारणतः कम से कम एक भोजन होगा जो आप साथ मिलकर एक परिवार के रूप में कर सकते हैं। कौनसी बातें परिवार के भोजन मेज़ पर एक हितकर वातावरण प्रदान कर सकती हैं?

एक भाई इस मौक़े को एक बाइबल प्रश्‍न उठाने के लिए उपयोग करता है ताकि उपस्थित सभी चर्चा कर सकते हैं। यह सच है कि वह उन्हें उलझन में नहीं डालता जो इसका उत्तर नहीं जानते। दूसरे सदस्य क्षेत्र सेवकाई के अनुभव बताते हैं। आध्यात्मिक विषयों पर ध्यान देने के द्वारा, भोजन समय सम्पूर्ण परिवार को बढ़ाने का अवसर बनता है। (रोमियों १४:१९ देखें।) यह सच है कि दुनिया के कुछ भागों में भोजन समय के दौरान अधिक बातें करने का रिवाज़ नहीं है। किन्तु, एक आनन्दमय वातावरण बनाए रखने के लिए एक जानकार प्रयत्न करना महत्त्वपूर्ण है। नीतिवचन १५:१७ कहता है: “प्रेमवाले घर में सागपात का भोजन, बैर वाले घर में पले हुए बैल का माँस खाने से उत्तम है।”

मसीही पारिवारिक जीवन में विश्राम और गति-परिवर्तन के भी अपने-अपने स्थान हैं। विवेकपूर्ण माता-पिता ऐसे अवसरों को एक शक्‍तिशाली पारिवारिक इकाई का निर्माण करने के लिए उपयोग करते हैं। कैसे?

जब कि जवानों को अपनी-अपनी रुचियों का विकास करने की अनुमति देना आसान है, इस में ख़तरा है। उदाहरण के लिए, जवानों को खेलकूद में इतने गहरे रूप से शामिल होने की इजाज़त देना कितना अविवेकी होगा, जब जान या शरीर के कोई अंग को हानि होने की संभावना है! (१ तीमुथियुस ४:८) जहाँ तक संभव हो, ऐसे कार्य चुने जो परिवार के हर सदस्य को शामिल करते हैं। पिता उनके मत और विचारों की माँग कर सकता है और प्रत्येक व्यक्‍ति को इसकी तैयारी में कुछ काम दे सकता है।

एक परिवार के रूप में क्या आप अपने प्रेम को चौड़ा करके, मण्डली के अन्य सदस्यों को आपकी पारिवारिक खुशियों में सहभागी होने के लिए आमंत्रित कर सकेंगे? मण्डली के वृद्ध सदस्य बहुधा इस पारिवारिक मनोवृत्ति में भाग लेने से आनन्द पाते हैं, विशेषकर जब उनके अपने परिवार पास नहीं या मसीही सिद्धान्तों के अनुसार अपना जीवन नहीं बिताते। (याकूब १:२७) कई मण्डलियों में, ऐसे परिवार हैं, जिस में केवल माता या पिता होते हैं। ईश्‍वर-शासित प्रधानता पर उचित विचार और मसीही मर्यादा का आदर करते हुए, प्राचीन और दूसरे लोग ऐसे परिवारों के सदस्यों को आध्यात्मिक आश्रय दे सकते हैं। (यशायाह ३२:१) एक प्रौढ़ मसीही वयस्क द्वारा दिखाई गई प्रेममय रुचि के परिणामस्वरूप कई “अनाथ” व्यक्‍ति एक संतुलित पारिवारिक प्रधान बन गए हैं।—भजन ८२:३.

एक मसीही परिवार का निर्माण कठिन कार्य है। लेकिन यहोवा की मदद से, आप इस बात की सचमुच क़दर करेंगे कि “लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।” (भजन १२७:१, ३) वे न केवल अपने मसीही माता-पिता के लिए बल्कि अपने सृष्टिकर्ता यहोवा परमेश्‍वर के लिए भी स्तुति का स्रोत बन सकते हैं।

[फुटनोट]

a वास्तव में, यह समझा गया है कि “निर्माता” (आयत १) और “लड़कों” (आयत ३) के लिए उपयोग किए गए इब्रानी शब्द “निर्माण करना,” इस मूल अर्थ से आए हैं। इसके अतिरिक्‍त, इब्रानी भाषा में “घर,” यह शब्द एक “रहने का स्थल” या एक “परिवार” के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। (२ शमूएल ७:११, १६; मीका १:५) इस तरह, एक घर का निर्माण परिवार के भरण-पोषण से संबंधित है। दोनों कार्यों में यहोवा की आशीष ज़रूरी है।

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