परमेश्वर की सेवा करनेवाले युवजन
क्या आपको यह असाधारण लगता है कि बढ़िया युवा लोग बिना किसी तनख़्वाह के, आपके घर आकर आपसे परमेश्वर के बारे में बात करने के लिए अपना समय देंगे? क्या यह ताज्जुब की बात लगती है कि बढ़ते हुए अविश्वास के एक युग में, बच्चे अपने माता-पिता के साथ मिलकर दूसरों से एक आनन्दित भविष्य के विषय में बाइबल के बढ़िया वादों के बारे में बात करते हैं?a
पूरी दुनिया में यहोवा के गवाहों के ६०,००० से ज़्यादा मण्डलियों की अधिकांश मण्डलियों में आप कई युवजनों से मिलेंगे। वे किसी साप्ताहिक संडे स्कूल या धर्मशिक्षा-संबंधी कक्षा में नहीं जाते। उलटा, ये युवजन मण्डली की सभाओं से फ़ायदा उठाते हैं और उन में हिस्सा भी लेते हैं। छोटे बच्चे शायद सरल टिप्पणी करेंगे। पूर्व-किशोरावस्था की उम्र के बच्चे थिओक्रॅटिक मिनिस्ट्री स्कूल में हिस्सा लेते हैं। कई किशोर-किशोरियाँ अपनी पाठशाला की छुट्टियों में पड़ोसियों को परमेश्वर के बारे में और भविष्य के लिए उनके बढ़िया वादों के बारे में सीखने की मदद करते हैं।
ऐसी युवा गतिविधियाँ कोई नयी बात नहीं है। बाइबल विश्वसनीय युवा पुरुष और स्त्री, और साथ ही युवजन और छोटे बच्चों के बारे में बताती है, जिन्होंने परमेश्वर की सेवा करने में उत्कृष्ट मिसाल प्रस्तुत किए।
भजन संहिता की बाइबल किताब में ‘जवान लोगों’ के बारे में बताया गया, जो ईश्वरीय सेवा में, “ओस” की बूँदों के समान स्फूर्तिदायक और बहुसंख्यक हैं। इस में परमेश्वर के नाम की स्तुति करनेवाले “जवानों” और “कुमारियों” के बारे में भी बताया गया है। (भजन ११०:३; १४८:१२, १३) संभवतः, सामान्य युग के वर्ष ३३ के पिन्तेकुस्त के अवसर पर, उपस्थित लोगों में कुछेक युवजन भी रहे होंगे जब परमेश्वर की पवित्र आत्मा उन पर डाल दी गयी थी। उस दिन तक़रीबन ३,००० लोगों ने वचन को स्वीकार किया और बपतिस्मा लिया। प्रेरित पतरस ने कहा कि यह चौंका देनेवाली घटना योएल की भविष्यद्वाणी की पूर्ति में हुई थी: “अन्त के दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपनी आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरनिए स्वप्न देखेंगे।”—प्रेरितों के काम २:४-८, १६, १७, ४१, न्यू.व.
अपनी युवावस्था में यहोवा परमेश्वर की सेवा करनेवाले लोगों के अन्य बाइबलीय मिसालों में शमूएल, धार्मिक राजा दाऊद, सुप्रसिद्ध भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह और दानिय्येल, और साथ ही विश्वसनीय तीमुथियुस शामिल हैं। इस अंक में तीन लेख हैं जो इन बाइबलीय मिसालों की कुछेक मिसालों पर विचार करते हैं। इन लेखों से आप देखेंगे क्यों नौजवान, और कुछ अधिक उम्रवाले व्यक्ति भी, परमेश्वर की सेवा करना इतनी संजीदगी से लेते हैं, और क्यों वे इतना समय अपने पड़ोसियों को उसी तरह करने की मदद करने में बिताते हैं।
[फुटनोट]
a १९८५ के एक गॅल्लप सर्वे ने पता लगाया कि १९४६ के बाद जन्मे सिर्फ़ १२ प्रतिशत अमरीकी लोगों ने कहा कि १६ साल की उम्र में उन्हें “बहुत ज़्यादा विश्वास” था।