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समाचार पर अंतर्दृष्टि

“सबसे ख़तरनाक़ पदार्थ”

ऐसे मुक़द्दमों की वजह से, जो उन मरीज़ों द्वारा दायर किए गए हैं, जिन्हें रक्‍ताधान द्वारा कोई घातक रोग लग गया है, रक्‍त बैंकों में चिन्ता का एक नया स्तर उत्पन्‍न हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, १९८९ के मध्य तक, अमेरिका में रक्‍त बैंकों के ख़िलाफ़ ३०० से अधिक मुक़द्दमे दायर किए गए थे। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ ब्लड बैंकस्‌ के कार्यकारी निर्देशक, गिल्बर्ट क्लार्क, ने स्वीकार किया कि “जनता सम्पूर्ण रूप से सुरक्षित खून चाहती है,” लेकिन उन्होंने क़बूल कर लिया कि इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती।

उसी तरह, परेड मॅगज़ीन रिपोर्ट करती है कि रक्‍त-विशेषज्ञ डॉ. चार्ल्स हग्गिन्ज़ क़बूल करते हैं कि खून को “अनिवार्य रूप से असुरक्षित मान लिया जाना चाहिए।” वह रक्‍त का वर्णन “चिकित्सा-विज्ञान में इस्तेमाल किया जानेवाला सबसे ख़तरनाक़ पदार्थ” के तौर से करते हैं। १९८९ के प्रारंभिक भाग से, रक्‍त बैंक जिन संक्रामक रोगों के लिए विशिष्ट रूप से जाँच करते हैं, उनकी संख्या अब पाँच तक बढ़ गयी है (प्रौढ़ T-सेल लूकेमिया से सम्बंधित HTLV-1, सिफिलिस, हेपॅटाइटिस B, एड्‌स, हेपॅटाइटिस C)। बहरहाल, अमेरिकन रेड क्रॉस अधिकारी एस. जेरल्ड सॅन्डलर के अनुसार, “ऐसा लगता है कि यह सिर्फ़ कुछ ही समय की बात है, जब हम रक्‍ताधान द्वारा फैले जानेवाले एक और विरल रोग का पता करेंगे।” ऐसी प्राणघातक संभावना के बावजूद भी, उस समय आशा की गयी थी कि १९९० के दौरान लगभग ४० लाख उत्तर अमरीकी लोगों को रक्‍ताधान दिया जाता। एक अख़बार के स्तंभ-लेखक, डब्ल्यू. गिफ़्फ़र्ड-जोन्स के अनुसार, समस्या यह है कि “यहोवा के गवाहों को छोड़कर, अधिकांश मरीज़ रक्‍ताधान की संभावना पर कभी विचार-विमर्श ही नहीं करते।”

दशकों से यहोवा के गवाह विश्‍वसनीय रूप से किसी भी रूप में ‘लहू से परे रहे’ हैं, जैसा कि परमेश्‍वर के वचन में प्रेरितों. १५:२८, २९; २१:२५ में आदेश दिया गया है। रक्‍ताधान द्वारा फैले जानेवाले भयंकर रोगों से जो सुरक्षा उन्हें मिलती है, यह मात्र यहोवा परमेश्‍वर के नियमों के प्रति उनकी आज्ञाकारिता के औचित्य को प्रमाणित करता है।

अलक्षित रूप से ग़ायब?

जोआकिम कार्डिनल माइस्नर ने, जो कि एक विवादास्पद व्यक्‍ति था जब उसे फरवरी, १९८९ में कोलोन, जर्मनी के आर्चबिशप के तौर से अधिष्ठापित किया गया, हाल में कहा कि उसका सबसे बड़ा भय यह है कि एक दिन शायद गिरजा “ग़ायब हो जाएगा—और यह शायद समाज द्वारा अलक्षित होगा।” जर्मन अख़बार हृइनिस्च पोस्ट के अनुसार, माइस्नर ने कहा: “मैं इसलिए निराश हूँ कि समाज गिरजा को निरर्थक मानने लगा है।” उसने ग़ौर किया कि एक सम्भावनीय कारण यह है कि “हम पृथ्वी के बारे में बहुत ज़्यादा बात करते हैं, और स्वर्ग के बारे में काफ़ी बात नहीं करते, वर्तमान के बारे में बहुत ज़्यादा बात करते हैं और अनन्तकाल के बारे में बहुत कम।”

इस दुनिया की समस्याओं का समाधान करने के लिए स्वर्गीय ताक़त पर भरोसा रखने के बजाय, पृथ्वी के राजनीतिक और व्यापारिक तत्त्वों के साथ एक हो जाने के द्वारा, ईसाईजगत्‌ के धर्मों ने सचमुच ही अपने दावे को, कि वे परमेश्‍वर के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, झूठ साबित किया है। इसका नतीजा गम्भीर होगा। बाइबल के अनुसार, सारा झूठा धर्म ग़ायब हो जाएगा—यह एक ऐसी घटना है जिसकी ओर “पृथ्वी के राजा” और “पृथ्वी के व्यापारी” अलक्ष्य न करेंगे, क्योंकि वे इस परिणाम के कारण रोएँगे। इसलिए, धार्मिकता के प्रेमियों को इन शब्दों की ओर ध्यान देना चाहिए: “[झूठे धर्म] में से निकल आओ; कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उस की विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।”—प्रकाशितवाक्य १८:४, ९, ११.

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