पारिवारिक दुर्गति के कारण क्या हैं?
‘वह आलसी है!’ बॉब कह उठता है। ‘वह एक निक्कमी गृह-स्वामिनी है!’
‘वह बिल्कुल सच नहीं है!’ प्रत्युत्तर में जीन कहती है। ‘मैं जो कुछ करने की कोशिश करती हूं, उसके प्रति वह मूल्यांकन नहीं दिखाता है। वह अत्यन्त आलोचना करनेवाला व्यक्ति है। इस तरह के व्यक्ति से मैं पहले कभी न मिली।’
बॉब और जीन के जीवन में ग़लती कहाँ हुई?a उनका अनुभवहीन विवाह केवल चार महीने पुराना था, पर यह पहले ही संकट के निकट पहुंच चुका था। तथापि, उनकी स्थिति असाधारण नहीं, क्योंकि आंकड़े दिखाते हैं कि वैवाहिक कलह आम है। अब विशेषज्ञ कहते हैं कि युनाइटेड स्टेट्स में सम्पन्न सभी नये विवाहों में से आधे विवाह तलाक़ में समाप्त होंगे। इसी तरह कई अन्य देशों से निराशाजनक आंकड़े आते हैं। फिर भी, तलाक़ तस्वीर का केवल एक ही हिस्सा है। अभूतपूर्व संख्या में और विभिन्न कारणों से, परिवार दुर्गति की अवस्था में हैं।
पारिवारिक दुर्गति के कुछ कारण
जब परिवार में दुःखद स्थितियां रहती हैं तब बच्चे बहुत प्रभावित होते हैं। न्यूज़वीक पत्रिका बताती है: “[युनाइटेड स्टेट्स में] पिछले दशक में जन्मे सभी बच्चों का एक तिहाई १८ वर्ष का होने से पहले संभवतः सौतेले परिवार में रहेगा। आज प्रत्येक चार बच्चों में से एक बच्चे का पालन-पोषण अकेले पिता या माता द्वारा होता है। आज के बच्चों का लगभग २२ प्रतिशत हिस्से का जन्म विवाह के बाहर हुआ; जिनमें लगभग एक तिहाई नाबालिग मांओं से जन्मा।”
पारिवारिक दुर्गति के एक सम्बन्धित कारण का उल्लेख करते हुए, बाल-दुर्व्यवहार विशेषज्ञ जे. पैट्रिक गेनन कहता है: “हाल के सर्वेक्षण दिखाते हैं कि लाखों-लाख लोग दुष्क्रियात्मक [असामान्य रीति से कार्य करने वाले] परिवारों में बढ़ते हैं, जहां मद्यसेवन से उत्पन्न उपद्रव, कौटुम्बिक व्यभिचार, या भावात्मक दुरुपयोग प्रतिदिन की वास्तविकता थी।” इस में कोई आश्चर्य नहीं कि जो बच्चे ऐसी बातों के प्रभाव में डाले जाते हैं, उनको शायद नहीं पता पड़ेगा कि वयस्कों के रूप में पारिवारिक दुर्गति से कैसे बच सकें।
कुछ प्रेक्षक पारिवारिक दुर्गति के लिए आर्थिक, सामाजिक, और नैतिक परिवर्तनों पर दोष लगाएँगे जो औद्योगिक देशों में व्यापक रूप से फैल गया है। उदाहरण के लिए, श्रमिक-वर्ग में स्त्रियों का बड़े पैमाने पर प्रवेश करने से पारिवारिक भूमिका और उत्तरदायित्वों का अकसर विक्षुब्ध कर देनेवाला पुनर्व्यवस्थापन प्रेरित हुआ है। माताएं आशंका से नौकरी की पुरानी दक्षताओं को अधिक प्रभावकारी करती हैं, पिताएं अनिच्छा से घर के कामों से भिड़ते हैं, और बच्चे रोते हुए शिशु-गृहों के जीवन के अनुकूल बनते हैं।
अनेक परिवार विश्व भर के देशों में तीव्र दबाव के नीचे दबे हैं। एक कार्यरत पिता इसकी तुलना “निरन्तर आपात-स्थिति में जीने” से करता है। इस में कोई आश्चर्य नहीं कि हाल के गेलप सर्वेक्षण के समय मतदान करनेवालों में लगभग आधे लोगों का कहना था कि अमेरिकी परिवारों की हालत आज ‘दस वर्ष पहिले हालत से बदतर है,’ और बहुत कम लोगों ने विश्वास किया कि स्थिति में सुधार होगा।
इसलिए पारिवारिक दुर्गति दूरदर्शन और रेडियो पर आयोजित बातचीतों का चिरस्थायी विषय हो गया है। आम जनता परिवार के विषय में स्वसहायता किताबों को पढ़ने में मग्न है, जिन में से कुछ ठोस और व्यावहारिक परामर्श देती हैं। यद्यपि ‘अधिक खुलकर बातचीत करने’ या ‘एक दूसरे को अपनी भावनाएँ बताने’ की सलाह सहायक हो सकती है, फिर भी यह पारिवारिक समस्याओं के वास्तविक कारण को समझने में कम पड़ गयी है। अगला लेख इसके बारे बताएगा और यह दिखाएगा कि पारिवारिक दुर्गति का सामना कैसे किया जाए।
[फुटनोट]
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