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    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1994
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1994
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संसार पर भय की जकड़ है

फरवरी २६, १९९३ के दिन एक विशाल कार-बम विस्फोट ने न्यू यॉर्क शहर में ११०-मंज़िले विश्‍व व्यापार केंद्र को हिला दिया। हज़ारों श्रमिक रुकी हुई लिफ्टों में फँस गए या उन्हें धुएँ-भरी सीढ़ियों से भागना पड़ा। उन्होंने उस भय का अनुभव किया जो इस हिंसात्मक संसार में अब सर्वत्र फैला हुआ है।

अनेक देशों में लोग बमों द्वारा आतंकित हुए हैं, जो कि आयरलैंड और लेबनान जैसे देशों में साधारण बन गए हैं। बम्बई, भारत में, मात्र एक ही दिन—मार्च १२, १९९३—को १३ विस्फोट हुए जिनमें कुछ २०० लोग मारे गए! एक प्रेक्षक ने कहा: “पूरे बम्बई में दहशत फैली हुई है।” न्यूज़वीक पत्रिका के अनुसार, एक कार बम का “इतना आम होना ही उसे और अधिक भयानक बना देता है।”

परमाणु भय क़ायम है

लोगों में यह भय है कि परमाणु-रिऐक्टर बमों से सुरक्षित नहीं हैं। एक परमाणु बिजली-संयंत्र पर एक सफल आक्रमण अत्यधिक क्षति और दुःख पहुँचा सकता है। अमरीका में थ्री माइल आइलैंड के परमाणु बिजली-घर के सुरक्षा फाटक को अपनी कार से टक्कर मार कर अन्दर घुसने के एक व्यक्‍ति के प्रयास ने इस भय को विश्‍वास में बदल दिया है।

अनेक लोगों को भय है कि आतंकवादी और अधिकार के भूखे शासक परमाणु अस्त्र प्राप्त कर लेंगे। कुछ भयभीत हैं कि हज़ारों बेरोज़गार सोवियत परमाणु वैज्ञानिक अपने कौशल को बेचने की कोशिश करेंगे। इसके अतिरिक्‍त हालाँकि स्टार्ट (स्ट्रैटेजिक आर्म्स्‌ रिडक्शन ट्रीटी) संधि सारे सामरिक अणु अस्त्रों के निराकरण की माँग करती है, यह १९९९ के अन्त तक या उसके बाद तक भी पूरी तरह कार्यान्वित नहीं हो पाएगी। इस बीच, किसी सनकी नव-शक्‍ति प्राप्त व्यक्‍ति द्वारा इन शस्त्रों का संभाव्य इस्तेमाल पहाड़ पर ख़तरे के तूफ़ानी बादल की तरह मँडराता रहेगा।

हिंसा भय को बढ़ावा देती है

हिंसात्मक अपराध में व्यापक वृद्धि लोगों को अपने घरों में और सड़कों पर भयभीत करती है। वर्ष १९९० में अंदाज़न २३,२०० अमरीकी लोगों की हत्या की गयी। उदाहरण के लिए, शिकागो शहर में क्रैक कोकीन के इस्तेमाल में वृद्धि एक साल में लगभग ७०० हत्याओं का कारण बनी। कुछ शहरों के कई क्षेत्र लड़ाई के मैदान बन गए हैं जहाँ राहगीर, जिनमें बच्चे भी सम्मिलित हैं, तिरछी-गोलंदाज़ी में मारे गए हैं। एक पत्रिका कहती है: “मध्याकार शहरों में हिंसा शीघ्रता से बढ़ रही है। . . . कोई प्रतिरक्षित नहीं है क्योंकि [अमरीका] के सभी समुदाय नशीली दवाइयों और युवा गुंडों से भरे हुए हैं। हर साल प्रति ४ अमरीकी परिवारों में से १ परिवार किसी हिंसात्मक अपराध या चोरी का अनुभव करता है।”—यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट, अक्‍तूबर ७, १९९१.

बलात्कार का भय स्त्रियों को आशंकित कर देता है। फ्रांस में रिपोर्ट किए गए बलात्कार १९८५ से १९९० तक ६२ प्रतिशत बढ़ गए। कनाडा में छः साल के अन्दर लैंगिक हमले दुगने हो कर २७,००० हो गए। जर्मनी ने प्रति सात मिनट में एक स्त्री पर लैंगिक हमले की रिपोर्ट दी।

बच्चे भी अपनी सुरक्षा के लिए चिन्तित रहते हैं। न्यूज़वीक रिपोर्ट करती है कि अमरीका में, “चौथी और पाँचवीं कक्षा के बच्चे भी अपने आप को हथियारों से लैस कर रहे हैं, और शिक्षक तथा स्कूल अधिकारी भयाकुल हो रहे हैं।” स्थिति इतनी गम्भीर है कि एक चौथाई बड़े शहरी स्कूल क्षेत्र धातु-डिटेक्टर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन दृढ़निश्‍चयी बच्चे खिड़कियों से दूसरों को बन्दूकें पार करने के द्वारा इनसे भी एक रास्ता निकाल लेते हैं।

एडस्‌ का भय

अधिकाधिक लोग भयभीत हैं कि उन्हें एडस्‌ न लग जाए। केवल अमरीका में ही २,३०,००० से अधिक किस्से हुए हैं। एडस्‌ १५- से २४-वर्षीय व्यक्‍तियों के बीच मृत्यु का छठवाँ प्रमुख कारण बन गया है। न्यूज़वीक कहती है कि, “भविष्य में और अधिक व्यापक बीमारी की डरावनी संभावना है।”

नृत्य, नाट्यशाला, फ़िल्म, संगीत, फ़ैशन, टेलीविज़न, कला, और समान पेशे के लोगों के बीच एडस्‌ से होनेवाली मृत्यु बढ़ती संख्या में सामान्य होती जा रही है। एक रिपोर्ट ने कहा कि पैरिस में रहनेवाले उन पुरुषों में से, जिनका पेशा पत्रकारी, कला, और मनोरंजन है, और जिनकी उम्र २५ से ४४ वर्ष के बीच है, ६० प्रतिशत पुरुषों की मृत्यु एडस्‌ के कारण हुई। डब्ल्यू.एच.ओ. (विश्‍व स्वास्थ्य संगठन) रिपोर्ट करता है कि विश्‍वभर में अस्सी लाख से एक अरब लोग एच.आई.वी. से संक्रमित हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. का एक निर्देशक, डॉ. माइकल मरसन कहता है: “यह अब स्पष्ट है कि पूरी पृथ्वी पर एच.आई.वी. संक्रमण की हताहतें शीघ्रता से बढ़ रही हैं, विशेष रूप से विकासशील देशों में।”

निश्‍चय ही, पर्यावरण संबंधी और अन्य भय भी हैं। फिर भी, केवल पूर्ववर्त्ती रिपोर्टें ही सुस्पष्ट कर देती हैं कि संसार पर भय की जकड़ है। क्या इसमें कुछ विशेष रूप से अर्थपूर्ण बात है? क्या हम कभी भय से स्वतन्त्रता का आनन्द उठाने की प्रत्याशा कर सकते हैं?

[पेज 2 पर चित्र का श्रेय]

Cover photos: Left: Tom Haley/Sipa Press; Bottom: Malanca/Sipa Press

[पेज 3 पर चित्र का श्रेय]

Bob Strong/Sipa Press

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